बाराबंकी 21 अप्रैल 24 *राजनाथ शर्मा सिविल नाफरमानी के योद्धा : अरविन्द सिंह गोप
– लोकतंत्र रक्षक के 80वें जन्मदिवस पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रम
बाराबंकी। देवा रोड स्थित गांधी भवन में रविवार को लोकतंत्र रक्षक सेनानी एवं वरिष्ठ समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा का 80वां जन्मदिन मनाया गया। जो डॉ. राममनोहर लोहिया के समय समाजवादी आंदोलन में शामिल हुए थे। उन्नीस साल की उम्र में वे जेल इसलिए गए कि डा. लोहिया के नेतृत्व में वे किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाना चाहते थे। फिर बीस बरस की उम्र में वे जेल इसलिए गए कि अंग्रेजी हटाना चाहते थे। क्योंकि वे चाहते थे कि ‘गॉधी लोहिया की अभिलाषा, चले देश में देश की भाषा’। तीसरी बार राजनाथ शर्मा जेल गए ‘सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, पिछाड़ पावें सौ में साठ’ इस उद्घोष के साथ। जीवन में अब तक उनका दूसरा ठिकाना जेल बन गया था। अब वह 80 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और समाजवादी आंदोलन का दिया जलाए हुए हैं। वह न कभी चुनाव लड़े और न कोई शासकीय पद लिया। जनसरोकार से जुड़ी ऐसी शख्सियत को बधाई देने वालों का हुजूम गांधी भवन में इकट्ठा रहा। इस दौरान आशीर्वचन समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय सचिव अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि राजनाथ शर्मा सिविल नाफरमानी के योद्धा हैं। ना मानेंगे, ना मारेंगे उनके जीवन का सूत्र है। वह समाजवाद के अभिलेखागार हैं। अगर आप समाजवाद को जानना समझना चाहते हैं। तो उन्हें खंगालना पड़ेगा। राजनाथ शर्मा वह जिन्दा कौम है जो पांच साल इन्तजार नहीं करती। वह जब सत्ता में रहते हैं। तब भी सड़क पर संघर्ष के हिमायती है। यह उनकी पहचान है। पूर्व प्रशासक सुधेश कुमार ओझा ने कहा कि राजनाथ शर्मा से मिलना सदा प्रेरणादायी और ऊर्जा दायक होता है। देश और दुनिया को देखने की समझ भी बढ़ती है। 80 वर्ष की उम्र में उनकी याददाश्त, उत्साह और कार्यक्षमता ज्यों की त्यों कायम है, जो सभी को आश्चर्यचकित करती है।आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन तिवारी ने कहा कि राजनाथ जी ने समाजवादियों का जीवन कैसा होना चाहिए इसका आदर्श देश और दुनिया के सामने रखा है। वह किसी भी सार्वजनिक कार्य के लिए पैसा इकट्ठा करने की अद्भुत क्षमता और कौशल रखते है। सभा की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक सरवर अली ने कहा कि राजनाथ शर्मा समाजवादी आंदोलन के उतार और चढ़ाव के साक्षी और भागीदार रहे हैं। इसके बावजूद भी उनके मन में कभी निराशा पैदा नहीं हुई। उन्होंने समाजवाद को नई दिशा प्रदान की। उनकी सोंच और समाजवादी विचार युवा पीढी को दिशा प्रदान करते रहेंगे। उन्होने सही मायने में समाजवाद को अपने जीवन का आधार बनाया। बिना किसी लोभ, पद, सम्पत्ति के राजनीति में दूसरों के हक की लडाई को लडा। वह भारतीय समाजवादी आन्दोलन के ईमानदार सोशलिस्ट लीडर माने जाते रहेंगे। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। यहां आयोजित कार्यक्रम को राजनाथ शर्मा, साहित्यकार अजय सिंह गुरूजी, पूर्व विधायक शिवकरन सिंह, राना प्रताप सिंह, मलिक जमाल युसूफ, हुमायंू नईम खान, अदिति शर्मा, आद्या शर्मा ने संबोधित किया। इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ पी.एल पुनिया, पूर्व ब्लाक प्रमुख विवेकानंद पाण्डेय, भाजपा नेता मनीष शुक्ला, भरत लाल सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह, राजीव ओझा, अशोक शुक्ला, दानिश आजम वारसी, पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजेश दीक्षित, रामगोपाल शुक्ला, कौशल किशोर त्रिपाठी, बलराम सिंह एडवोकेट, वरिष्ठ पत्रकार तारिक खान, परवेज अहमद, डॉ कुलदीप सिंह, विनय कुमार सिंह, मृत्युंजय शर्मा, कुलवीर चौधरी, नासिर खान, शऊर कामिल किदवई, विश्वविजय सिंह, सलाउद्दीन किदवई, फराजुद्दीन किदवई, एम.ए हुसैन, सत्यवान वर्मा, कृष्ण प्रकाश त्रिपाठी, मधुसूदन दीक्षित, सभासद मो. फैसल, समाजसेवी कैलाश नाथ शर्मा, ताहिर खान, सहजादे आलम वारसी, भाजपा नेता पंकज गुप्ता पंकी, पत्रकार संतोष शुक्ला आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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