लखनऊ08अप्रैल2025*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर शाम 4 बजे की बड़ी खबरें
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_’राज्यपाल को वीटो का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं’, तमिलनाडु के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला_*
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा 10 प्रमुख विधेयकों पर मंजूरी रोकने का फैसला ‘अवैधानिक’ और ‘मनमाना’ था. इसे तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है.
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्यपाल मंजूरी रोकने के बाद राष्ट्रपति के लिए विधेयकों को लंबित नहीं रख सकते. 10 फरवरी को पूरे दिन दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खोज और चयन समितियों के गठन सहित विधेयकों पर राज्यपाल की मंजूरी में देरी को लेकर तमिलनाडु सरकार की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए अनुच्छेद 200 का हवाला दिया और कहा कि राज्यपाल को विधेयकों पर रोकने और उन पर पॉकेट वीटो का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है. जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “राज्यपाल के पास मंजूरी को रोकने का कोई सरल तरीका नहीं है. इसका मतलब है कि अनुच्छेद 200 के तहत पूर्ण वीटो की अनुमति नहीं है.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य विधानसभा द्वारा पुनर्विचार के बाद राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के विचार के लिए 10 विधेयकों को लंबित रखना कानून की दृष्टि से अवैध और त्रुटिपूर्ण है, और इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए, और इसके कारण राष्ट्रपति द्वारा की गई कोई भी बाद की कार्रवाई भी मान्य नहीं होगी.
मामले में विस्तृत निर्णय बाद में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल की तरफ से देरी के मद्देनजर, उसके पास अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. अदालत ने कहा कि राज्यपाल के पास भेजे जाने पर सभी 10 विधेयक अधिनियम के रूप में प्रभावी हो गए हैं.
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होने के बावजूद अनुच्छेद 200 को इस तरह से नहीं पढ़ा जा सकता है कि राज्यपाल को उन विधेयकों पर कोई कार्रवाई करने की अनुमति न दी जाए, जो उनके पास स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह राज्यपाल के पद को कमजोर नहीं कर रहा है और इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक होना चाहिए और राजनीतिक विचारों से प्रेरित नहीं होना चाहिए, बल्कि संवैधानिक शपथ से प्रेरित होना चाहिए. शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यपाल को उत्प्रेरक होना चाहिए, अवरोधक नहीं.
संविधान के अनुच्छेद 200 के अनुसार, राज्यपाल से विधेयकों पर कार्रवाई के तीन तरीकों में से एक को अपनाने की अपेक्षा की जाती है – विधेयकों को स्वीकृति प्रदान करना, विधेयकों पर स्वीकृति रोकना या विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए आरक्षित करना. पीठ ने कहा कि विधेयक को प्रथम दृष्टया केवल राष्ट्रपति के लिए आरक्षित किया जा सकता है.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_वर्क वीजा खत्म करने की योजना बना रहा अमेरिका, संकट में तीन लाख भारतीय छात्रों का करियर !_*
नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) की कांग्रेस में पेश किए गए एक नए बिल ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, खासकर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ (STEM) कोर्स करने वाले छात्रों के बीच चिंता पैदा कर दी है. इसमें ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रैनिंग (OPT) को समाप्त करने की मांग की गई है, जो एक वर्क अथॉराइजेशन प्रोग्राम है, जो उन्हें ग्रेजुएशन के बाद तीन साल तक देश में रहने की अनुमति देता है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस कदम से अमेरिका में हजारों भारतीय छात्रों के करियर की संभावनाओं को नुकसान पहुंचने का खतरा है, जो प्रोफेशनल एक्सपीरियंस हासिल करने और लंबी अवधि के रोजगार वीजा ट्रांजिट के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रैनिंगपर निर्भर हैं.
97 हजार छात्रों ने OPT में लिया भाग
ओपन डोर्स 2024 की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2023-2024 शैक्षणिक वर्ष के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए टॉप मूल देश के रूप में उभरा, जिसमें 3,31,602 छात्र थे, जो पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि है.इनमें से लगभग 97,556 छात्रों ने ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रैनिंग (OPT) में भाग लिया, जो 41 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
F-1 और M-1 वीजा धारकों में बेचैनी
हालांकि, OPT को रद्द करने के पहले के प्रयास विफल हो गए थे, लेकिन यह विधेयक वर्तमान प्रशासन के तहत अप्रवासी विरोधी नीतिगत कार्रवाइयों की व्यापक लहर के बीच आया है. सामूहिक निर्वासन और सख्त वीजा नियंत्रण डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान के दौरान किए गए वादों का एक प्रमुख हिस्सा हैं, जिससे मौजूदा F-1 और M-1 वीजा धारकों में बेचैनी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से कई अब तत्काल ऐसी भूमिकाओं के लिए आवेदन कर रहे हैं जो उन्हें अपने स्टेटस को H-1B वीजा में बदलने में मदद कर सकती हैं, जिसे आमतौर पर प्रमुख अमेरिकी और भारतीय टेक फर्मों द्वारा समर्थित किया जाता है.
छात्रों के लिए OPT का भविष्य लेकर एक्स्पर्ट्स की राय
रिपोर्ट में इमिग्रेशन लॉ फर्म लॉक्वेस्ट की संस्थापक पूर्वी चोथानी के हवाले से कहा गया है, “OPT छात्रों को स्नातक होने के बाद एक साल के लिए अमेरिका में नौकरी खोजने की अनुमति देता है और इसे दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते आप STEM स्नातक हों और किसी योग्य अमेरिकी नियोक्ता के साथ काम कर रहे हों.”
उन्होंने कहा, “अगर बिल पास हो जाता है, तो OPT खत्म हो सकता है और दूसरे वर्क वीजा में जाने का विकल्प नहीं होगा. ऐसे में छात्रों को तुरंत अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है.” चोथानी ने कहा कि ओपीटी स्टेट्स वाले छात्रों को अब लॉटरी में चयनित होने पर एच-1बी वीजा की ओर तेजी से कदम बढ़ाना चाहिए या अन्य देशों में अवसरों पर विचार करना चाहिए.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_शर्मनाक! 12 साल की लड़की के साथ जंगल में दुष्कर्म, इलाके में फैला आक्रोश_*
आदिलाबाद: तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल मावला के पास एक जंगल में दो युवकों ने बारह वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म किया है. घटना के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया है. बहरहाल पुलिस आगामी कार्रवाई में जुट गई है. बताया जा रहा है कि कथित तौर पर एक 35 वर्षीय महिला ने इस घटना की साजिश रची थी.
जंगल में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म: डीएसपी जीवन रेड्डी के अनुसार विवाहित स्थानीय निवासी महिला ने मावला पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत आने वाली एक कॉलोनी से नाबालिग पीड़िता को बहला-फुसलाकर एक पूर्व नियोजित योजना के तहत पास के जंगल में ले गई. वहां, उसका रिश्तेदार दो युवकों को लेकर आया, जिन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग पीड़िता ने घर लौटकर अपनी मां को सारी आपबीती बताई.
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज: घटना का पता चलने के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम और और पॉक्सो अधिनियम के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच शुरू की. आरोपी की पहचान की और सुनिश्चित किया कि पीड़िता को रिम्स अस्पताल में चिकित्सा सुविधा मिले.
महाराष्ट्र में नाबालिग के साथ डॉक्टर ने किया दुष्कर्म: बता दें इससे पहले महाराष्ट्र के संगमनेर में एक डॉक्टर पर नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि आरोपी डॉक्टर ने पहले पीड़िता से पूछताछ की और उसे अस्पताल की छत पर ले गया, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_कुणाल कामरा को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत, 17 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक, सरकार से मांगा जवाब_*
मुंबई: महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर विवादास्पद टिप्पणी मामले में कॉमेडियन कुणाल कामरा को राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने कामरा के खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कामरा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए तर्क दिया है कि यह संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार की गारंटी देते हैं.
कामरा ने 5 अप्रैल को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि उनके शो ‘नया भारत’ में उनके व्यंग्यात्मक प्रदर्शन को संरक्षित भाषण माना जाता है और इस पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए. वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सीरवई उनकी पैरवी कर रहे हैं. उनकी कानूनी टीम ने तर्क दिया कि एफआईआर उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस श्रीराम मोदक की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान, खंडपीठ ने मद्रास हाईकोर्ट से कामरा को मिली अंतरिम सुरक्षा के बारे में पूछताछ की. सीरवई ने बताया कि मद्रास हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम सुरक्षा 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है, लेकिन अभी तक आदेश अपलोड नहीं किया है.
सीरवई ने कहा, “हम प्राथमिक रूप से एफआईआर को रद्द करने से चिंतित हैं. मेरे मुवक्किल ने लिखित रूप में, लगभग कई बार अपना बयान देने की पेशकश की है. हालांकि, अधिकारी उनकी उपस्थिति पर जोर दे रहे हैं, जबकि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.”
उन्होंने आगे तर्क दिया, “यह कोई हत्या का मामला या गंभीर अपराध नहीं है; यह एक कॉमेडी शो है, और वीडियो पहले से ही अधिकारियों के पास उपलब्ध है.”
इसके बाद खंडपीठ ने अगली सुनवाई 16 अप्रैल के लिए निर्धारित की और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त लोक अभियोजक मनकुंवर देशमुख को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. जब देशमुख ने 22 अप्रैल की अगली तारीख मांगी, तो पीठ ने यह कहते हुए इनकार कर दिया, “उन्हें 17 अप्रैल तक संरक्षण प्राप्त है, उसके बाद नहीं. इसलिए हम 16 अप्रैल को दोपहर 2:30 बजे सुनवाई करेंगे. हम R1 और R2 (शिकायतकर्ता) दोनों को औपचारिक नोटिस जारी कर रहे हैं.”
कामरा की उपस्थिति पर जोर देने के बारे में, पीठ ने कहा कि वह अगली सुनवाई में इस मुद्दे पर विचार करेगी.
कामरा वर्तमान में तमिलनाडु में रहते हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने पहले 7 अप्रैल तक मुंबई पुलिस की एफआईआर के सिलसिले में कामरा को अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी. हाईकोर्ट ने सोमवार को कामरा की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा 17 अप्रैल तक बढ़ा दी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_जम्मू-कश्मीर में दिल्ली जैसी टकराव वाली राजनीति, LG द्वारा किये गये तबादले पर भड़की ‘अबदुल्ला सरकार’_*
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नया मोड़ सामने आया है, जहां निर्वाचित सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है. कुछ वैसा ही जैसा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच अक्सर देखा गया था. लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा द्वारा 48 अधिकारियों के तबादले ने इस टकराव को सार्वजनिक कर दिया है, जो केंद्र-शासित प्रदेशों में प्रशासनिक अधिकारों को लेकर जारी बहस को फिर से हवा दे रहा है.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और पूर्ववर्ती राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के छह साल बाद, पिछले साल केंद्र शासित प्रदेश में जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव हुआ. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता संभाली. लेकिन निर्वाचित सरकार के छह महीने के भीतर ही शासन की वास्तविकता काफी जटिल होती जा रही है. सत्ता के दो केंद्रों के बीच अधिकारों को निर्धारित करने वाले नियमों को लेकर मतभेद पैदा हो रहे हैं.
क्या है विवादः मुख्यमंत्री को दरकिनार करते हुए, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा द्वारा 48 अधिकारियों के किये गये तबादले ने सार्वजनिक रूप से पहली बार गतिरोध को जन्म दिया. इसे सीमा से बाहर का मामला मानते हुए, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने एकजुट होकर जवाबी कार्रवाई की. केंद्र को जम्मू-कश्मीर सरकार को हाशिये पर धकेलने के खिलाफ चेतावनी दी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक और मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा, “इस समन्वय को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए. हम अपनी अंतिम अपील के साथ यहां आए हैं, हमें हाशिये पर मत धकेलिए. जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुनाव के जरिए जनादेश दिया है और उसका सम्मान किया जाना चाहिए. जो कोई भी ऐसा करने में विफल रहता है, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों और उनके जनादेश का अपमान कर रहा है.”
क्या कहते हैं एलजीः उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मैंने 5 अगस्त, 2019 को संसद द्वारा पारित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम से आगे कुछ नहीं किया है. मैं अपनी सीमाएं जानता हूं और मैं उनका उल्लंघन नहीं करूंगा.” सत्ता संघर्ष के बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी के प्रसिद्ध बादामवारी बाग के दरवाजे खोल दिए और लोगों के साथ खिलते बादाम के फूलों की छत्रछाया में टहलते हुए कहा कि निर्वाचित सरकार सत्ता में है.
केंद्र शासित प्रदेश का अधिकारः जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में एलजी मनोज सिन्हा को धारा 53 (2) के तहत विवेकाधीन शक्तियां दी गई हैं, जिससे उन्हें अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले मामलों में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति मिलती है. शासन का यह मॉडल पुडुचेरी की नकल करता है, जहां विधायिका को सीमित शक्तियां सौंपी गई हैं, जिससे केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिकार कमजोर हो गया है.
राज्य सरकार का क्या है पक्षः मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी का तर्क है कि निर्वाचित सरकार अधिनियम के तहत प्रतिबंधों के बारे में अच्छी तरह से जानती है. लेकिन शराब बनाने की समस्या के लिए व्यावसायिक नियमों की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम यह भी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत परिभाषित व्यावसायिक नियमों और सीमाओं का पालन किया जाना चाहिए.
क्या कहते हैं विशेषज्ञः
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, विवाद की जड़, दोनों संस्थाओं की शक्तियों को स्पष्ट करने के लिए व्यापार नियमों के लेन-देन में स्पष्टता की कमी है. पिछले महीने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने मुख्यमंत्रियों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए व्यापार नियमों को मंजूरी दी थी और मंत्रिपरिषद मार्च से केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रही है. अक्टूबर 2024 में सरकार गठन तक, एलजी के पास अखिल भारतीय सेवाओं के साथ-साथ अधीनस्थ जेकेएएस के स्थानांतरण सहित शक्तियां निहित थीं.
लेकिन चुनावों से दो महीने पहले, केंद्र ने ‘व्यापार के लेन-देन’ में दूसरा संशोधन किया क्योंकि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम अस्तित्व में आया था, जब तत्कालीन राज्य को अनुच्छेद 370 के तहत उसके विशेष दर्जे से वंचित किया गया था और दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था, जिसमें उसकी शक्तियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया था. इनमें अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों, कानून और व्यवस्था तथा महाधिवक्ता सहित न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति के फैसले शामिल हैं. नए नियमों ने भ्रष्टाचार निरोधक निकाय, जेलों और अभियोजन पर एलजी के नियंत्रण का भी विस्तार किया है.
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव की नियुक्ति राज्य के गृह मंत्रालय के पास निहित थी. नियम 50 के उप-नियम 3 के खंड बी, जिसमें एलजी को मुख्य सचिव और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पूर्व संदर्भ देने के लिए कहा गया था. पहले फरवरी 2024 में एक अधिसूचना के माध्यम से संशोधित किया गया था ताकि गृह सचिव की नियुक्ति में भी केंद्र की मंजूरी मिल सके.
सैयद रियाज खावर जैसे वरिष्ठ संवैधानिक विशेषज्ञ का तर्क है कि व्यावसायिक नियमों ने एलजी की शक्तियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है, जिसका अर्थ है कि कानून और व्यवस्था (गृह) को छोड़कर, अन्य सभी विभाग केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम में एलजी की शक्तियां पूर्ण नहीं हैं, जिससे पता चलता है कि एलजी, उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के फैसलों को रद्द नहीं कर सकते.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सैयद ने कहा, “कानूनी तौर पर, केंद्र शासित प्रदेश सरकार का निर्णय अंतिम होता है. एलजी इसे पलट नहीं सकते क्योंकि संवैधानिक जनादेश निर्वाचित सरकार के पास है.” उनके अनुसार, दोनों संस्थाओं की शक्तियों को परिभाषित करने वाले व्यावसायिक नियमों के अभाव के कारण भ्रम की स्थिति बनी हुई है. नियमों से परिचित एक सूत्र ने बताया कि गृह विभाग को छोड़कर, नियमों में जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड सहित सभी विभागों पर अधिकार क्षेत्र निर्धारित किया गया है.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ एक्ट को लेकर हंगामा, स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश_*
श्रीनगर: जम्मू- कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब विपक्षी दलों ने हाल ही में संसद द्वारा पारित वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग की. विपक्षी दलों के विरोध के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. इस दौरान विपक्षी दलों ने अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और अवामी इत्तेहाद पार्टी समेत विपक्षी दलों ने वक्फ अधिनियम पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे बाद में सदन के नियम 58 के तहत अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया. अधिनियम पर चर्चा न करने के फैसले का विरोध कर रहे पीडीपी विधायक वहीद पारा को मार्शलों द्वारा विधानसभा परिसर से बाहर निकाल दिया गया.
नियम 58 के अनुसार न्यायालय में विचाराधीन किसी भी विधेयक पर चर्चा नहीं की जाएगी. एआईएमआईएम और कांग्रेस समेत कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने वक्फ अधिनियम के क्रियान्वयन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इससे पहले करीब 20 विधायकों ने विधानसभा में वक्फ विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था.
पीडीपी के वहीद पारा ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया, क्योंकि जम्मू- कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है. पारा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. अगर पूरे भारत में कोई मुस्लिम मुख्यमंत्री है, तो वह जम्मू एवं कश्मीर में है. पूरे देश के 24 करोड़ मुसलमान इसे देख रहे हैं.
सभी विधायकों से पीडीपी द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, ‘यहां 60 विधायक हैं, यदि उन 60 में से भी वे वक्फ अधिनियम के खिलाफ हमारे द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन नहीं करते हैं तो मुझे लगता है कि इतिहास हमें हमेशा के लिए आंकेगा. वक्फ अधिनियम को मुसलमानों की धार्मिक मान्यताओं और भावनाओं के खिलाफ बताते हुए पारा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा.
पीडीपी, पीसी ने जम्मू-कश्मीर स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्षी दलों ने मंगलवार को अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इसमें उन पर विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार करके लोकतांत्रिक बहस को दबाने का आरोप लगाया गया.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीदुर्रहमान पारा, मीर मुहम्मद फैयाज और रफीक अहमद नाइक द्वारा हस्ताक्षरित यह प्रस्ताव विधानसभा में कई दिनों के हंगामे के बाद सोमवार को पेश किया गया.
नोटिस में कहा गया, ‘यह कदम स्पीकर के आचरण विशेष रूप से स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार करने और विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार करने के संबंध में सदन के भीतर व्यापक असंतोष से उपजा. इस तरह की कार्रवाइयां लोकतांत्रिक मानदंडों और संसदीय प्रक्रिया को कमजोर करती हैं.’
संसद द्वारा हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक विभाजन पर तीखी आलोचना की. कश्मीरी विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों दोनों ने राज्य में इस्लामी बंदोबस्त को रेगुलेट करने के उद्देश्य से अधिनियम पर बहस की मांग की.
इससे पहले आज बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधेयक पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार करने पर हंगामा मच गया. सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के विधायकों की विधानसभा में पीडीपी और पीसी के सदस्यों के साथ तीखी नोकझोंक हुई.
एनसी सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जबकि पीडीपी के पारा ने इसका विरोध करते हुए प्रस्ताव पेश किया था. पारा का विरोध तब और बढ़ गया जब उन्होंने सदन के वेल में घुसने की कोशिश की और स्पीकर के आदेश पर उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया.
स्पीकर राथेर ने विधानसभा के नियमों का हवाला देते हुए अपने फैसले को उचित ठहराया. इसमें कहा गया कि न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि संसद ने पहले ही वक्फ अधिनियम पारित कर दिया है और अब यह न्यायिक जांच के अधीन है. इसलिए राज्य विधानमंडल को इसे रद्द करने या इसका विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है. हंगामे के बीच स्पीकर ने 30 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_आंध्र प्रदेश: किआ मोटर्स फैक्ट्री से 900 कार इंजन चोरी, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस_*
अमरावती: आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पेनुकोंडा में स्थित किआ मोटर्स फैक्ट्री में बड़ी चोरी से हड़कंप मच गया है. बताया गया है कि फैक्ट्री से 900 से अधिक कार इंजन चोरी हो गए हैं. इस घटना के सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
किआ मोटर्स भारत की प्रमुख ऑटो विनिर्माण सुविधाओं में से एक है. कंपनी प्रबंधन को ऑटो पार्ट्स के परिवहन के दौरान चोरी होने का संदेह है. KIA प्रबंधन ने शुरू में पुलिस को सूचना दिए बगैर आंतरिक जांच करने की कोशिश की, लेकिन प्रबंधन में 19 मार्च को पुलिस से संपर्क किया.
इस पर अधिकारियों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने को कहा. इसके बाद, किआ मोटर्स के प्रतिनिधियों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया.
KIA अपने स्पेयर पार्ट्स विभिन्न स्थानों से प्राप्त करता है, जिसमें इंजन विशेष रूप से तमिलनाडु से लाए जाते हैं. जांचकर्ता दो मुख्य पहलुओं से चोरी की घटना की जांच कर रहे हैं, क्या परिवजन के दौरान इंजन चोरी हुए या पेनुकोंडा में किआ सुविधा में पहुंचने के बाद.
कंपनी के पूर्व कर्मचारियों पर चोरी का शक
सूत्रों ने बताया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि चोरी शायद कंपनी के पूर्व कर्मचारियों ने की है. आरोपियों तक पहुंचने के लिए फिलहाल पुलिस विस्तृत जानकारी जुटा रही है.रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की जांच पूरी होने वाली है. उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस चोरी के बारे में और जानकारी देगी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_LG वीके सक्सेना की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि मामले में मेधा पाटकर को मिली डबल राहत_*
नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिए गए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को राहत दी है. एडिशनल सेशंस जज विशाल सिंह ने मेधा पाटकर को एक साल के लिए परिवीक्षा पर रहने का आदेश दिया. इसका मतलब है कि मेधा पाटकर को मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से मिली तीन महीने की जेल की सजा की जगह एक साल के लिए परिवीक्षा के तहत रहना होगा.
मेधा पाटकर के अच्छे आचरण के चलते मिली राहत : कोर्ट ने मेधा पाटकर को अपने अच्छे आचरण की अंडरटेकिंग की शर्त पर परिवीक्षा के रहने की अनुमति दी है. इसी के साथ कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से मेधा पाटकर पर लगाए गए दस लाख रुपये के जुर्माने को कम करते हुए एक लाख रुपये कर दिया है. सेशंस कोर्ट ने कहा कि मेधा पाटकर की उम्र 70 वर्ष हो चुकी है और उन्हें पहले कभी किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है. ऐसे में वे सजा और जुर्माना कम करने की पात्र हैं.
सेशंस कोर्ट ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट के फैसले को रोका: सेशंस कोर्ट ने 2 अप्रैल को मेधा पाटकर को मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से मिली सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया था. 27 जुलाई 2024 को सेशंस कोर्ट ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट के फैसले पर रोक लगाते हुए वीके सक्सेना को नोटिस जारी किया था. मेधा पाटकर ने जुडिशियल मजिस्ट्रेट की ओर से दी गई पांच महीने की कैद और दस लाख रुपये के जुर्माने की सजा को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी.
जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने 1 जुलाई 2024 को सुनायी थी सजा : जुडिशियल मजिस्ट्रेट ने 1 जुलाई 2024 को मेधा पाटकर को सजा सुनाई थी. जुडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में अधिकतम सजा दो साल की होती है लेकिन मेधा पाटकर के स्वास्थ्य को देखते हुए पांच महीने की सजा दी जाती है. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेधा पाटकर को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ये साफ हो गया है कि आरोपी मेधा पाटकर ने सिर्फ प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए वीके सक्सेना के खिलाफ गलत जानकारी के साथ आरोप लगाए.
मेधा ने वीके सक्सेना पर लेनदेन का लगाया था आरोप: बता दें कि 25 नवंबर 2000 को मेधा पाटकर ने अंग्रेजी में एक बयान जारी कर वीके सक्सेना पर हवाला के जरिये लेनदेन का आरोप लगाया था और उन्हें कायर कहा था. मेधा पाटकर ने कहा था वीके सक्सेना गुजरात के लोगों और उनके संसाधनों को विदेशी हितों के लिए गिरवी रख रहे थे। ऐसा बयान वीके सक्सेना की ईमानदारी पर सीधा-सीधा हमला था. मेधा पाटकर ने कोर्ट में दर्ज अपने बचाव में कहा था कि वीके सक्सेना वर्ष 2000 से झूठे और मानहानि वाले बयान जारी करते रहे हैं. पाटकर ने कहा था कि वीके सक्सेना ने 2002 में उन पर शारीरिक हमला भी किया था जिसके बाद मेधा ने अहमदाबाद में एफआईआर दर्ज कराया था. मेधा ने कोर्ट में कहा था कि वीके सक्सेना कारपोरेट हितों के लिए काम कर रहे थे और वे सरदार सरोवर प्रोजेक्ट का विरोध करने वालों की मांग के खिलाफ थे.
वीके सक्सेना ने 2001 में दायर किया था मेधा के खिलाफ केस : मेधा पाटकर के खिलाफ वीके सक्सेना ने आपराधिक मानहानि का केस अहमदाबाद की कोर्ट में 2001 में दायर किया था. गुजरात के ट्रायल कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था. बाद में 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. मेधा पाटकर ने 2011 में अपने को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही. वीके सक्सेना ने जब अहमदाबाद में केस दायर किया था उस समय वो नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के अध्यक्ष थे.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_जयपुर में हिट एंड रन : कंपनी के CEO ने कई लोगों को कुचला, 3 की मौत, सड़क पर उतरे लोग_*
जयपुर. राजधानी जयपुर में हिट एंड रन केस का मामला सामने आया है. सोमवार देर रात को एमआई रोड से लेकर नाहरगढ़ रोड तक एक कार सवार ने करीब एक दर्जन गाड़ियों को टक्कर मारी और कई राह चलते लोगों को कुचल दिया, जिससे तीन की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे में कई लोग घायल हो गए. सभी को सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया गया. मौके पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. लोगों ने ड्राइवर को पड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है.
घटना के विरोध में प्रदर्शन : जयपुर में हिट एंड रन मामले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. सैकड़ों की संख्या में लोग नाहरगढ़ थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विभिन्न मांगों को लेकर लोगों की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है. मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपए आर्थिक मुआवजे समेत अन्य मांगे शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों ने छोटी चौपड़ पर जाम लगा दिया है. नाहरगढ़ थाने के बाहर प्रदर्शन में भाजपा नेता ज्योति खंडेलवाल, मनीष पारीक और लक्ष्मीकांत पारीक बैठे हैं. भाजपा युवा मोर्चा के कई कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हैं.
उस्मान खान कांग्रेस से निष्कासित : राजधानी के रामगढ़ रोड पर सोमवार रात तेज रफ्तार गाड़ी से कई राहगीरों को कुचल देने वाले आरोपी उस्मान खान को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है. आरोपी उस्मान जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष पद पर था. इस घटना के बाद पार्टी के शहर अध्यक्ष आर आर तिवाड़ी ने आरोपी उस्मान खान को पद से हटाते हुए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया है और आरोपी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
वहीं जयपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष तिवाड़ी के नेतृत्व में जिला कलक्टर जितेंद्र सोनी और पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेगा और हादसे में मारे गए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के साथ ही आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की जाएगी. जयपुर शहर अध्यक्ष आर आर तिवाड़ी ने कहा कि इस तरह की घटना स्वीकार्य नहीं है. हमने इस घटना के बाद तुरंत आरोपी को पार्टी से निकाल दिया है. मृतकों के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं और हम ईश्वर से मृतकों की आत्मशांति के लिए प्रार्थना भी करते हैं. वहीं, इस मामले को लेकर स्थानीय लोग नाहरगढ़ थाने के बाहर धरने पर बैठे हैं और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही मृतकों के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की मांग भी कर रहे हैं.
राजधानी जयपुर में सोमवार देर रात एक बेकाबू कार ने कहर बरपा दिया. एमआई रोड से शुरू हुआ यह हादसा नाहरगढ़ रोड तक पहुंचते-पहुंचते जानलेवा साबित हुआ. तेज रफ्तार कार ने पहले एमआई रोड पर कुछ गाड़ियों को टक्कर मारी और फिर नाहरगढ़ थाना क्षेत्र में लंगर के बालाजी मोड़ के पास एक के बाद एक तीन जगह एक्सीडेंट किए. हादसे में घायल 50 वर्षीय महिला ममता कंवर और और 35 वर्षीय अवधेश पारीक की मौत हो गई है. वहीं जयपुर घायल वीरेंद्र सिंह की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है. हादसे में घायल मोनेश सोनी, जलालूद्दीन, दीपिका, विजय, जेबूनिशा और अंशिका का इलाज जारी है.
पुलिस ने बताया आंखों देखा हाल : एसएमएस पुलिस थाना उपनिरीक्षक कन्हैयालाल ने बताया कि यह एक हिट एंड रन मामला है. गाड़ी लगातार टक्कर मारती हुई आगे बढ़ रही थी. सहायक उप निरीक्षक कन्हैया लाल ने बताया कि नाहरगढ़ रोड पर पैदल चल रहे लोगों को एक कार ने टक्कर मार दी, जिसमें कई लोग घायल हो गए. सभी को सवाई मानसिंह अस्पताल लाया गया, जिनमें से तीन लोगों की मौत हो गई है. घटना का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है, जिसमें तेज रफ्तार कार लोगों को कुचलते हुए नजर आ रही है. सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की.
वहीं, एडिशनल डीसीपी नॉर्थ बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि कार ड्राइवर ने एमआई रोड पर कुछ गाड़ियों को टक्कर मारी. इसके बाद नाहरगढ़ थाना इलाके में लंगर के बालाजी मोड़ के पास तीन जगह पर एक्सीडेंट करके कार दौड़कर भाग रहा था. लोगों की भीड़ ने कार ड्राइवर को पकड़ लिया. पुलिस ने ड्राइवर को डिटेन करके कार को जब्त कार लिया है. कार ओवर स्पीड थी, ड्राइवर ने जो भी रास्ते में आया उसे ही टक्कर मार दी. इसके बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया. काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य नाहरगढ़ रोड थाने पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. सभी घायलों को सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया गया. घायलों में तीन लोगों की मौत हो गई. एक महिला और दो पुरुष की मौत हो गई, जिन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है, जहां पर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा. घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है.
लोगों ने कार चालक को दबोचा : घटना के बाद स्थानीय लोगों ने साहस दिखाते हुए कार चालक को मौके पर पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने तत्काल कार को जब्त कर चालक को हिरासत में ले लिया है. इस पूरे हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें कार की बेकाबू रफ्तार और टक्कर के दृश्य साफ तौर पर देखे जा सकते है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और कार चालक से पूछताछ जारी है. मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं, जबकि घायलों का एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है.
हिट एंड रन मामले में कार ड्राइवर गिरफ्तार : देर रात कार से सड़क पर कोहराम मचाने वाले चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कार चालक 62 वर्षीय उस्मान खान को गिरफ्तार किया है. उस्मान बिजनेस के साथ जयपुर जिले की राजनीति में कई सालों से सक्रिय हैं. उस्मान वार्ड 135 से पार्षद की टिकट भी मांग रहा था. इस हिट एंड रन ने पैदल चल रहे और गाड़ी सवार 9 लोगों को कुचल दिया जिसमें एक महिला समेत 3 लोगों की मौत हो गई. उस्मान खान विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया में Adequate Electro Mechanical Engineering Private Limited नाम से फैक्ट्री चलाते हैं, वो इस कंपनी के CEO हैं. कंपनी हॉस्पिटल बेड्स, चेयर, एंबुलेंस स्ट्रेचर आदि बनाती है. उस्मान खान को बीते दिनों छठी बार जयपुर शहर कांग्रेस में नियुक्ति मिली थी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_इंस्पेक्टर तरुण सुसाइड केस; पत्नी से झगड़े के बाद कहा–तुम्हें मौत की आवाज सुनाता हूं, फिर कर दी फायरिंग_*
प्रयागराजः कर्नलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले वाराणसी क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर तरुण कुमार पांडेय के सुसाइड के पीछे बीमारी, शराब और घरेलू कलह सामने आई है. उन्होंने 6 मार्च की शाम को सुसाइड करने से पहले अपनी पत्नी पूनम पांडेय को कॉल किया था. कॉल के दौरान ही दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. झगड़े के बाद तरुण पांडेय ने पत्नी से कहा, अब हम तुम्हें अपनी मौत की चीत्कार सुनाते हैं और वॉयस रिकॉर्डर ऑन किया और फिर अपने लाइसेंसी रायफल से गोली चला दी थी. पहले फायर में हाथ कांपा और गोली दीवार को चीरती हुई निकल गई. दूसरे फायर में चेहरा उड़ गया. फिलहाल, परिजन पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी लेकर अपने गांव बैजलपुर, गोंडा के लिए रवाना हो गए हैं.
सुसाइड से पहले पत्नी से की थी तीखी बहस : तरुण पांडेय के पड़ोसियों ने बताया कि उनकी फोन पर किसी से चिल्लाकर बात करने की आवाज आ रही थी. वो किसी से जोर जोर से चिल्लाकर बहस कर रहे थे. इसके बाद थोड़ी देर आवाज शांत हुई. थोड़ी देर बाद गोली चलने की आवाज आई. पहले एक फायर की आवाज सुनाई दी और उसके चंद सेकेंड बाद दूसरे फायर की आवाज सुनाई दी. हम लोग भागकर उनके घर पहुंचे तो उनके दोनों पैर बेड के नीचे थे और शरीर बेड के ऊपर. उनके हाथ में मोबाइल था, जिसका वाइस रिकार्डर ऑन था. बेड के पास एक बीयर की खाली बॉटल पड़ी थी. वाट्सएप पर उन्होंने कुछ मैसेज भी भेजा था. बेड के नीचे खून पसरा हुआ था. 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी गई तो थोड़ी देर में पुलिस आ गई. अगले 10 मिनट के पुलिस के आला अधिकारी मौके पर थे.
पत्नी ने दारू पीने से मना किया तो हो गए थे आग बबूला : पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक फोन पर उनकी पत्नी पूनम पांडेय उन्हें दारू पीने से मना कर रही थी. दोपहर से ही उन्होंने दारू पीना शुरू कर दिया था. तरुण पांडेय को लीवर सिरोसिस की भी बीमारी हो गई थी. उनकी दवाएं चल रही थीं. डॉक्टर ने कहा था कि दारू अब बंद कर दो, तुम्हारे लिए एक बूंद भी जहर के बराबर है. पर वो नहीं मान रहे थे. इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस चल रही थी. इसके बाद किसी बात को लेकर तरुण पांडेय अपना आपा खो बैठे और आत्महत्या कर ली.
पत्नी से दारू के नशे में करते थे मारपीट : तरुण पांडेय के एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि उनके अंदर नशे की लत भयंकर थी. नशे के कारण वो अक्सर बीमार हो जाते थे. घर में एक्सीडेंट भी नशे के कारण हुआ था, जिसमें उनकी स्पाइन की मेजर सर्जरी करानी पड़ी थी. विभाग में भी नशे के कारण उनकी रेपुटेशन खराब हो गई थी. बीच में सस्पेंड भी हो गए थे. विभाग में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. घरेलू कलह ऊपर से विभाग में सस्पेंशन ने उन्हें और नशे की गर्त में घकेल दिया था. यही वजब रही कि पत्नी पूनम से अक्सर वाे मारपीट कर लेते थे. बच्चे भी उनसे परेशान थे. बेटी की एक मार्च 2025 को अयोध्या में शादी करने के बाद उनकी हरकतों से बात आकर बेटे ईशान पांडेय के साथ बेंगलूरू चली गई थीं. बेटी की शादी के बाद वो प्रयागराज के कर्नलगंज थानाक्षेत्र में स्थित अपने घर में अकेले रह रहे थे. तनाव और फ्रस्टेशन के कारण उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया है.
प्रयागराज के डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कि तरुण पांडेय की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करा दिया गया है. डेड बॉडी परिजनों को रविवार को सुपुर्द कर दी गई है. साक्ष्यों और फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच की जा रही है. पीएम की रिपोर्ट में सुसाइड के संकेत हैं. बॉडी में सिर्फ एक गोली लगी है जो गले को चीरती हुई पार हाे गई है. परिजनों से पूछताछ की गई है. इस मामले में किसी भी तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है. केस सुसाइड का ही है.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_यूपी कैबिनेट की बैठक; 13 अहम फैसले, PRD जवानों का भत्ता 105 रुपये बढ़ा, हाथरस में मेडिकल कॉलेज के लिए दी गई जमीन_*
लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार की मंत्रिमंडल बैठक में मंगलवार को 15 प्रस्ताव रखे गए. इनमें से 13 पर मुहर लग गई. 2 प्रस्तावों को कैबिनेट से सहमति नहीं मिली. 13 प्रस्तावों में अयोध्या में हॉस्पिटल, प्रांतीय रक्षक दल के जवानों का ड्यूटी भत्ता बढ़ाया जाना आदि शामिल है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कैबिनेट में पास हुए प्रस्तावों की जानकारी दी.
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
प्रांतीय रक्षक दल (PRD) के जवानों का ड्यूटी भत्ता बढ़ाने को मंजूरी. 1 अप्रैल 2025 से ₹395/दिन से बढ़ाकर ₹500 प्रतिदिन किया गया. 34092 जवानों को इसका लाभ मिलेगा. भत्ते में 105 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
वित्त विभाग- सहकारी समितियों एवं पंचायत लेखा परीक्षा सेवा नियमावली के पुनर्गठन प्रस्ताव को मंजूरी.
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सहकारी समितियां व पंचायत लेखा परीक्षा सेवा नियमावली 2025 (संशोधन) को मंजूरी.
यमुना एक्सप्रेस-वे एवं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के क्रॉसिंग (ग्राम जगनपुर-अफजलपुर) के पास NHAI द्वारा इंटरचेंज के निर्माण को मंजूरी.
जनपद हाथरस में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए भूमि हस्तांतरण प्रस्ताव को मंजूरी. आगरा-अलीगढ़ मार्ग पर दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ लिमिटेड सासनी परिसर में से 6.675 हेक्टेयर भूमि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी.
अयोध्या में 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के आयुवर्ग के श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित, मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए बचपन डे केयर सेंटर स्थापना के लिए तहसील सदर की नजूल भूमि को निशुल्क दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को हस्तांतरित करने को मंजूरी.
अयोध्या में प्रस्तावित 300 बेड के चिकित्सालय निर्माण के लिए पुराने सीतापुर नेत्र चिकित्सालय की 12798 वर्गमीटर भूमि को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने को मंजूरी.
इनके अलावा भी कई अन्य प्रस्ताव कैबिनेट में पास हुए हैं, लेकिन वित्तमंत्री की तरफ से उन्हीं प्रस्तावों के पास होने की जानकारी दी गई, जो महत्वपूर्ण थे.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_चित्रकूट में 13 वर्षीय छात्रा से दरिंदगी; महुआ बीनने गई किशोरी से युवक के साथ किया रेप, शोर सुनकर सहेलियां पहुंची तो दी धमकी_*
चित्रकूट : मानिकपुर थाना क्षेत्र में 13 वर्षीय किशोरी छात्रा के साथ क्षेत्र के ही युवक ने दरिंदगी की और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया. खून से लथपथ हालत में घर पहुंचने पर परिजनों ने किशोरी की आपबीती सुनाई तो सन्न रह गए. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी. इस घटना को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने आरोपी युवक को फांसी देने की मांग की है. बहरहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के मुताबिक, मानिकपुर थाना क्षेत्र की एक किशोरी (13) अपनी सहेलियां के साथ महुआ बीनने गई थी. इसी दौरान शारदा (31) ने किशोरी को पकड़ लिया और जबरदस्ती करने लगा. इस पर किशोरी ने शोर मचाने के प्रयास किया, लेकिन आरोपी ने उसे मारपीट कर चुप कराने लगा. किशोरी की चीख पुकार सुनकर दूसरे पेड़ के नीचे महुआ बीन रहे साथी दौड़ कर उसके पास पहुंचे तो आरोपी ने उन्हें भी मारा पीटा और जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद खून से लथपथ किशोरी घर पहुंची और आपबीती परिजनों को बताई. इसके बाद परिजन किशोरी को लेकर थाने पहुंचे. शारदा पुत्र सिपाही लाल के खिलाफ धारा 65 (2) BNS 3/4 पाॅक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया.पुलिस ने आरोपी को उसके एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह के मुताबिक घटना बीते सोमवार की है. किशोरी सहेलियों के साथ महुआ बीनने गई थी. इसी दौरान आरोपी युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. इस मामले में परिजनों की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ के दर्ज किया गया था. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पूछताछ के बाद उसे जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_फतेहपुर में ट्रिपल मर्डर; ट्रैक्टर सवार हमलावरों ने किसान नेता, बेटे और भाई को गोलियों से भूना_*
फतेहपुर: जिले में एक ही परिवार के तीन लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है. इस जघन्य हत्याकांड के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है. गुस्साए ग्रामीणों ने शव नहीं उठने दिया और पुलिस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. हालात को देखते हुए गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. एसपी फतेहपुर ने बताया कि हत्यारोपी तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. घटना फतेहपुर जिले के हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव की है.
जानकारी के मुताबिक, हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव निवासी किसान नेता पप्पू सिंह (50), उनके बेटे अभय सिंह (22) और छोटे भाई रिंकू सिंह (40) मंगलवार की सुबह बाइक से कही जा रहे थे. तभी तहिरापुर चौराहे के पास ट्रैक्टर सवार लोगों ने उन्हें घेर लिया और गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. इससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. पप्पू सिंह की मां रामदुलारी सिंह वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं. बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश और रास्ते को लेकर हुए विवाद के बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा देखते हुए मौके पर हथगाम, हुसेनगंज, सुल्तानपुर घोष की पुलिस फोर्स तैनात की गई है. हत्या का आरोप गांव के ही कुछ लोगों पर लगा है.
एनकाउंटर की मांग पर अड़े रहे ग्रामीण: घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया. मौके पर जमा भीड़ की मांग थी कि हत्यारोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनका एनकाउंटर किया जाए. घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची. पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल व अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र भी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. फॉरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है. फिलहाल गांव में तनाव का माहौल है, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है.
प्रशासन ने की शांति की अपील: प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. हथगाव थाना प्रभारी निकेत भारद्वाज ने बताया कि पुलिस टीम घटना के सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच कर रही है. गांव की स्थिति को भी नियंत्रण कर सभी पर नजर रखी जा रही है. मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि परिजनों से मिली तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है. विधिक कार्रवाई की जा रही है.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_मुजफ्फरनगर में गन्ने से ओवरलोड ट्रक रास्ते के किनारे पिकअप पर पलटा, एक परिवार के 8 लोग दबे, 2 महिलाओं की मौत_*
मुजफ्फरनगर: जिले में सोमवार देर शाम दर्दनाक हादसा हो गया. खतौली क्षेत्र के रतनपुरी इलाके में अचानक से ओवरलोड ट्रक पलट गया, जिसकी चपेट में आने से दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 4लोग घायल हो गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचा और शवों को प्सोटमार्टम के लिए भेजा.पुलिस के अनुसार, कितास गांव का परिवार महिंद्रा पिकअप में सवार होकर अपने बेटे का मुंडन संस्कार करवा कर नोएडा से गांव वापस लौट रहा था. इस दौरान खतौली के सफेदा रोड पर पहुंचकर परिवार ने गाड़ी खड़ी करके चाय पीने के लिए रुके थे. तभी गन्ने से लदा ओवरलोड ट्रक तेजी से आया और मुड़ते वक्त असंतुलित होकर पिकअप पर पलट गया. जिससे पिकअप चकनाचूर हो गया. हादसे में कविता (35), कमला (70) की मौत हो गई.
हादसे की सूचना मिलते ही खतौली कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने राहगीरों और आसपास के लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पिकअप से सभी लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया. जहां पर दो महिलाओं को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं, घायलों की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया.
क्षेत्राधिकारी खतौली श्री राम आशीष यादव ने बताया कि देर शाम ट्रक पलटने से 2 महिला की मौत हो गई. ट्रक चालक की तलाश की जा रही है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_रील्स के लिए जान पर भी खेलूंगा…पटरी पर लेटा युवक और ऊपर से तेज रफ्तार में गुजरी ट्रेन_*
उन्नाव: रील्स बनाने के लिए आजकल किसी भी हद तक जा सकते हैं. इसका जीता जागता उदाहरण उन्नाव जिले में देखने को मिला है. रील्स बनाने के जुनून में एक युवक ने अपनी जान की परवाह किए बिना ऐसा खतरनाक स्टंट किया, जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर रील्स क्रिएटर को जेल की हवा खानी पड़ी है.
उन्नाव पुलिस के कुशुम्भी रेलवे स्टेशन के पास युवक ने सामने से आती तेज रफ्तार ट्रेन के नीचे लेटकर वीडियो शूट किया. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक रेलवे ट्रैक पर लेटा है और तेज रफ्तार से आती ट्रेन उसके ऊपर से गुजर जाती है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि युवक को एक खरोंच तक नहीं आई. युवक की किस्मत ने उसका साथ दिया, लेकिन यह हर किसी के साथ नहीं होता. इस खतरनाक स्टंट का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो जीआरपी उन्नाव हरकत में आ गई और युवक को तलाश लिया।
युवक की पहचान हसंगंज क्षेत्र के न्यौतानी गांव का निवासी रंजीत चौरसिया के रूप में हुई है. वीडियो वायरल होने के कुछ ही घंटों में रंजीत को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि रंजीत के इस खतरनाक और गैरकानूनी कृत्य के चलते उसे जेल भेजा जाएगा.
पुलिस कार्रवाई के अलावा, इस घटना से उसके परिवार पर भी गहरा मानसिक आघात पहुंचा है. जब रंजीत के माता-पिता को उसके स्टंट और गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली तो वे बेहद आहत हुए. पिता ने तो यहां तक कह दिया कि “इसे जेल में ही रहने दो, ताकि सबक मिले. उन्नाव पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, युवक को जेल भेजकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_अलीगढ़ में तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई, दो भाइयों की मौत_*
अलीगढ़: जिले के बन्नादेवी थाना क्षेत्र के खैर बाईपास पर सोमवार देर रात एक तेज रफ्तार बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई. जिससे एक ही परिवार के दो चचेरे भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि तीसरा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल को जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, हाथरस के रहने वाले राजकुमार और शिवम अलीगढ़ में एक मित्र की शादी समारोह में शामिल होने आए थे. उनके साथ अलीगढ़ के देहली गेट क्षेत्र के इंद्रानगर निवासी पंकज भी था. शादी में शामिल होने के बाद तीनों बाइक से वापस लौट रहे थे कि तभी खैर बाईपास पर उनकी बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई.
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची बन्नादेवी पुलिस ने तीनों घायलों को तुरंत मलखान सिंह जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां पर राजकुमार और शिवम को अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. जबकि पंकज की हालत नाजुक होने के चलते उसे प्राथमिक उपचार के बाद जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है. मृतकों के परिजन अस्पताल पहुंच गए. दोनों युवकों की शिनाख्त उनके बहनोई शिवराज ने की.
थाना प्रभारी पकंज मिश्रा ने बताया कि हादसा तेज रफ्तार और बाइक पर नियंत्रण न रहने के कारण हुआ. दुर्घटना में राजकुमार और शिवम की मौत हो गई है. पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है. आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_उधारी वापस न करनी पड़े इसलिए कर दी थी दोस्त की हत्या, पुलिस ने 6 महीने बाद मुठभेड़ में किया गिरफ्तार_*
फिरोजाबाद: हत्या के मामले में फरार चल रहे 25 हजार रुपये के इनामी बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मुठभेड़ के दौरान हत्यारोपी के पैर में गोली भी लगी है. घायलावस्था में गिरफ्तार करने के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. गिरफ्तार आरोपी ने अपने ही साथी को पैसों की खातिर मार डाला था.
अपर पुलिस अधीक्षक नगर रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 6 महीने पहले मटसेना थाना क्षेत्र के गांव आनंदपुर कारकोली के जंगल में एक डेड बॉडी बरामद हुई थी. पहले उसके चेहरे को कुचला गया और फिर गोली मारी गई थी.
बाद में डेड बॉडी की शिनाख्त रविकांत के रूप में हुई थी, जो कि थाना रामगढ़ के गांव नैपई का रहने वाला था. पुलिस ने जब इस मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला कि रविकांत हलवाई का काम करता था और प्रेम बाबू उर्फ भूरा निवासी गांव बबाइन थाना खैरगढ़ इसका ठेकेदार था.
रविकांत के लगभग एक लाख रुपये ठेकेदार प्रेम बाबू उर्फ भूरा पर उधार थे. रविकांत प्रेम बाबू से अपने पैसे वापस मांगता था. इसी बात पर प्रेम बाबू ने अपने दो साथी धीरेंद्र और रब्बी की मदद से रविकांत की हत्या कर दी थी.
शव को जंगल में फेंक दिया था. दो दिन पहले धीरेंद्र और रब्बी को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जबकि प्रेमबाबू फरार था. इस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोमवार की रात में पुलिस जब गांव खडेरिया के पास वाहन चेकिंग कर रही थी तो पुलिस ने एक बाइक को रुकवाने की कोशिश की. बाइक सवार गाड़ी को मोड़कर भागने लगा. हड़बड़ी में बाइक फिसलकर गिर गई.
पुलिस ने जब बाइक सवार की पकड़ने की कोशिश की तो उसने फायरिंग कर दी. पुलिस की जवाबी फायरिंग में बाइक सवार गोली लगने से घायल हुआ. पूछताछ में उसने अपना नाम प्रेमबाबू उर्फ भूरा बताया जो कि रविकांत मर्डर केस में फरार था. प्रेमबाबू के कब्जे से असलहा और कारतूस बरामद हुए हैं.
[08/04, 4:18 pm] +91 93691 67610: *_IAS अफसर विकास आनंद बनाए गए दिल्ली CM रेखा गुप्ता के दूसरे सेक्रेटरी_*
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके 2002 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विकास आनंद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के दूसरे सचिव नियुक्त किए गए हैं. यह आदेश उपराज्यपाल की सहमति के बाद जारी किया गया है. फरवरी में जब दिल्ली में बीजेपी की सरकार ने कार्यभार संभाला था, उसके बाद बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ था. तब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सचिव की जिम्मेदारी आईएएस ऑफिसर मधुरानी तेवतिया को दी गई थी.
मधुरानी तेवतिया वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे नरेंद्र सिंह की पत्नी हैं, जो मुरैना में शहीद हुए थे. पति की हत्या के बाद स्पेशल केस मानते हुए केंद्र सरकार ने मधुरानी का कैडर चेंज करने की अनुमति दी थी. मधुरानी तेवतिया पहले मध्यप्रदेश कैडर से थीं. फिर मध्यप्रदेश कैडर से AGMUT कैडर में शिफ्ट हुई थी. मधुरानी अभी तक एकमात्र सीएम की सचिव थी. अब दूसरे सचिव के तौर पर विकास आनंद जिम्मेदारी संभालेंगे.
केजरीवाल सरकार में भी निभा चुके हैं महत्वपूर्ण भूमिकाएं: विकास आनंद ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया से इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उसके बाद आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया. वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विकास आनंद आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में भी अलग-अलग विभागों में अहम पदों पर अपनी सेवा दे चुके हैं. शिक्षा विभाग से लेकर स्वास्थ्य विभाग में भी वह विशेष सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे पदों पर तैनात रहे हैं. आम आदमी पार्टी सरकार के पहले कार्यकाल में शिक्षा विभाग में विशेष सचिव के रूप में तैनात थे और तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के वह काफी करीब थे. इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड में भी अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर रहे हैं.
बता दें कि बीते 20 फरवरी को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके अलावा छह अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. नई सरकार के गठन के बाद सरकार अपने 100 दिनों के एजेंडे पर काम कर रही है.
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