December 10, 2024

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अलीगढ़8अक्टूबर24*हाईकोर्ट का आदेश , पुलिस एफआईआर दर्ज न करे तो वादी दाखिल कर सकता है परिवाद

अलीगढ़8अक्टूबर24*हाईकोर्ट का आदेश , पुलिस एफआईआर दर्ज न करे तो वादी दाखिल कर सकता है परिवाद

अलीगढ़8अक्टूबर24*हाईकोर्ट का आदेश , पुलिस एफआईआर दर्ज न करे तो वादी दाखिल कर सकता है परिवाद

अलीगढ़ से ब्यूरो चीफ शिवानी जैन एडवोकेट यूपीआजतक

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक नजीर वाले फैसले में कहा कि अगर पुलिस किसी प्रथम सूचना रिपोर्ट ( एफआईआर ) दर्ज न करे तो वादी सीआरपीसी की धारा 156 ( 3 ) या 200 के तहत परिवाद दाखिल कर सकता है ।। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश सीतापुर के याची अरविंद कुमार सिंह की याचिका पर दिया । याची का कहना था कि उसने हरियावां थाने के प्रभारी निरीक्षक को 25 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज करने की अर्जी दी थी । इसपर अभी तक कोई गौर नहीं किया गया और उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई । याची ने कोर्ट से एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने का आग्रह किया । याची के अधिवक्ता ने वर्ष 2014 सुप्रीम कोर्ट द्वारा ललिता कुमारी के मामले में गई नजीर का हवाला देकर कहा कि पुलिस अधिकारी एफआईआर दर्ज करने को कर्तव्यबद्ध हैं । उधर , याचिका का विरोध करते हुए , सरकारी वकील ने हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के 2021 के एक फैसले का हवाला देकर कहा कि याची , एफआईआर दर्ज न होने पर सीआरपीसी की धारा 156 ( 3 ) या 200 के तहत परिवाद दर्ज करवा सकता है । कानूनी प्रावधानों के तहत परिवाद अधिकारिता वाले मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल होती है ।

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