September 29, 2025

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पूर्णिया बिहार 7 सितंबर 25* राज्य के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस से हुआ प्रमाणित

पूर्णिया बिहार 7 सितंबर 25* राज्य के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस से हुआ प्रमाणित

पूर्णिया बिहार 7 सितंबर 25* राज्य के चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस से हुआ प्रमाणित

— बक्सर, वैशाली, खगड़िया और गयाजी जिले के प्रखंड शामिल
—अब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए होगा आवेदन

पूर्णिया बिहार से मोहम्मद इरफान कामिल की खास रिपोर्ट यूपी आज तक

पूर्णिया बिहार।राज्य के चार प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन प्रदान किया गया है. जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एनक्यूएएस का सर्टिफिकेट मिला है उनमें बक्सर का पीएचसी सिमरी, गया का पीएचसी इमामगंज, वैशाली का पीएचसी गोरौल और खगड़िया का परबत्ता शामिल है. राज्य स्तरीय सर्टिफिकेशन मिलने के बाद ये सभी पीएचसी सक्षम पोर्टल के माध्यम से प्रक्रियानुसार नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन देंगे. राज्य स्तरीय असेसमेंट में सबसे ज्यादा 90.46 अंक पीएचसी इमामगंज को दिए गए हैं.
मालुम हो कि राज्य में वित्तीय वर्ष 2025 —26 के अंत तक 50 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थानों को एनक्यूएएस का सर्टिफिकेशन प्राप्त करने का लक्ष्य है. एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध कई सेवाओं की जांच की जाती है. यह जांच दो स्तर पर इंटरनल और एक्सटर्नल होती है. मूल्यांकन में जिन सेवाओं की जांच की जाती हैं उनमें सर्विस प्रोविजन, क्लीनिकल सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम, पेशेंट राइट्स सहित अन्य सेवाएं शामिल हैं. इन सभी सेवाओं में एक निर्धारित अंक स्वास्थ्य संस्थानों को हासिल करने के साथ इसे सस्टेन भी करना होता है. राज्य में जिला स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों से समुदाय स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है. इससे समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी.
प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
एनक्यूएएस के नेशनल ऐसेसर डॉ महताब सिंह कहते हैं कि किसी एक स्वास्थ्य केंद्र के प्रमाणीकरण के लिए सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी है. यह प्रयास निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के स्वास्थ्य कर्मियों को करना होता है. इसके बावजूद प्रमाणीकरण मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, उसके लिए वित्तीय सोर्स की मजबूती, डेटा मैनेजमेंट, स्किल्ड स्वास्थ्यकर्मी, बेहतर प्रशासनिक एवं प्रबंधन व्यवस्था, निरंतर गैप एनालिसिस, बेहतर इंफ्रा का होना बेहद ही जरूरी है.

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