सोनभद्र08अक्टूबर*TFM के टेंडर में तेल का खेल
TFM के टेंडर में तेल का खेल। आखिर किसके नाम पर MP और UP का TFM टेंडर। पर्दे के पीछे का TFM संचालक कौन।
सिंगरौली,सोनभद्र जनपद में लंबे समय से डीजल चोरी का तेल का खेल जारी था जिसमें खेल की जानकारी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद के लगभग सभी अधिकारियों को होने के बावजूद भी उक्त अवैध कारोबारियों पर किसी भी प्रकार की लगाम नहीं लगाई गईं।जब इस मामले में, वाराणसी।एसटीएफ को भनक लगी तो एसटीएफ की टीम ने सोनभद्र जनपद के शक्तिनगर पहुंचकर बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया था जिसमें से एक नाम पप्पू टंडन नामक व्यक्ति का भी था।लेकिन जानकारी के मुताबिक जिस व्यक्ति के नाम पर टीएफएम है वह व्यक्ति पर्दे के पीछे से पूरे साम्राज्य को संचालित करता है।अगर पुलिस यह जानने की कोशिश करतें हैं की।आखिर किसके नाम पर टीएफएम का ठेका है।तो शायद एक ऐसे व्यक्ति का नाम निकल के सामने आता जिसका कनेक्शन पूर्व मुख्यमंत्री से भी होने का दावा किया जाता है।सुत्रो को माने तो आपको बताते हैं कि ये टेंडर पप्पू टंडन नामक व्यक्ति के भाई के नाम पर होना बताया जाता है लेकिन इतने बड़े तेल के खेल मामले में जिस व्यक्ति के नाम पर टीएफएम का ठेका था उस व्यक्ति का नाम ना आना एक बहुत ही बड़ा सवाल खड़ा करता है।आखिर क्यों 70 से 90 परसेंट कम में जाकर टेंडर की बोली, होती है। चोरी को बढ़ावा देने के लिए नहीं तो।जी हां,आप खुद ही अंदाजा लगाइए कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के द्वारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र एवं सिंगरौली में टीएफएम का टेंडर निकाला गया था जिसका एस्टीमेट रेट लगभग एक करोड़ 22 लाख से अधिक था।उस टेंडर को महज लगभग 11 लाख 84 हजार रुपए में ही ले लिया गया था मतलब इंस्ट्रूमेंट मूल्य से लगभग 90% कम में टीएफएम का टेंडर श्री राम फ्यूल्स ने लिया था। तो आप खुद अंदाजा लगाइए की 90% कम में जाकर टेंडर लेने वाला व्यक्ति टीएफएम का कार्य कैसे कर सकता है,अगर संविदाकार कंपनी के जिम्मेदार चोरी नहीं कराएंगे तो क्या करेंगे।खैर इस बात को इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड के बड़े और संबंधित अधिकारियों को सोचना चाहिए कि जिस टेंडर को इस्तीमेट मूल्य से 90% कम में जा कर के लिया गया हो वह टेंडर संचालक क्या परियोजनाओं में चोरी नहीं कराएगा? और यदि चोरी नहीं कराएगा तो इतने कम मूल्य में कार्य कैसे करेगा?
*आखिर कैसे होता था तेल का खेल:*
सूत्र बताते हैं कि जिस टैंकर में तेल का खेल किया जाना होता था उस टैंकर को सोनभद्र अनपरा के ओडी मोड़ स्थित संबंधित कंपनी के ऑफिस पर ले जाया जाता था जहां पर टैंकर से तेल की कटिंग की जाती थी तेल की कटिंग किए जाने के बाद संबंधित टैंकर को परियोजनाओं में भेज दी जाती थी।ईसके बाद कटिंग किया हुआ तेल टैंकर के माध्यम से अनपरा क्षेत्र के दुल्लापाथर में स्थित एक पंप पर ले जाया जाता था जहां पर से उक्त कटिंग किए हुए तेल को सेटिंग कि आउटसोर्सिंग कंपनियों में भेज दिया जाता था।और आउटसोर्सिंग कंपनियां डीजल के निर्धारित मूल्य से कम में और मध्य प्रदेश का टैक्स चोरी करने के चक्कर में संबंधित पंप संचालक से सस्ते दरों पर उक्त कटिंग के डीजल को खरीद लिया करती थी जिससे आउटसोर्सिंग कंपनियों को बड़ा मुनाफा नजर आता था अगले अंक में उक्त पंप संचालक एवं पंप का नाम भी आपको बताएंगे।
More Stories
पूर्णिमा बिहार17अक्टूबर25* पूर्णिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया
लखनऊ17अक्टूबर25*लखनऊ पुलिस और जीआरपी ने दिवाली से पहले लौटाईं खुशियां
लखनऊ17अक्टूबर25*थाना कैसरबाग पुलिस को मिली बड़ी सफलता