October 14, 2024

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अनूपपुर 23 सितम्बर 24*पूर्व मंत्री ,विधायक बिसाहूलाल सिंह ने सोडा फैक्ट्री और ओरिएंट पेपर मिल से हो रहे प्रदूषण पर जताई चिंता

अनूपपुर 23 सितम्बर 24*पूर्व मंत्री ,विधायक बिसाहूलाल सिंह ने सोडा फैक्ट्री और ओरिएंट पेपर मिल से हो रहे प्रदूषण पर जताई चिंता

अनूपपुर 23 सितम्बर 24*पूर्व मंत्री ,विधायक बिसाहूलाल सिंह ने सोडा फैक्ट्री और ओरिएंट पेपर मिल से हो रहे प्रदूषण पर जताई चिंता

मुख्यमंत्री, कमिश्नर ,कलेक्टर को पत्र लिख कर की कार्यवाही की मांग

अनूपपुर (ब्यूरो राजेश शिवहरे)23 सितंबर/ अनूपपुर विधायक और मप्र शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनूपपुर बिसाहूलाल सिंह ने अनूपपुर- शहडोल सीमा पर संचालित सोडा फैक्ट्री और ओरियंट पेपर मिल से संबंधित प्रदूषण और गैस रिसाव को लेकर चिंता जाहिर की है। एक दिन पहले गैस रिसाव से साठ से अधिक लोगों के बीमार पडने की घटना के बाद पूर्व मंत्री श्री सिंह ने मुख्यमंत्री डा मोहन यादव, राम निवास रावत, मंत्री वन एवं पर्यावरण विभाग,मुख्य सचिव ,मप्र शासन,कलेक्टर हर्षल पंचोली, गुलशन बामरा ,अध्यक्ष, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भोपाल,सदस्य , अध्यक्ष, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली, सचिव ,केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , दिल्ली,कमिश्नर ,शहडोल को पत्र लिख कर कहा है कि जिला शहडोल एवं म.प्र. के सीमा पर स्थापित ओरियंट पेपर मिल एवं सोडा फैक्ट्री प्लान्ट सैकडों वर्ष पूर्व से स्थापित है, यहां विश्व स्तरीय पेपर मीलों में एशिया महाद्वीप का दूसरा कागज का कारखाना माना जाता है। कागज बनाने के लिए कंपनी के द्वारा बांस, लकडी को मिल में डाल कर छोटे-छोटे टुकडों में काटकर लुगदी बनाया जाता है। जिसमें कास्टिक सोडा एवं क्लोरीन गैस के समिश्रण से सडा कर कारखाने के माध्यम से कागज बनाया जाता है।‌ कागज का देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निर्यात किया जाता है।
ओरियंट पेपर मिल कंपनी के द्वारा उच्च स्तरीय सोडा, कास्टमेटिक केमिकल क्लोरीन गैस जैसे जहरीली गैसो का उपयोग मिल में किया जाता है।‌जिसे कागज बनाने के बाद जिसके अपशिष्ट पदार्थों को सोन नदी में बहा दिया जाता है। जिससे सोन नदी का जल प्रदूषित होता है ,जीव जन्तु सोन नदी के पानी पीने से जान गवां देते है। यहां की भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है।‌ जहरीली गैस व धुंआ को खुले वायुमण्डल में छोडा जाता है, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों के उपर दुष्प्रभाव पडता है।‌ जहरीले गैस के दुष्प्रभाव से यहां के नागरिकों को हदय रोग, नेत्र, स्वास , दमा, तपेदिक जैसे गंभीर बीमारी हो रही है। हजारों लोगों का जान इसी तरह जा चुका है। जिस संबंध में मेरे द्वारा माह फरवरी 2024 व जुलाई 2024 के विधानसभा सत्र में भी उपरोक्त कंपनी का प्रदूषण नियंत्रण किये जाने के संबंध में ध्यानाकर्षण एवं विधानसभा प्रश्न लगाकर ध्यान आकर्षित कराया था। जिसका प्रशासन एवं कंपनी के द्वारा भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया गया था और वस्तु स्थिति को छिपाया गया था।‌ जिसकी जांच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के द्वारा भी करायी गयी थी, किन्तु कंपनी के विरुद्ध संतोष प्रद कार्यवाही होना आपेक्षित रहा।
दिनांक 21/09/2024 दिन शनिवार को सोडा फैक्ट्री के लचर एवं उदासीन व्यवस्था के कारण सायं 8 बजे सोडा फैक्ट्री कास्टिक यूनिट प्लान्ट से जहरीली क्लोरीन गैस के रिसाव होते ही गांधीनगर बरगवां, सोडा फैक्ट्री कॉलोनी में निवास करने वाले लोगो के आंखों में जलन, सांस में दिक्कत होने लगी।‌ उल्टी बेहोशी, खांसी, सांस लेने में परेशानी होने लगी। फेफड़े फूलने लगे जिससे लोगो में अफरा तफरी मच गयी । सैकड़ो लोगो को अस्पताल ले जाया गया और स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के सक्रियता से लोगो का जान बची। इसके पूर्व विगत माह ग्राम कोलमी निवासी एक गरीब मजदूर का मशीन से गिरकर निधन भी हो गया था, जिसके साथ भी कंपनी द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया था।‌इसके आलावा कंपनी में सैकडों लोगों का जान जा चुका है, किन्तु कंपनी उन्हें दबा देती है।‌ जिसको संज्ञान में लेने की आवश्यकता है।‌ उक्त घटना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संभागीय अधिकारी के मिली भगत एंव निष्क्रियता के कारण घटित हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जनप्रतिनिधियों द्वारा किये जा रहे शिकायतों को अनदेखी कर जांच प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में रखा गया है।
पत्र लिख कर संबंधितों से आग्रह किया गया है कि जिला अनूपपुर एवं शहडोल के मध्य स्थापित ओरियंट पेपर मिल एंव सोडा फैक्ट्री के प्रबंधन में किये जाने वाले लापरवाही एवं कंपनी स्थापना के समय किये गये अनुबंध का पालन नही किये जाने का उच्च स्तरीय दल का गठन कर लोक हित व जन कल्याण को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल संज्ञान में लिया जाए।

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