कौशाम्बी10अक्टूबर23*रद्दी में फेंक दिया गया सीएम का आदेश बाहरी लोग संभाल रहे चायल तहसील का कामकाज*
*तहसीलों में बाहरी लोगों से काम लेने पर योगी सरकार ने लगाई थी रोक लेकिन आदेश का नहीं हुआ पालन रोक के बाद भी बाहरी लोगो के हवाले जरूरी कामकाज*
*कौशांबी।* तहसीलों में बाहरी व प्राइवेट कर्मचारियों से काम लिए जाने को लेकर शासन स्तर पर बार बार चिंता जताई गई है। आम जनता और फरियादी की ओर से अक्सर बाहरी प्राइवेट लोगों को हटाए जाने की मांग की जाती हैं। लेकिन सरकार का आदेश जारी किए जाने के बाद भी कार्यालय से बाहरी लोग नहीं हटाए गए हैं चायल तहसील में जो भी नामांतरण आदेश का परवाना आर०के० के पास जाता हैं वहा पर मौजुद आर०के० अनामिका सिंह द्वारा स्वयं आदेश न दर्ज कर एक प्राइवेट व्यक्ति सूर्यकान्त को रखकर नामांतरण आदेश का अमलदरामद दर्ज करवाया जाता हैं जो सरासर ग़लत है उनका कहना है कि जो सरकारी अभिलेख में किसी भी समय छेड़ छाड़ कर सकते हैं जिसका सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा शासनादेश जारी होने के बाद भी तहसीलों में प्राइवेट कर्मियों से लगातार सरकारी कार्य कराया जा रहा है। जो नियम के विरूद्ध है। तहसील में बाहरी लोगों से परेशान आम जनमानस के द्वारा मांग की गई है कि शासन द्वारा जारी शासनादेश के तहत् तत्काल प्रभाव से बाहरी लोगो को तहसील से हटाया जाए और इन्हें शरण देने वाले लोगों की जांच कर उन्हें भी दंडित किया।
चायल तहसील में बाहरी व्यक्तियों के काम करने की हालत यह है कि जहा खतौनी निकलती है वहा भी 2 प्राइवेट कर्मी काम कर रहे है हालांकि मुख्यमंत्री के आदेश का पालन कराने की बात बार-बार अधिकारी कर रहे हैं लेकिन बाहरी व्यक्ति उन्हें दिखाई नहीं पड़ते हैं बाहरी लोगों का आना-जाना कार्यालय में काम करना लगातार सीसीटीवी कैमरे में कैद है लेकिन उसके बाद भी अधिकारी अनजान बन रहे हैं इतना ही नहीं चायल तहसील के नजारत विभाग में 2 प्राइवेट कर्मी पूरे दिन काम कर रहे है रजिस्टार कानून गो के यहा 1 प्राइवेट आदमी काम कर रहा है और एक रिटायर्ड अफशार बाबू भी अभी तहसील में काम कर रहा है प्राइवेट लोगों के काम करने पर मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से रोक लगाई है लेकिन उसके बाद भी प्राइवेट लोग तहसील में मौजूद हैं और पूरे दिन आम जनता फरियादियों से धन वसूली कर उनका शोषण करते हैं आखिर वसूली करने वाले इन बाहरी कर्मियों से अफसर का क्या रिश्ता है जिससे इन पर अफ़सर मुख्यमंत्री के आदेश के विपरीत मेहरबानी बनाए हुए है आखिर मुख्यमंत्री के आदेश की धज्जियाँ क्यों उड़ाई जा रही हैं अधिकारियों को सूबे के मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने की आखिर चिंता क्यों नहीं है क्या सब कुछ मनमानी तरीके से संचालित किए जाने की छूट मुख्यमंत्री ने दे रखी है यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।

More Stories
मुजफ्फरनगर24अक्टूबर25*पिता ने बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी, बहु भी घायल।
प्रतापगढ़24अक्टूबर25*प्रतापगढ़ जिले में प्राइवेट अस्पतालों की भरमार,मरीजों को लूटने का बना अड्डा
लखीमपुर खीरी24अक्टूबर25*लखीमपुर खीरी दिनभर की खबरें (24 अक्टूबर)