February 5, 2025

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लखनऊ31दिसम्बर23*अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ मूलनिवासियों में असंख्य संगठनो का निर्माण क्यों हो रहा है?*

लखनऊ31दिसम्बर23*अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ मूलनिवासियों में असंख्य संगठनो का निर्माण क्यों हो रहा है?*

लखनऊ31दिसम्बर23*अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ मूलनिवासियों में असंख्य संगठनो का निर्माण क्यों हो रहा है?*

मूलनिवासियों में असंख्य संगठनों का निर्माण क्यों हो रहा है,इसका मुख्य कारण है की मूलनिवासी बहुजन समाज में ज्यादातर संगठन गैर लोकतांत्रिक चरित्र के हैं, ज्यादातर लीडर चाहते हैं कि सारा कुछ मेरे कंट्रोल में हो और जीवन भर मेरे कंट्रोल में हो और मेरे मरने के बाद सब कुछ मेरे परिवार की कंट्रोल में हो ।
ऐसे संगठनों में काम करने वाले कार्यकर्ता मिशनरी भाव से पहले बड़े लगन से काम करते हैं बाद में उनको एहसास होता है कि वह ठगे जा रहे हैं या फिर उनकी बात नहीं सुनी जा रही है या उनको मान सम्मान नहीं मिल रहा है तो वही कार्यकर्ता उस संगठन को छोड़ देते हैं और एक नया संगठन का निर्माण करते हैं।
व्यक्तिवाद ,परिवारवाद ,
सुप्रीमोवाद किसी भी कार्यकर्ता को पसंद नहीं है,अज्ञानता में भले ही लोग सर पर ढोते रहें लेकिन आंख खुलते ही सर से उतर कर फेंक देते हैं ।
लोकतांत्रिक चरित्र और लोकतांत्रिक संगठन सबको पसंद है सब लोग समता स्वतंत्रता बंधुत्व न्याय भाईचारा चाहते हैं। *लोकतांत्रिक चरित्र और संस्थागत नेतृत्व से ही ओबीसी एससी एसटी को जोड़ा जा सकता है।*
व्यक्तिवाद परिवारवाद सुप्रीम वादी संगठन जाति विशेष का संगठन बनकर रह जाता है क्योंकि आपकी जाति का सुप्रीमो आपको कबूल हो सकता है पर दूसरी जाति के लोगों को नहीं ।
इसलिए व्यक्तिवाद परिवारवाद और सुप्रीमावादी संगठन से तंग होकर सुप्रीम की जाति को छोड़कर दूसरी जाति के लोग दूसरा संगठन बना लेते हैं।
लोकतांत्रिक आधार पर ही सब जाति के लोग संगठित हो सकते हैं और वर्ग आधारित संगठन का निर्माण हो सकता है।
*UNITY OF OBC-जागो ओबीसी जागो*

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