[19/11, 17:07] +91 99191 96696: *राजू सक्सेना की मेहनत लाई रंग नेता पस्त*
*सड़क नाली ध्वस्त हो जाने से परेशान जनता ने स्थानीय नेताओं से किया था फरियाद*
*कौशांबी* नगर पालिका परिषद भरवारी के बस स्टॉप के पास सेवा सदन अस्पताल को जाने वाली सड़क को ठेकेदारों द्वारा घटिया सामग्री लगाकर बना दिया गया था जो कुछ दिनों बाद जी ध्वस्त हो गई जिससे आम जनता को आने जाने में दिक्कतें होने लगी सड़क और नाली ध्वस्त हो जाने से नगर वासियों को दिक्कतों से जूझना पड़ता था जिस पर कई बार नगर के लोगों ने स्थानीय नेताओं से सड़क और नाली मरम्मत कराए जाने की मांग की लेकिन स्थानीय नेता सड़क और नाली की मरम्मत कराने में अपनी ऊर्जा नहीं लगा सके नेताओं से निराशा हाथ लगने के बाद लोगों ने मामले की शिकायत अधिकारियों से की आम जनमानस की समस्या को अखंड भारत अखबार संदेश समाचार पत्र ने प्रमुखता से प्रकाशित कर घटिया सामग्री से बनकर तैयार की गई सड़क के निर्माण की पोल खोल दी जिस पर नगर पालिका भरवारी के प्रशासक एसडीएम चायल ने मामले को संज्ञान लेते हुए नगर पालिका भरवारी को सड़क बनाने का आदेश पारित किया प्रशासक का आदेश मिलने के बाद नगर पालिका ने सड़क नाली निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करा दिया है जिसके चलते नगर के लोगों ने प्रशासक और पत्रकार राजू सक्सेना का आभार व्यक्त किया है
[19/11, 17:07] +91 99191 96696: *अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए राज्य सेतु निर्माण निगम के अधिकारी कर रहे बचकानी बात*
*राज्य सेतु निर्माण निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने पुल में तोड़फोड़ करने की बात करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है*
*गंगा नदी करेंटी सहजादपुर घाट में 292 करोड़ की लागत के निर्मित पुल में शुरू हो गई दरार आनी*
*कौशांबी।* 292 करोड़ की लागत से गंगा नदी के करेंटी घाट सहजादपुर में राज्य सेतु निर्माण निगम द्वारा पुल बनाया गया था लेकिन पुल बनने के 9 महीने के भीतर ही पुल में दरारें आ गई हैं मामला सुर्खियों में आने के बाद पुल के निर्माण में लगे राज्य सेतु निर्माण निगम के अधिकारियों की मुसीबत बढ़ गई है अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के मकसद से राज्य सेतु निर्माण निगम के जिम्मेदार अधिकारी बचकानी बात करने लगे हैं उनका कहना है कि पुल की सरिया निकालने के लिए अराजक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की गई है राज्य सेतु निर्माण निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने पुल में तोड़फोड़ करने की बात करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है 292 करोड़ की लागत के निर्मित पुल में मशीन लगाकर तोड़ने में भी सरिया निकलना कठिन होता है उस पुल में छीनी हथौड़ी से तोड़फोड़ करने के बाद क्या पुल की सरिया निकाल ली जाएगी उस पुल पर 50 टन वजन या उससे अधिक वजन के वाहन कैसे निकल पाएंगे यह तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं
लेकिन इन भ्रस्ट अधिकारियों ने जिस तरह से बचकानी बात करनी शुरू कर दी है और इन्हें लोगों का समर्थन भी मिलने लगा है इसके पहले भी रेलवे ओवरब्रिज रोही के निर्माण के कुछ महीने बाद दरारें आ गई थी जिस पर तत्कालीन विधायक संजय गुप्ता के दबाव पर पुल को तोड़कर फिर से निर्माण कराया गया है राज्य सेतु निर्माण निगम में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का यह कोई नया मामला नहीं है इस कार्यदायी संस्था पर बराबर घटिया निर्माण का आरोप लगते आ रहे हैं और जांच के बाद आरोप प्रमाणित भी हो रहे हैं लेकिन फिर भी गंगा नदी में बने पुल में दरार आने के बाद जिम्मेदारों द्वारा बचकानी बात किया जाना आम जनता के गले के नीचे नहीं उतर रहा है जिससे लगता है कि भ्रष्टाचार में पूरा रैकेट सक्रिय है इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई गई तो कई चेहरे बेनकाब होंगे हालांकि तत्काल प्रभाव से पुल पर आवागमन को डीएम ने रोक दिया है
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