भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता (यूपी आजतक)
भागलपुर30जनवरी24*गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर की ओर से महात्मा गांधी शहादत दिवस सह विश्व कुष्ठ दिवस का आयोजन किया गया।!
गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर की ओर से महात्मा गांधी शहादत दिवस सह विश्व कुष्ठ दिवस का आयोजन प्रकाश चंद्र गुप्ता की अध्यक्षता में किया गया इस अवसर पर प्रार्थना पुष्पांजलि और श्रद्धांजलि कार्यक्रम किया गया कार्यक्रम में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म की ओर से रमेश शाहष मोहम्मद फारुख ,सरदार यशपाल सिंह ,राजेंद्र पाल सिंह ने अपने-अपने धर्म की व्याख्या करते हुए गांधी विचार पर अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि सभी धर्म का मत परोपकाराय पुण्यय पापाय परपीड़नम पर केंद्रित है। अर्थात दूसरों की भलाई करना पुण्य है और कष्ट देना पाप है आज दुनिया में कोई सरकार और कोई निराकार ब्रह्म की पूजा करते हैं सबके रास्ते अलग-अलग है पर मंजिल एक है। क्योंकि सभी धर्म कहते हैं कि हम एक ही ईश्वर की संतान है अतः गांधी जी के अनुसार नाम भेद के बजाय धर्म में अंतर्निहित सत्य को समझे इसीलिए गांधी ने कहा कि सत्य ही ईश्वर है। डॉ विजय कुमार अध्यक्ष गांधी विचार विभाग ने कहा कि आज गांधी के शहादत दिवस पर उन्हें याद कर रहे हैं उन्हें याद करते हुए इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि गांधी की हत्या के लिए कौन से कारक जिम्मेदार थे उन्होंने कहा कि जो करक तब जिम्मेदार थे वह आज अधिक सक्रिय हो गए हैं जो समाज को तोड़ने में लगा हुआ है इसीलिए आज गांधी अत्यधिक प्रासंगिक है।
डॉक्टर मनोज कुमार पूर्व कुलपति वर्धा ने कहा कि संपूर्ण गांधी बआंगमय में के संपूर्ण संदर्भों को देखने से ज्ञात होता है कि वे आजादी के अंतिम चरण में अत्यधिक व्यथित थे ।व्यथा का कारण कोई अन्य नहीं अपने ही लोग थे। इस व्यथा को समझने की आवश्यकता है क्योंकि गांधी जी सत्य ,अहिंसा और बंधुत्व की भावना पर आधारित समाज रचना करना चाहते थे। उनमें बाधा खड़ा किया जा रहा था जिसका जिक्र गांधी अपने अंतिम वसीयत में किए हैं। फारुख अली ने कहा कि हमारे पास धर्म और राजनीति का ऐतिहासिक संदर्भ लगभग 6000 वर्षों का है तो क्या इसके पहले मानव धर्म नहीं था। उससे पहले भी था और वह था इंसानियत और मानवता का इसीलिए आस्था से अधिक इंसानियत को बचाने की आवश्यकता है ।इंसानियत बचेगा तो इंसान बचेगा और देश भी बचेगा उन्होंने कहा कि गांधी जी जो सोचते थे वही बोलते थे और जो बोलते थे वही करते थे अर्थात् मन वचन और कम से एकरूपता था। जिसका आज अभाव हो रहा है। इससे बचने की जरूरत है और सभी की भावना का सम्मान करने की आवश्यकता है तभी इंसान और समाज बचेगा। डॉ बिना यादव ने लघुता में प्रभुता की बात कही मंजर आलम ने कहा कि गांधी के देश में नफरत की लहर कब तक? युवा पीढ़ी को गांधी के विचार से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर एनुल होदा ,तकी अहमद जावेद ,राजकुमार ने भी विचार रखें। आगत अतिथियों का स्वागत डॉक्टर सुनील अग्रवाल, कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार, और धन्यवाद ज्ञापन वासुदेव भाई द्वारा किया गया ।उपस्थित प्रमुख लोगों में अनीता शर्मा ,शारदा श्रीवास्तव, पूनम श्रीवास्तव ,रूपा शाह ,बाकिर हुसैन ,मंजर आलम, तकी अहमद जावेद ,दीपक कुमार गुप्ता, मिंटू कलाकार ,जिम हमीदी, विनोद कुमार ,कमल जायसवाल, अभय कुमार सिंह ,शाहनवाज, गौतम कुमार ,अर्जुन शर्मा ,किशन राज, सिमरन कुमारी ,मोईन, रमेश झा, सुनील अग्रवाल ,वकील प्रसाद सिंह, बिना यादव ,राजकुमार, सच्चिदानंद, किरण ,अब्दुल करीम अंसारी, संजय कुमार ,अमन ,वासुदेव भाई, मदन राय ,प्यारी देवी सहित आने को लोग शामिल थे।
More Stories
मिर्जापुर: 27जून 25 *परिषदीय विद्यालयों के मर्जर के विरोध में जिला मुख्यालय पहुंचे शिक्षक गण*
*गोरखपुर28जून25*सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे.*
*हैदराबाद28जून25* से बहुत शर्मनाक खबर है_*