लखनऊ 22मई25* यूपीआजतक न्यूज चैनल पर उत्तरप्रदेश की कुछ महत्वपूर्ण खबरें——/
: *लेख*
*चिकित्सा विभाग*
*उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन की दिशा में तेजी से अग्रसर*
*कलमकार ओउमजी पाठक “अकिंचन”*
स्वस्थ नागरिक राष्ट्र की समृद्धि के आधार स्तम्भ होते है। किसी भी देश व प्रदेश की प्रगति का मापदण्ड उसमे निवास करने वाले नागरिक के स्वास्थ्य की स्थिति से ही जाना जाता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार ने क्षयरोग मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किये है।
प्रदेश में क्षय रोगियों को बेहतर आधुनिक जाँच उपलब्ध कराने हेतु प्रयोगशाला नेटवर्क का विस्तार किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 926 नैट मशीनें एवं 14 कल्चर डीएसटी प्रयोगशाला के द्वारा प्रदेश के क्षय रोगियों को निःशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में 25 नोडल ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र एवं 56 जनपदीय ड्रग रेजिस्टेन्ट टीबी केंद्र दवा प्रतिरोधी टीबी का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। नोडल डी0आर0टी0वी0 सेन्टरों में एमडीआर/एक्सडीआर क्षय रोगियों हेतु बीडाक्यूलीन एवं डिलामिनिड आधार रेजीमेन उपचार हेतु उपलब्ध है।
वर्ष 2024 में एक्टिव केस फाइंडिंग गतिविधि अभियान के दौरान कुल 15,321 टीबी के मामलों को डायग्नोज एवं उनका उपचार किया गया है। साथ ही 2.45 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करते हुए 90 हजार नये टीबी मरीजो की पहचान करते हुए इलाज शुरू किया गया है। टी0बी0 मुक्त स्थिति की दिशा में प्रगति के प्रमाणन के तहत 7 जिलों हापुड़, कौशांबी, संत रविदास नगर, शामली, बलरामपुर, उन्नाव, सोनभद्र को कांस्य पदक में और 04 जिलों जालौन, मुजफरनगर, बुलंदशहर, पीलीभीत को रजत पदक से वर्ष 2022-23 में भारत सरकार द्वारा विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च, 2023 के अवसर पर सम्मानित किया है। प्रदेश के समस्त जनपदों में क्षय
रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेन्टर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर प्रयोगशाला तक पहुंचाने हेतु डाक विभाग से राज्य स्तर पर अनुबंध किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में नमूनों को शीघ्र पहुंचाया जा रहा है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाया जा रहा है जिसमें संभावित क्षय रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार शुरू करना, टीबी के इलाज छोड चुके मरीजों को पुनः उपचार में लाना एवं निक्षय पोषण योजना डीबीटी हेतु बैंक विवरण की इन्ट्री करना प्रमुख है।
प्रधान मंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत क्षय रोगियों को प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनों/लोकोपकारी संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। दिनांक 17 फरवरी, 2025 तक निक्षय पोर्टल के आंकडानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में कुल 3.53 लाख क्षय रोगियों को गोद लिया गया है।
प्रदेश में जून 2021 से प्रति माह दो बार दवा प्रतिरोधी टीबी के जटिल मामलो पर ‘‘डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लीनिक’’ वर्चुअल माध्यम से चर्चा की जा रही है एवं उसका समाधान करने के लिए प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेज के क्षय रोग विशेषज्ञ द्वारा जटिल क्षय रोग केस की विस्तृत चर्चा से राममान करते है। प्रदेश के चार ड्रग स्टोर आगरा, लखनऊ बरेली तथा वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों को आवंटित औषधियों/जनपदीय ड्रग स्टोर के माध्यम से समस्त क्षय रोगियों को उपलब करायी जाती है। स्टेट टीबी ट्रेनिंग एण्ड डिमान्सट्रेशन सेन्टर (एस0टी0डी0सी) आगरा को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया गया है तथा समस्त एन0टी0ई0पी0 के कर्मचारियों एवं चिकित्सको को प्रशिक्षण आवश्यकतानुसार दिया जा रहा है। वर्तमान में एसटीडीसी-एस0जी0पी0जी00आई0 लखकऊ एवं 100 शैय्या टीबी अस्पताल/चारु चंद्रदास मेमोरियल टीबी अस्पताल, गोरखपुर में स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश के समस्त क्षय रोगियों की एचआईवी की जांच एवं उपचार निःशुल्क, टीबी-एच0आई०वी0 समन्वय कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की एचआई0वी0 की जांच 99 प्रतिशत सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में 6.50 लाख क्षय रोगियों के निर्धारित नोटीफिकेशन लक्ष्य के सापेक्ष कुल 6,81,655 क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किये गये है। वर्तमान में प्रदेश में इलाज की सफलता दर वर्ष 2017 में जहाँ 29 प्रतिशत थी वह बढ़कर 2024 में 94 प्रतिशत हो गई है।
भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0500/- प्रति माह की दर को बढ़ाकर 01 नवम्बर 2024 से रु01000/- प्रति माह कर दिया गया है। प्रदेश में दिनांक 17.02.2025 तक 28.31 लाख क्षय रोग लाभार्थियो को रू0820.32 करोड़ का भुगतान किया गया है। टीबी रोगियों में से 90 प्रतिशत मरीजों की एच0आई0वी0 और 97 प्रतिशत मरीजों की मधुमेह की स्थिति ज्ञात है।
प्रदेश में 05 क्षेत्रीय क्षय कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आर0टी0पी0एम0) आगरा-17 लखन्ऊ-18 बरेली-18 गोरखपुर 10 एवं वाराणसी-11 से सम्बधित जनपदों के एन0टी0ई0पी0 के संकेतांको की समीक्षा एवं पर्यवेक्षण कर इलाज लगातार करते हुए क्षय रोग मुक्त प्रदेश बनाने में ठोस कार्य किये जा रहे है।
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[5/22, 6:19 AM] +91 96283 30454: *लेख*
*पिछड़ा वर्ग विभाग*
*प्रदेश में 30 लाख ओबीसी छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति देकर स्थापित किया गया नया रिकॉर्ड*
*कलमकार ओउम जी पाठक “अकिंचन”*
उ०प्र० सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को सशक्त बनाने और विकास की मुख्य धारा से जोडने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किये है. इस कड़ी में मा० यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रदेश के प्रगतिशील मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने विगत वर्षों में पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना -पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की यह सबसे बड़ी योजना है, जिसके लिए 2024-25 में प्राप्त बजट 02 हजार, 475 करोड़ रुपये से लगभग 30 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति उपलब्ध करायी गयी, जो एक रिकार्ड है। वर्ष 2023-24 की तुलना में लगभग 05 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत छात्र-छात्राओं को 2250 रुपये प्रति वर्ष एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति / शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत छात्र-छात्राओं को चार श्रेणियों में क्रमशः 10 हजार, 20 हजार, 30 हजार एवं 50 हजार रुपये दिया जाता है।
शादी अनुदान योजनान्तर्गत वर्ष 2024-25 में 200 करोड रुपये के बजटीय प्रबंधन से एक लाख गरीब बेटियों की शादी का अनुदान उपलब्ध कराया गया तथा इसी वर्ष में करीब 6 हजार गरीब बेटियों की शादी का अनुदान 12 करोड़ रुपये दिया गया है, जबकि वर्ष 2023-24 में केवल 105 करोड़ रुपये के बजटीय प्राविधान से 52 हजार, 553 बेटियों को शादी अनुदान से अनुदानित किया गया था। इस योजनान्तर्गत एक लाख आय सीमा के अन्तर्गत जीवन यापन करने वाले ग्रामीण अथवा शहरी ओ०बी०सी० परिवारों को 20 हजार रुपये की धनराशि शादी अनुदान के रूप में जारी की जाती है।
कंप्यूटर प्रशिक्षण योजनान्तर्गत प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु बजटीय प्राविधान रुपये 32.92 करोड़, था जिसमें 29 हजार, 769 ओ०बी०सी० प्रशिक्षार्थियों को लाभान्वित किया गया, जबकि वर्ष 2023-24 में रू0 22.52 करोड़ के बजट से 23 हजार, 697 ओ०बी०सी० प्रशिक्षार्थियों को लाभान्वित किया गया। इस योजना के अन्तर्गत 5 हजार रुपये से ‘ट्रिपल सी’ के प्रशिक्षण हेतु तथा 15 हजार रुपये से ‘ओ लेवल’ के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को दिया जाता है।
छात्रावास निर्माण/अनुरक्षण योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 105 छात्रावासों के अनुरक्षण हेतु 02 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रबंधन किया गया। इस योजना के अन्तर्गत पिछड़े वर्गों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क छात्रावास उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जाता है। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के द्वारा संचालित इन योजनाओं से उन्हें लाभान्वित किया गया है।
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्गकल्याण विभाग ने वर्ष 2024-25 में नवाचार के माध्यम से कई महत्वपूर्ण फैसले लिये, जिसमे पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजटीय प्रबंधन 2789.71 करोड़ किया गया, जबकि वर्ष 2023-24 में 2338.63 करोड़ था, जोकि पिछले वर्ष की तुलनामें 451.08 करोड़ अधिक है। शादी अनुदान प्राप्त करने वाले ओ०बी०सी० व्यक्तियों की आय सीमा को बी०पी०एल० श्रेणी शहरी व ग्रामीण से बढ़ाकर समान रूप से एक लाख की गयी।
प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं एवं अन्य लाभार्थियों को आर्थिक सहयोग देने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे है। पिछड़े वर्ग के लिए वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 का कुल व्यय बजट रू0 6928.71 करोड़ था, जबकि 2017-18 से 2025-26 का कुल व्यय बजट रू0 14969.55 करोड़ है, जो कि पिछली सरकार के कुल व्यय बजट से रू0 8040.84 करोड़ अधिक है।
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