July 7, 2025

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औरैया 03 सितम्बर ब्रेकिंग न्यूज़ upaajtak से

औरैया 03 सितम्बर ब्रेकिंग न्यूज़ upaajtak से

[9/3, 7:02 PM] Ram Prakash Upaajtak: *वांछित अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार*

*थाना फफूँद* उ0नि0 विनोद कुमार मय हमराह थाना फफूँद पुलिस द्वारा भ्रमण के दौरान वांछित अभियुक्त सुबोध तिवारी पुत्र राजेंद्र प्रसाद निवासी दशरौरा थाना फफूंँद जनपद औरैया को गिरफ्तार कर मा0 न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। अभियुक्त विभिन्न धाराओं में वांछित था। अभियुक्त के कब्जे से चोरी साइकिल बरामद हुई। इसके अलावा जनपदीय पुलिस द्वारा विभिन्न थानों से अभियुक्तों को शांति भंग की अंदेशा मे गिरफ्तार कर चालान मा0 न्यायालय किया गया। जनपद औरैया पुलिस द्वारा धारा 151 सीआरपीसी के तहत 11 व्यक्तियों का चालान किया गया।
[9/3, 7:02 PM] Ram Prakash Upaajtak: *कोविड से मृत्यु हुई हो तो ऑनलाइन या ऑफलाइन करें दाबा- एडीएम*

*औरैया 03 सितंबर 2022*- अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान ने बताया कि मा० उच्चतम न्यालाय द्वारा रिट याचिका सं 539/2021 में पारित आदेश के अनुपालन में कोविड 19 के संक्रमण से मृत्यु की दशा में मृतक के निकटतम परिजन को आवेदन करने पर रु० 50,000/- की अनुग्रह सहायता राशि उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है। यदि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु 20 मार्च 2022 से पहले हुई है तो ऐसी स्थिति में , मृतक के परिजन को 25 मार्च 2022 से 60 दिनों के अंदर समस्त आवश्यक अभिलेखों सहित अनलाइन या आफलाइन माध्यम से आर्थिक सहायता के लिए अपना दावा प्रस्तुत करना होगा।
कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु दिनांक 20 मार्च 2022 के बाद होने की स्थिति में मृतक के परिजन को मृत्यु की तिथि से 90 दिन के भीतर, आर्थिक सहायता के लिय अपना दावा प्रस्तुत करना होगा। अत्यंत विषम परिस्थितियो के कारण उक्त निर्धारित अवधि में अनुग्रह धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत न कर पाने की स्थिति में आवेदक जनपद स्तर पर गठित ग्रीवान्स रीडरेसल कमेटी के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। ग्रीवान्स रीडरेसल कमेटी अलग अलग प्रकरणों में तथ्यों के आधार पर यह निर्णय करेगी कि आवेदक की परिस्थितिया वास्तव में ऐसी थी कि वह निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन प्रस्तुत नहीं कर सका, तो ऐसे आवेदनों में धनराशि दिये जाने हेतु मेरिट के आधार पर विचार किया जाएगा। फर्जी दावा प्रस्तुत करना , आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 52 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, जिसकी सजा दो वर्ष तक कारावास के साथ ही अर्थदंड भी है ।
[9/3, 7:02 PM] Ram Prakash Upaajtak: *एडीएम के रवैये से हड़ताली वकीलों का आक्रोश और भड़का*

*आरोप: तत्काल निपटायी जाने वाली समस्याओं को भी टाल दिया एडीएम ने, भ्रष्टाचार के लिए चिन्हित लेखपालों के प्रति भी नरमी दिखी*

*औरैया 03 सितम्बर।* शनिवार 3 सितंबर को नवे दिन भी राजस्व अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी रही। जबकि जनपद में राजस्व अधिवक्ताओं की हड़ताल के शुक्रवार को आठवें दिन वकीलों से वार्ता करने आयी अपर जिलाधिकारी रेखा एस. चौहान के टाल मटोल वाले आश्वासनों से निराश वकीलों में आक्रोश और भी भड़क गया। अपर जिलाधिकारी से वार्ता से नाखुश वकीलों ने तहसील परिसर और तहसील परिसर के बाहर आकर प्रशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यही नहीं वकीलों ने अपनी हड़ताल और आन्दोलन को और धारदार बनाने की गरज से आगामी सोमवार 05 सितम्बर से क्रमिक अनशन चलाने पर विचार विमर्श किया। वहीं अजीतमल व बिधूना में भी भ्रष्टाचार को लेकर जहां वकील आन्दोलन के मूड में दिखाई दे रहे हैं वहीं जिला एवं सत्र न्यायालय के अधिवक्ताओं ने राजस्व अधिवक्तओं के समर्थन में आज एक दिन की कलमबंद हड़ताल रखी। विगत 25 अगस्त से औरैया तहसील के अधिवक्ता राजस्व बार एसोसिएशन के बैनर तले कलमबंद हड़ताल और धरना प्रदर्शन चला रहे हैं। एक सितम्बर को हड़तालरत वकीलों से वार्ता करने एसडीएम मनोज कुमार स्वयं आये थे। लेकिन वकीलों ने आन्दोलन के मुद्दों पर उनसे बात करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि जो कुछ हो रहा है वह आपकी नाक के तले हो रहा है। आपको कई बार इस सम्बन्ध में अवगत भी कराया गया। यदि आने इसपर कुछ किया होता तो हड़ताल और आन्दोलन भी स्थिति ही नहीं बनती। वकीलों के तल्क तेवरों को समझते हुए एसडीएम मनोज कुमार कुछ देर औपचारिक बातें करने के बाद चले गए। आज जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिलाधिकारी रेखा एस. चौहान तहसील आयीं। वकीलों ने उन्हें बिन्दुवार अपनी समस्यायें बतायीं तथा सर्वाधिक रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के लिए चिन्हित किए गए लेखपालों, राजस्व कर्मियों की सूची दी। साथ ही रजिस्ट्रार कार्यालय में भी बैनामा आदि में रिश्वत खोरी में बेहताशा वृद्धि की शिकायत की। इसके अलावा वकीलों ने तहसील परिसर में भी व्याप्त गंदगी, परिसर में स्थित मूत्रालय व शौचालय के गंदा होने तथा वादकारियों के लिए पेयजल व्यवस्था न होने आदि की समस्याओं से अवगत कराया। अधिवक्ताओं ने अपर जिलाधिकारी से तहसील में व्याप्त गंदगी को तत्काल प्रभाव से साफ कराने और पेयजल व्यवस्था को तत्काल ठीक कराने की मांग की। साथ ही सर्वाधिक भ्रष्टाचार के लिए चिन्हित लेखपालों को तत्काल स्थानांतरित करने की भी अपेक्षा की। राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि अपर जिलाधिकारी ने इसके लिए 15 दिन का समय मांगा। इस पर वकीलों ने प्रतिक्रिया जाहिर की कि अपर जिलाधिकारी के नगर पालिका को एक ही फोन करने पर तहसील परिसर में सफाई का कार्य तत्काल शुरू हो सकता था। लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को भी टरका दिया। वकीलों ने अपर जिलाधिकारी रेखा एस. चौहान के रवैये पर आक्रोशित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सर्वाधिक भ्रष्टाचार के लिए चिन्हित लेखपालों के प्रति उनका रवैया नरम दिखाई दिया और उनके तबादले को उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर बता दिया। कुल मिलाकर अपर जिलाधिकारी से वार्ता पूरी तरह से विफल रहने के बाद अधिवक्ता सभागार के बाहर नारेबाजी करते हुए नजर आये। अधिवक्ताओं ने परिसर और फिर तहसील परिसर के बाहर दिबियापुर रोड पर खड़े होकर जबरजस्त नारेबाजी की।

*इनसेट*
*राज्यमंत्री से मिले हड़ताली वकील*

*औरैया 03 सितम्बर।* शुक्रवार 2 सितंबर को तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ हड़तालरत वकील एडीएम से वार्ता विफल होने के बाद यहां आये प्रदेश सरकार के पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार से मिलने पहुंच गए। राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय, महामंत्री रामबाबू पाण्डेय, मंत्री गोपाल शुक्ला, कोषाध्यक्ष संतकुमार अवस्थी तत्काल अपने ज्ञापन और मांगपत्र लेकर राज्यमंत्री के काफिले की ओर रवाना हो गए। जिला अदालत के पास मंत्री के काफिले के रूकने पर वकीलों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यमंत्री अरूण कुमार से भेंट कर उन्हें राजस्व कर्मियों व लेखपालों के भ्रष्टाचार से व तहसील की समस्याओं से अवगत कराया। राजस्व बार के अध्यक्ष सुशील पाण्डेय ने बताया कि राज्यमंत्री महोदय ने करीब 5 मिनट उन लोगों की बातों को सुना। उन्होंने भ्रष्टाचार के लिए चिन्हित किए गए लेखपालों व अन्य राजस्व कर्मियों की सूची मांगी जो उन्हें दे दी गई। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में राज्यमंत्री ने तत्काल प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन दिया। वार्ता के दौरान राज्यमंत्री के साथ जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक समेंत कई जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी व भाजपा नेता मौजूद थे। जिससे उन्हें उम्मीद है कि तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रभावी नकेल लगेगी और भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई होगी।
*इनसेट 2*
*अजीतमल तो पहुंची एडीएम पर हड़ताली वकीलों से बात नहीं की*
*डिब्बी*

*अधिवक्ताओ का बारहवे दिन भी धरना रहा जारी*

*अजीतमल,औरैया*03 सितम्बर।* तहसील परिसर में अधिवक्ताओ की हड़ताल 12 वें दिन भी जारी रही। हड़ताल के चलते तहसील में बीते दस दिनों से कोई काम नही हो रहा है। जिसके चलते क्षेत्रीय लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही शुक्रवार को जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं मंत्री ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरने को धार दी। ब्लॉक प्रमुख के नेतृत्व में अधिवक्ताओ का एक प्रतिनिधि मंडल उपजिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी से वार्ता करने पहेुचा लेकिन कोई अश्वासन न मिलने से अधिवक्ताओ का रोष ओर बढ़ गया।
शुक्रवार को धरना स्थल पर पहुचे ब्लॉक प्रमुख रजनीश पांडेय ने अधिवक्ताओ के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ उपजिलाधिकारी अखिलेश कुमार से वार्ता की तथा पांच सूत्री मांगों सहित तहसीलदार एव नायाब तहसीलदार तथा पटल सहायको को हटाने की मांग रखी। जिसपर उपजिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी से बात कर मोके पर आने का अनुरोध किया और अधिवक्ताओ से वार्ता कर समस्या से निजात दिलाने की बात कही। तहसील अजीतमल पहुंची अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान सिर्फ उपजिलाधिकारी से वार्ता कर वापिस चली गई उन्होंने अधिवक्ताओ को कोई आस्वासन नही दिया जिससे अधिवक्ताओ में रोष वयाप्त है उन्होंने जब तक मांगे पूरी नही होती है तब तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का एलान किया है। धरना स्थल पर अधिवक्ताओं की हौसला अफजाही करने पहुचे जिलावार एशोशिएसन के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शुक्ला एव महामंत्री देवालय चौधरी ने अधिवक्ताओ की मांगों को जायज ठहराते हुए प्रशासन की हठधर्मिता पर रोष व्यक्त किया उन्होंने कहा कि जब तक मांगे पूरी नही होती है तब तक जिले के कोई भी अधिवक्ता कार्य नही करेंगे। तहसीलो में फैले भ्रष्टाचार को हटाकर हो रहेंगे। हड़ताल के चलते किसी भी अधिवक्ता ने कोई भी कार्य नही किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विष्णु दयाल चौधरी एवं महामंत्री चन्द्रपाल सिंह सेंगर ने बताया कि। 3 सितंबर को बुद्धि – शुद्धि के लिये अधिवक्ता हवन किया। वही धरना प्रदर्शन मे एडवोकेट, संदीप शुक्ला, शिवेंद्र गौतम, विनय तिवारी, नरेश चन्द्र दुबे, आमोद त्रिपाठी, राहुल सेंगर, शेष नारायण सक्सेना, धर्मेंद्र चौहान, नागेंद्र तिवारी आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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