औरैया21अगस्त21**चुनावी जमीन तलाशने में जुटे कई बाहरी दिग्गज*
*जनता की बेरुखी से बाहरी सियासतदारों की चिंताएं बढ़ी*
*बिधूना,औरैया।* उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना प्रमुख स्थान रखने वाले बिधूना विधानसभा क्षेत्र में सियासतदारों की चुनावी जमीन तलाशने को गतिविधियां तेज हो गई हैं कई विधानसभा क्षेत्र के बाहरी सियासतदार 2022 का चुनाव फतह करने के लिए जनता की नब्ज टटोलने में जुटे हुए हैं लेकिन जनता द्वारा बाहरी सियासतदारों को तवज्जो न दिए जाने से उनकी धड़कने काफी तेज हो रही हैं। इस बार बिधूना विधानसभा क्षेत्र के चुनावी नजारे आश्चर्यजनक और चुनाव परिणाम अप्रत्याशित होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है हालांकि ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो भविष्य के गर्भ में है।
विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य शून्य रहे हैंलोग समस्याओं के मकड़जाल में बुरी तरह फंसे हुए हैं। क्षेत्रीय लोगों का दर्द है कि उनके द्वारा जिस भी जनप्रतिनिधि पर चुनाव में भरोसा कर चुनाव जिताया गया उसमें अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ अपना अपने परिवार व अपनी बिरादरी का ही भला किया। आम जनता तो अपने चुने गये , जनप्रतिनिधि से अपना भला करा पाने की कौन कहे उनके दीदार को भी तरस गई। इस बार जनता चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लोगों से चुनावी वादों और दावों का हिसाब मांगने को काफी उतावली नजर आ रही हैं। इस बार इस क्षेत्र से भाजपा से मंजू सिंह मौजूदा भाजपा विधायक विनय शाक्य के अनुज देवेश शाक्य बिल्लू सतीश पाल प्रमुख रूप से दावेदारी करते नजर आ रहे हैं वही सपा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय धनीराम वर्मा के पुत्र दिनेश वर्मा गुड्डू पूर्व ब्लाक प्रमुख रेखा वर्मा डॉ नवल किशोर शाक्य पूर्व विधायक स्वर्गीय गजेंद्र सिंह की पुत्र वधू रचना सिंह कांग्रेस पार्टी से कांग्रेस सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मनमोहन सिंह सेंगर नसीम खान रवीन्द्र पांडे एडवोकेट प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक प्रमोद कुमार गुप्ता एल एस की दावेदारी काफी सुर्खियों में है , वही भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह भी बिधूना विधानसभा क्षेत्र में रात दिन एक करके जनता की नब्ज टटोलकर अपनी चुनावी जमीन तलाशने में जुटे नजर आ रहे हैं हालांकि उनके द्वारा अभी तक यह पेशकश होती नजर नहीं आई है कि वह भाजपा से चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय लेकिन इतना जरूर है कि जिस तरह से वह जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं उससे माना जा रहा है कि वह इस क्षेत्र से अपनी प्रत्याशिता कर सकते हैं। फिलहाल बहुजन समाज पार्टी व आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी इस क्षेत्र में चर्चा में नहीं आए हैं।
इस क्षेत्र की सबसे दिलचस्प और गौरतलब बात तो इस बार यह है कि जनता इस बार बाहरी प्रत्याशी को कतई तवज्जो नहीं देना चाहती है वह अपने क्षेत्र के लोगों को ही अपना विधायक चुनना चाहती है ऐसे में बाहरी प्रत्याशी किसी दल द्वारा यहां थोपे गए तो उन्हें इस बार चुनाव में निश्चित रूप से जनता की बेरुखी का खामियाजा भुगतने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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