ईटानगर30दिसम्बर24*अरुणाचल प्रदेश में जबरन या लालच देकर धर्मांतरण करने वालों की अब खैर नहीं:
लगभग 47 साल बाद राज्य सरकार लागू करेगी धार्मिक स्वतंत्रता कानून*
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को बहाल करने के संकेत दिए हैं। यह एक्ट साल 1978 में बना था, जो अब तक लागू नहीं किया गया था। यह कानून जबरन या लालच आदि देकर किए जाने वाले किसी भी तरह के धर्मान्तरण पर प्रभावी कार्रवाई के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि इस कानून को लागू करने से अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति को सहेजने में मदद मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेमा खांडू शुक्रवार (27 दिसंबर 2024) को ईटानगर में स्वदेशी आस्था और सांस्कृतिक समाज (IFCSAP) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। अपने सम्बोधन में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पीके थुंगन को धन्यवाद किया, जिन्होंने साल 1978 में विधानसभा में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को पारित करवाया था।
जब अरुणाचल प्रदेश में यह कानून बना था, तब वहाँ ईसाई मिशनरियाँ काफी सक्रिय थीं। वहाँ बड़े पैमाने पर लोगों को ईसाई बनाने का षड्यंत्र चलता था। हालाँकि, विधानसभा में पारित होने के बावजूद इसे 47 सालों से लागू नहीं किया गया। साल 2018 में तो प्रेमा खांडू ने कैथोलिक एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में यहाँ तक कह दिया था कि उनकी सरकार इस अधिनियम को निरस्त करने पर विचार कर रही है।
तब पेमा खांडू ने इस कानून को प्रदेश में भाईचारा कमजोर करने वाला और ईसाईयों को परेशान करने वाला करार दिया था। तब IFCSAP के पूर्व महासचिव ताम्बो तामिन ने इस कानून को लागू करने के लिए गुवाहाटी हाईकोर्ट की ईटानगर पीठ में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सितंबर 2024 में राज्य सरकार को 6 महीने के अंदर नियमों को अंतिम रूप देने का आदेश दिया था।
More Stories
नई दिल्ली19जून25*ईरान में बिखरे हुए परमाणु हथियार”अमेरिका की विशेष सेनाएं पहले से तैयार..!*
सहारनपुर19जून25* 8 महीने बाद खुलेगी महिला की मौत की कहानी
सहारनपुर19जून25*सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल अभी तक पहचान नहीं हो पा रही है