August 5, 2025

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मथुरा4अगस्त25*महान सन्तों द्वारा महिलाओं पर विवादित बयानों के संबंध में वरिष्ठ महिला अधिवक्ताओं के विचार*

मथुरा4अगस्त25*महान सन्तों द्वारा महिलाओं पर विवादित बयानों के संबंध में वरिष्ठ महिला अधिवक्ताओं के विचार*

मथुरा4अगस्त25*महान सन्तों द्वारा महिलाओं पर विवादित बयानों के संबंध में वरिष्ठ महिला अधिवक्ताओं के विचार*

*मथुरा से संवाददाता लक्ष्मी शर्मा की खास खबर यूपीआजतक*

मथुरा। वृंदावन से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर निकाल कर आ रही है।इन दिनों संतो की वाणी को लेकर समाज में वाद विवाद की स्थिति बनी हूई है।कुछ महिलाओं ने अनिरुद्धाचार्य. और संत प्रेमांनद जी महाराज के महिलाओं के प्रति बोले गये शब्दों पर कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पुतला भी जलाया गया।लेकिन इसके विपरीत मथुरा की वरिष्ठ अधिवक्ता ऊषा सोलंकी एडवोकेट तथा वरिष्ठ अधिवक्ता रागिनी गांधी. एडवोकेट और समाज सेवी महिलाओं ने दोनो संतो की टिप्पणी को सही बताया और कहा कि उन्होंने जो कहा है।वह सभी महिलाओं के लिए नही कहा है।
जो महिलाएं गलत रास्ते पर है।उनके लिए कहा है।सोनम और मुस्कान जैसी महिलाओं के लिए कहा है।संत हमेशा मानवता की सेवा करते है।अनिरुद्धाचार्य जी 300,400, माताओं की सेवा करते है।जो संस्कार हीन सन्तानों के दृवारा घर से बेघर कर दी गयी है।ऐसै संत महिलाओं का अपमान कर ही नही सकते
महाराज जी लिवइन रिलेशनशिप के विरुद्ध बोले है।वह सही है।क्योंकि लिव.इन रिलेशनशिप समाज के लिए परिवार के लिए, रिश्तों के लिए अभिशाप बन चुका है।पति पत्नी के रिश्ते टूट रहे है।तलाक हो रहे है।युवा कुमार्ग पर जा रहे है।हत्याऐ हो रही है।
इसलिए महाराज जी ने जो कहा वह सच कहा है।आज जो नग्नता बढ रही है।बेटियां, महिलाएं गन्दी गन्दी रील बना रही है।आंखें शर्म से झुक जाती है।यह सब रुकना चाहिए।
नयी पीढी विनाश की ओर जा रही है।महिला स्वतंत्रता का मतलब स्वछंद होना नही है।नग्न होना नही है।
माता पिता और गुरु को समाज हित में कडी टिप्पणी करने का अधिकार हमारे सनातन धर्म में दिया गया है।माता पिता और गुरु की कठोर शब्द रुपी छडी हमारे कल्याण के लिए है।हमारे हित के लिए है।संतो ने जो कहा वह सर्व समाज के महिलाओं के कल्याण के लिए कहा है।अपने स्वार्थ के लिए नही कहा।वाणी कठोर हो सकती है कडवी हो सकती है।लेकिन संतो.की भावना बुरी नही है।इसलिए वरिष्ठ अधिवक्ता ऊषा सोलंकी एडवोकेट ,एवं रागिनी. गांधी एडवोकेट ने और समासेवी महिलाओं. ने कहा कि वह अनिरुद्धाचार्य जी ,प्रेमांनद महाराज जी ,ऋतम्भरा दीदी साध्वी. जी.का पूर्ण समर्थन करती है।जो महिलाएं विरोध कर रही है।वह आधुनिक चकाचौंध में विवेक से काम नही ले रही है।या अभी वह संतो की वाणी के मर्म को समझने में असमर्थ है।संतो के लिए वह जिन शब्दों का प्रयोग कर रही है।वह निन्दनीय. है।विरोध करने का उनका अधिकार वह मान सकती है।लेकिन किसी का अपमान करने का उनका. कोई अधिकार नही है।

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