भोपाल04दिसम्बर23*भोपाल गैस कांड को हुए पूरे 39 साल, पीड़ितों के परिवार आज भी हो रहे गंभीर बीमारियों के शिकार*
*भोपाल* शहर में 1984 में हुई भयानक गैस त्रासदी की घटना को पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे भीषण और हृदयविदारक औद्योगिक दुर्घटना माना जाता है। 3 दिसंबर, 1984 को आधी रात के बाद यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कारखाने से निकली जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनाइट ने हजारों लोगों की जान ली थी। इस त्रासदी से लाखों लोग प्रभावित हुए दुर्घटना के चंद घंटों के भीतर ही कई हजार लोग मारे गए थे और मौत का यह दिल दहलाने वाला सिलसिला रात से शुरू होकर कई वर्ष तक अनवरत चलता रहा।
भोपाल गैस कांड को आज पूरे 39 साल हो जाने के बावजूद इसका असर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और पीड़ितों के जख्म आज भी हरे हैं। यह हादसा पत्थर दिल इंसान को भी इस कदर विचलित कर देने वाला था कि हादसे में मारे गए लोगों को सामूहिक रूप से दफनाया गया या अंतिम संस्कार किया गया। करीब दो हजार जानवरों के शवों को विसर्जित करना पड़ा और आसपास के सभी पेड़ बंजर हो गए। एक शोध में सामने आया है कि भोपाल गैस पीड़ितों की बस्ती में रहने वालों को दूसरे क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में किडनी, गले तथा फेफड़ों का कैंसर 10 गुना ज्यादा है। इसके अलावा इस बस्ती में TB तथा पक्षाघात के मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है।
इस गैस त्रासदी में पांच लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें से हजारों लोगों की मौत तो मौके पर ही हो गई थी और जो जिंदा बचे, वे विभिन्न गंभीर बीमारियों के शिकार होकर जीवित रहते हुए भी पल-पल मरने को विवश हैं▪️
More Stories
लखनऊ5जुलाई25*ऊर्जा निगमों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य, समय से करें प्रोन्नति-भरे जायें खाली पद-डॉ0 अशीष कुमार गोयल
लखनऊ5जुलाई25*व्यापारी से अभद्रता पर भड़के लोग, GST अफसर के खिलाफ नारेबाजी
भोपाल5जुलाई25*सीएम डॉ. मोहन यादव की घोषणा- अगले सत्र से मेधावियों को लैपटाप खरीदकर देगी सरकार*