मिर्ज़ापुर से बसन्त कुमार गुप्ता की रिर्पोट यूपी आजतक
मिर्जापुर16फरवरी24*संविदा पर सेवारत एएनएम ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा*
प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में नियोजित संविदा एएनएम की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए उनके समाधान की अपेक्षा है। लंबे समय से उनके स्थाईकरण के प्रश्न को हल नहीं किया जा रहा है।
सहायक नर्स मिडवाइव्स (एएनएम) के रूप में भर्ती होने के बाद से नियमित रूप से निर्बाध रूप से, ए बेदाग और कुशल रिकॉर्ड के साथ प्रबंधन की पूरी संतुष्टि के साथ सेवारत हैं। फिर भी उन्हें दक्षता परीक्षा जैसे प्रतिबंधों के दायरे में लाकर उनकी कुशलता को नकारने की कोशिश बहुत हास्यास्पद है।
उनका काम नियमित और स्थायी प्रकृति का है, इसलिए यह सभी सामान्य भत्तों के साथ उचित वेतनमान में वेतन की हकदार हैं । एएनएम के पद पर उनकी सेवाओं को नियमित न किया जाना और उनके संबंधित ज्वाइनिंग तिथियों से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत के आधार पर उनके नियमित समकक्षों की तुलना में समान वेतन का भुगतान न करना अवैध, दुर्भावनापूर्ण है। उनको नियमित और स्थायी प्रकृति की नौकरी पर नियुक्त करना और उन्हें संविदा कर्मचारी के रूप में मानना तथा पारिश्रमिक का न्यूनतम वेतन के सिद्धांत से भी कम भुगतान करना अन्यायपूर्ण है।
साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 39 (डी) का उल्लंघन है और यह उनके श्रम का सरासर शोषण है। वे प्रारंभिक कार्यभार ग्रहण तिथि से एएनएम के पद पर नियमितीकरण की हकदार हैं । साथ ही समान काम के समान वेतन के सिद्धांत पर वेतन के पूरे अंतर के साथ नियुक्ति की तिथि से अब तक भुगतान प्राप्त करने की हकदार है।
यही नहीं किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा भी प्रदत्त नही है । स्वास्थ्य और जीवन बीमा किसी कर्मचारी का बुनियादी हक है, जिससे आच्छादित करना तो दूर ईएसआई तक की न्यूनतम सुविधा नही प्रदान की जा रही है।
इसी प्रकार अन्य प्रचलित सुविधाओ से भी वंचित रखा जा रहा है। ज्ञापन के माध्यम से अपनी निम्न
मांगो पर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए अपेक्षा है कि उन्हे पूरा करने की कृपा करेंगे ।
1_प्रदेश की सभी संविदा एनम को बिना किसी दक्षता परीक्षा स्थाई किया जाय और राज्य कर्मी के रूप में समस्त अनुमन्य हितलाभ दिलाए जाएं।
3_ 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा और 50 लाख का जीवन बीमा गारंटी किया जाय।
4_ स्वैक्षिक गृह जनपद में तैनाती और स्थानांतरण की सुविधा प्रदान की जाय।
5_माननीय उच्चतम न्यायतालय के आदेश के अनुपालन के क्रम में जेंडर सेंसटाईजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरसमेंट
(जीएसकैस) का हर जिले में गठन किया जाय।
6_ मातृत्व अवकास, त्योहारी, राष्ट्रीय छुट्टियों के साथ आकस्मिक, चिकित्सीय अवकास तथा अर्जित वार्षिक अवकास सुनिश्चित किए जाएं।
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