हमीरपुर मौदहा 28 जून*नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की कमी के चलते अस्पताल में अपना ईलाज कराने आए मरीज उनके तीमारदार इधर-उधर भटकते रहे।
अस्पताल में मौजूद मात्र एक चिकित्सक ने साढ़े तीन सौ से अधिक मरीजों को देख उनका ईलाज किया। अस्पताल की इस व्यवस्था से मरीजों व तीमारदारों में खासा आक्रोश देखने को मिला।
अवगत हो कि सरकार ने नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित कर करोड़ों रुपया खर्च कर भले ही यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया हो लेकिन उसी के नुमाइंदों की लापरवाही के चलते नगर के सरकारी अस्पताल में ईलाज कराने आने वाले मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बुधवार को अस्पताल के अधीक्षक समेत अधिकांश चिकित्सकों के गायब रहने के कारण अधिकांश ओपीडी कक्षो में ताला लगा रहा व कुछ कक्ष में ताला खुला था तो वहां डाक्टर ही नदारत थे जिससे मरीज इधर-उधर भटकते रहे। प्रभारी अधीक्षक संदीप पाल की ड्यूटी इमरजेंसी में लगी होने के कारण केवल डॉक्टर उमाकांत ही अपने ओपीडी कक्ष में बैठे जिन्होंने बुधवार को अकेले दम तीन सैकड़ा से अधिक मरीजों को देख उनका ईलाज किया। बताते चलें कि सरकारी अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं के अभाव के चलते यहां ईलाज कराने आने वाले अधिकांश मरीजों को बाहर की दुकानों से दवाई लेने मजबूरी है। वही पैथोलॉजी में सभी प्रकार की जाँचे ना हो पाने के कारण मरीजों को बाहर की पैथोलॉजी में जांच करा लुटना भी मजबूरी है। फिलहाल सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था से यहां ईलाज कराने आने वाले मरीजों व तीमारदारों में खासा आक्रोश है।इस संबंध में प्रभारी अधीक्षक संदीप कुमार पाल ने बताया कि अधिकांश चिकित्सकों के अवकाश में होने के कारण समस्या से उत्पन्न हुई है।
ब्यूरो चीफ हमीरपुर जितेंद्र कुमार
मौदहा तहसील रिपोर्टर
आशुतोष
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