भागलपुर बिहार से शैलेन्द्र कुमार गुप्ता यूपी आजतक
भागलपुर21अगस्त24*एससी/एसटी के उप-वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बन्द सफल रहा।
एससी/एसटी के उप-वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बहुजन संगठनों के द्वारा आहुत भारत बंद भागलपुर शहर में जबर्दस्त सफल रहा।
भागलपुर बिहार मे बंद समर्थक एससी/एसटी उपवर्गीकरण का विरोध करने के साथ ही *बिहार के एससी,एसटी और ईबीसी-बीसी के 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को 9 वीं अनुसूची में डालने,*लैटरल एंट्री के जरिए भर्ती पर रोक लगाने,*ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने,*आरक्षण की तय 50 प्रतिशत की सीमा और ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान को खत्म करने,*जाति जनगणना जल्द कराने और *निजी क्षेत्र व हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति सहित हर क्षेत्र में एससी,एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी की गारंटी करने की मांगों को भी बुलंद कर रहे थे।बंद की अगुआई सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रामानंद पासवान,बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के डॉ.अमित,अखिलेश्वर पासवान,उदय शंकर चौधरी,वीरेन्द्र गौतम,ई.एसएन ठाकुर,अर्जुन शर्मा,सोहिल दास,सत्यनारायण,बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के सोनम राव,प्रवीण यादव,विष्णु दास,संजीव कुमार पासवान,मुकेश,चंदन आदि कर रहे थे।
सुबह से ही स्टेशन चौक पर बंद समर्थकों का जुटान शुरु हो गया था.बंद समर्थकों का एक जत्था स्टेशन चौक पर जमा रहा तो सैकड़ों की तादाद में दूसरे जत्थे ने शहर के मुख्य मार्गों से मार्च किया.अंत में स्टेशन चौक पर सभा की गई।सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के रामानंद पासवान और बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के डॉ.अमित ने कहा कि ऐतिहासिक बंद के जरिए भागलपुर सहित देशभर के बहुजनों ने एससी/एसटी उपवर्गीकरण के खिलाफ अन्य मांगों के पक्ष में एकजुट आवाज बुलंद की है.इस आवाज को नरेन्द्र मोदी की सरकार अनसुना नहीं करे.संसद में बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करे.बिहार के बहुजनों ने आज के बंद के जरिए बिहार के एससी,एसटी और ईबीसी-बीसी के 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को 9 वीं अनुसूची में डालने की भी मांग की है.नरेन्द्र मोदी सरकार अविलंब इस मांग को भी पूरा करे।इस मौके पर अखिलेश्वर पासवान और उदय शंकर चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भाजपा-आरएसएस का एजेंडा लागू कर रही है।भाजपा-आरएसएस की नीति फूट डालो-राज करो की है.सुप्रीम कोर्ट भाजपा-आरएसएस के लिए रास्ता बना रही है.इसे बहुजन समाज बर्दास्त नहीं करेगा।फुले-अंबेडकर युवा मंच के वीरेन्द्र गौतम,विष्णुदेव दास और सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के ई.एस.एन.ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट एससी,एसटी और ओबीसी के मसले पर हमेशा ही विरोध में फैसला देती रही है.सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट तक एससी,एसटी व ओबीसी के जज नहीं के बराबर हैं.2018 से 2023 तक हाई कोर्ट में नियुक्त जजों में एससी-3 प्रतिशत,एसटी-1.5 प्रतिशत और ओबीसी-12 प्रतिशत हैं.न्याय व्यवस्था के चरित्र को बदलने के लिए जरूरी है कि हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में भी एससी,एसटी और ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी मिले.कॉलेजियम सिस्टम खत्म हो.
बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) के प्रवीण कुमार यादव,सोनम राव,विष्णु दास,राणा कुमार और अजय ने कहा कि एससी,एसटी और ओबीसी में जो पीछे छूट रहे हैं,उसका कारण गरीबी एवं उच्च शिक्षा का अभाव है.इसके समाधान के लिए शिक्षा के अवसर बढ़ाने और गरीबी दूर करने की जरूरत है.इन सवालों को उपवर्गीकरण के जरिए हल नहीं किया जा सकता है.मोदी सरकार नई शिक्षा नीति-2020 को खत्म करे और सबको समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी करे। सोहिल दास,परमानंद चौधरी,सत्यनारायण और मुकेश दास ने कहा कि जाति जनगणना सामाजिक न्याय का बुनियादी प्रश्न है जो आजादी के बाद से लेकर आज तक हल नहीं हुआ है.नरेन्द्र मोदी सरकार सभी जातियों को शामिल कर जाति जनगणना कराये.सभी क्षेत्रों-नौकरशाही से न्यायपालिका तक,सार्वजनिक से निजी तक सभी संस्थाओं-कंपनियों में नीचे से ऊपर तक किस जाति की कितनी भागीदारी है,यह भी बताए.स्पष्ट हो जाएगा कि इस मुल्क में कौन किसका हिस्सा खा रहा है।सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के अर्जुन शर्मा और रिंकु यादव ने व्यवसायियों-शहर वासियों का बंद को भरपूर समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.भागलपुर बंद को ऐतिहासिक बताया है.दोनों नेताओं ने कहा कि बहुजनों ने बंद में ऐतिहासिक एकजुटता प्रदर्शित की है.वर्चस्वशाली शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
भागलपुर बंद में बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच,बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार),मूलनिवासी संघ,अखिल भारतीय दुसाध उत्थान परिषद,अखिल भारतीय धोबी महासंघ जैसे संगठनों के कार्यकर्ता सक्रिय थे।
बंद को सफल बनाने में प्रमुख तौर पर सक्रिय थे-चंदन कुमार,सोहिल दास,सत्यनारायण,प्रवीण यादव,विष्णु दास,रीना कुमारी,रंजना मरांडी,सुभाष रजक,अखिलेश्वर पासवान,सुरेश पासवान,विष्णुदेव दास,नवल किशोर गौतम,गंगा दास,राणा कुमार,अजय कुमार,विजय दास,मुकेश दास,नंदन,सूरज,संजीव कुमार पासवान,प्रकाश पासवान,अशोक दास,दिलीप कुमार दास,अनिल दास,राम रतन राम,योगेन्द्र दास,पुरुषोत्तम दास,गोपाल चौधरी,विनोद पासवान,योगेश कुमार,सियाराम रजक,संजय रजक,अनिल दास,मिथुन दास,रविन्द्र दास,रमण साह सहित कई एक.बंद में सैकड़ों लोग उतरे थे।
-रिंकु यादव,सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार)
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