December 10, 2024

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अयोध्या30नवम्बर23*शायर सलाम जाफरी की याद में आयोजित हुआ ताजियती जलसा

अयोध्या30नवम्बर23*शायर सलाम जाफरी की याद में आयोजित हुआ ताजियती जलसा

अब्दुल जब्बार

अयोध्या30नवम्बर23*शायर सलाम जाफरी की याद में आयोजित हुआ ताजियती जलसा

पेश की गई खिराजे अकीदत

भेलसर(अयोध्या)अंजुमन तामीर-ए-अदब रुदौली के जे़रे एहतिमाम मशहूर-ओ-मारूफ़ शायर सलाम जाफ़री की याद में एक ताज़ियती जलसे का अयोजन शकील रुदौलवी के आवास पर किया गया।आयोजित कार्यक्रम में सलाम जाफ़री के लिए ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश की गई।
जलसे की सदारत इंजीनियर सरफ़राज़ नसरुल्लाह ख़ां प्रदेश सचिव अक्लियती सेल समाजवादी पार्टी ने किया और निज़ामत शकील रुदौलवी ने की।सदर महफ़िल इंजीनियर सरफ़राज़ नसरुल्लाह ख़ां ने सलाम जाफ़री की सवानिह उमरी पर रोशनी डाली और कहा सलाम जाफ़री दर्स-ओ-तदरीस और इल्म-ओ-अदब की तमाम उम्र ख़िदमत करते रहे जो शोरा-ए-आफ़ाक़ शायर थे।दरस-ओ-तदरीस के बाद ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ और उर्दू अदब को फ़रोग़ देते रहे।शकील रुदौलवी ने सलाम जाफ़री को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए कहा उर्दू अदब से जुड़े रहने के सबब सलाम जाफ़री से ख़ासा गहरा तअल्लुक़ रहा उनके साथ कई मुशायरों में शिरकत भी की सलाम जाफ़री के सनेह-ए-इर्तिहाल से उर्दू अदब ने अपना सच्चा सिपाही खो दिया है।उन्होंने कहा कि सलाम जाफ़री को रुदौली से काफ़ी लगाव था रुदौली की तमाम छोटी बड़ी अदबी महफ़िलों में वह बराबर शरीक होते थे और अपने कलाम-ओ-सहर कुन तरन्नुम से लोगो को मस्हूर कर लेते थे
उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।उनको
ख़िराज-ए-अक़ीदत के तौर पर शकील रुदौलवी ने अपने चंद अशआर पेश किए।
इल्म-ओ-अदब का एक सितारा नहीं रहा
जो बाँटता था सबको उजाला नहीं रहा
वीरान हो गई हैं मुहब्बत की बस्तीयां
इल्म-ओ-अदब का जो था मीनारा नहीं रहा**
शकील रुदौलवी
मुजीब रुदौलवी ने अपने देरीना ताल्लुक़ का ज़िक्र करते हुए कहा कि सलाम जाफ़री एक अच्छे शायर के साथ साथ अच्छे इन्सान भी थे।
क्या मस्लिहत है देखिए परवरदिगार की
जो ज़िंदगी मिली है मगर है उधार की
मुजीब रुदौलवी।
अरशद साद रुदौलवी ने सलाम जाफ़री को एक शेअर ख़िराज-ए-अक़ीदत के तौर पर पेश किया
किस ने ये अंजुमन को कहा अल-विदाअ जो
सूना पड़ा हुआ है ये गुलशन का कारबार
अरशद साद रुदौलवी।
ताज़ियती जलसे में डाक्टर मुहम्मद फ़हीम ख़ां मास्टर मुहम्मद अलीम,मास्टर मुहम्मद सादिक़,मास्टर मुहम्मद असद उस्मानी,मुहम्मद इश्तियाक़ हुसैन ख़ान, आमीन उस्मानी,दाऊद उस्मानी,मुहम्मद इमरान जुगनू ,मुहम्मद क़ुरैश व कौसर आलम सहित तमाम लोगो ने शिरकत की और मरहूम के लिए इजतिमाई तौर पर दुआ-ए-मग़्फ़िरत की।

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