July 27, 2024

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कौशाम्बी02दिसम्बर23*आयुक्त एवं सचिव के आदेश का 3 महीने बाद भी कौशांबी में नहीं हो सका पालन*

कौशाम्बी02दिसम्बर23*आयुक्त एवं सचिव के आदेश का 3 महीने बाद भी कौशांबी में नहीं हो सका पालन*

कौशाम्बी02दिसम्बर23*आयुक्त एवं सचिव के आदेश का 3 महीने बाद भी कौशांबी में नहीं हो सका पालन*

*सरकार को अपने आदेश को पालन कराने के लिए कठोरता लानी होगी तभी भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लागू हो सकेगी*

*अझुवा कौशांबी।* सरकारी कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों के कार्य करने पर रोक लगाए जाने का आदेश आयुक्त एवं सचिव अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त अनिल कुमार यादव ने 29 अगस्त 2023 को देते हुए समस्त जिलाधिकारी और मंडल आयुक्त को निर्देशित किया था कि सरकारी कार्यों में प्राइवेट व्यक्तियों के कार्यों पर रोक लगाई जाए लेकिन 3 महीने बाद भी आयुक्त एवं सचिव के इस आदेश का कौशांबी में पालन नहीं हो सका है तहसील से लेकर जिले तक के तमाम कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों का दबदबा है और वह पूरे दिन सरकारी कार्यालय में मौजूद रहकर कार्य करते हैं जिनके साक्ष्य कार्यालय में मौजूद सीसीटीवी कैमरे बयां कर रहे हैं सरकार के आदेशों को लेखपाल भी ठेंगा दिखा रहे हैं लेखपालों के साथ भी प्राइवेट कर्मचारी मुंशी के नाम पर तैनात है जो धन उगाही करते हैं मुंशी और प्राइवेट कर्मचारियों के सहारे तहसील से लेकर खनन कार्यालय और विकास भवन शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग के तमाम कार्यालय संचालित हो रहे हैं।

कौशांबी जिले के सिराथू तहसील में समस्त लेखपाल और कानूनगो ने अपने-अपने प्राइवेट मुंशी रख रखे हैं जो लेखपालों का पूरा लेखा-जोखा एवं कार्यभार संभाल रहे हैं यहां तक की जाति आय निवास या किसी जमीन की पैमाइश या किसी अन्य भी प्रकार का जरूरी जांच केवल मुंशी के भरोसे ही लेखपालों की टिकी हुई है यहां तक की मुंशी से बात किया जाए तो सबसे पहले नाश्ता पानी एवं चढ़ावा की बात करते हैं जब कोई लेखपाल के पास किसी कार्य के लिए जाता है तो लेखपाल भी उसको सीधे मुंशी से बात करने को बोलते हैं और मुंशी सीधे से बिना खर्च के कोई काम न होने के बात कहता है वही जाति आय निवास प्रमाण पत्र में लेखपालों के रिपोर्ट लगाने के लिए यह किसी भी प्रकार की हदबंदी के लिए या किसी भी प्रकार के लेखपाल संबंधित जांच के लिए लेखपाल आम जनमानस को अपने मुंशी के पास भेजते हैं और मुंशी वहीं पर मोटी रकम की बात करता है यह प्रतिदिन का खेल हो गया है अगर आपने मुंशी के बदौलत उसका मुंह मांगी रकम दिया तो ठीक है आपका कार्य हो जाएगा अन्यथा आपका काम ठंडा बस्ते में चला जाएगा वहीं पर लेखपालों का कहना है कि हमारे पास जरूरत से ज्यादा कार्य है हम उनको ना रखें तो क्या करें और मुंशी अगर पैसा लेता है या किसी से पैसे की डिमांड करता है तो उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है हम किसी प्रकार का लेनदेन नहीं करते है अब देखना यह है कि यह दोनों की खिचड़ी लेखपाल और मुंशी की साठ घाट से धन उगाही कब तक होती रहेगी और कब तक आयुक्त एवं सचिव के आदेश की धज्जियां उड़ाई जाती रहेगी।

तहसील के लेखपालों का ही कारनामा अकेले कौशाम्बी में प्राइवेट ब्यक्तियो के सहारे कार्य लेने का नहीं है बल्कि इसके अलावा खनन विभाग शिक्षा विभाग विकास विभाग खंड विकास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों में भी तमाम प्राइवेट कर्मचारी अधिकारी और कर्मचारियों के आगे पीछे लगे हैं जो सरकारी व्यवस्था को देखने के बहाने धन उगाही कर आम जनमानस का शोषण कर रहे हैं जिससे योगी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे की धज्जियां उड़ती दिख रही है सरकार को अपने आदेश को पालन कराने के लिए कठोरता लानी होगी तभी भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था लागू हो सकेगी।

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