August 5, 2025

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*दीपावली स्पेशल बुलेटिन* 04 नवंबर 21* केंद्र ने उत्‍पाद शुल्‍क हटाया तो मुख्यमंत्री योगी ने घटाईं वैट की दरें*

*दीपावली स्पेशल बुलेटिन* 04 नवंबर 21* केंद्र ने उत्‍पाद शुल्‍क हटाया तो मुख्यमंत्री योगी ने घटाईं वैट की दरें*

 

? *राहत:यूपीवालों को दिवाली का तोहफा, डीजल-पेट्रोल 12-12 रुपये सस्ता, केंद्र ने उत्‍पाद शुल्‍क हटाया तो मुख्यमंत्री योगी ने घटाईं वैट की दरें*

दीवाली पर मोदी और योगी सरकार ने प्रदेशवासियों को बड़ा उपहार दिया है। केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से बड़ी राहत देने के लिए दिवाली की पूर्व संध्या पर महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की कटौती की। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेउच्चस्तरीय बैठक की। इसमें राज्य सरकार ने भी प्रदेश में पेट्रोल पर 7 रुपये और डीजल पर दो रुपये कम करने का फैसला किया। इस तरह प्रदेश में डीजल 12 रुपये और पेट्रोल भी 12 रुपये सस्ता हो गया है। यह फैसला गुरुवार से लागू होगा।केंद्र की इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी। उत्पाद शुल्क में कमी 4 नवंबर से प्रभाव में आएगी। इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत सरकार ने गुरुवार से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। हाल के महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।

 

? *किसानों को सीएम का दिवाली गिफ्ट, दो लाख लोगों को 207 करोड़ रुपये देगी योगी सरकार, आदेश जारी*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के 48 जिलों के 208793 किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआजवा देने के लिए 74 करोड़ 52 लाख 94 हजार 208 रुपये दिए हैं। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित किसानों को हर संभव सहायता देने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया है। इसके आधार पर जिलों से ऐसे किसानों का ब्यौरा मांगा गया था, जिनकी फसलें बर्बाद हुई हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर ऐसे 827451 प्रभावित किसानों की जानकारी फीड की गई है। इसे आधार पर 48 जिलों के 208793 किसानों को सहायता राशि देने का फैसला किया गया है। किसानों को सहायता राशि बांटने की जानकारी राहत आयुक्त कार्यालय को ऑनलाइन दी जाएगी। राज्य सरकार इसके पहले भी बाढ़ प्रभावित किसानों को सहायता राशि बांटने के लिए पैसे दे चुकी है।अपर मुख्य सचिव राजस्व ने झांसी, ललितपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, देवरिया, खीरी, बहराइच, अलीगढ़, गाजीपुर, मऊ, कुशीनगर, संतकबीरनगर, वाराणसी, सीतापुर, पीलीभीत, बलरामपुर, बलिया, बरेली, बाराबंकी, जालौन, बस्ती, चंदौली, कानपुर देहात, बिजनौर, अंबेडकरनगर, रामपुर, महोबा, हमीरपुर, मुरादाबाद, कानपुर शहर, श्रावस्ती, हरदोई, गोंडा, चित्रकूट, सुल्तानपुर, अमेठी, आजमगढ़, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मेरठ, उन्नाव, बदायूं, भदोही व मुजफ्फरनगर के डीएम को इस संबंध में निर्देश भेजते हुए सहायता राशि देने का निर्देश दिया है।

 

? *मुख्यमंत्री योगी सरकार ने इन लोगों की रद्द की छुट्टी, दिवाली पर करनी होगी ड्यूटी*

योगी सरकार ने दीपाली पर उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली देने की तैयारी पूरी कर ली है। बिजली आपूर्ति को लेकर विभाग ने भी पूरी तरह कमर कस ली है। योगी सरकार ने दिवाली को देखते हुए बिजली विभाग के सारे कर्मचारियों की छुट्टी को निरस्त कर दिया है। साथ ही 24 घंटे बिजली की आपूर्ति देने का भी निर्देश दिया है। वहीं दीपावली पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई। जिसके लिए कर्मचारियों को लगाया गया।दीपावली के शुभ त्योहार में अधिकांश घरों में झालरें और बल्ब अधिक लगने से बिजली खपत बढ़ जाती है। जिससे ट्रांसमिशन पर अधिक लोड बढ़ जाता है। लोड बढ़ने से लाइन में तार टूटने का खतरा बढ़ जाता है, उसके लिए सभी लाइनमैन अलर्ट पर रखे गए हैं। ट्रांसमिशन में प्राप्त कोड के अनुसार, जिले में सभी बिजलीघरों को दीपावली पर 24 घंटे बिजली देने का निर्देश प्राप्त हुआ है। वहीं कर्मचारियों की छुट्टी भी निरस्त कर दी गई। वहीं जेई भी अलर्ट कर दिए। उन्हें घर जाने के बजाय पॉवर हाउस ही दीपाली मनाने के निर्देश दिए गए।

 

? *केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाया, हर महीने खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपए का पड़ेगा असर*

केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिये बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की। दिवाली की पूर्व संध्या पर की गयी इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी।उत्पाद शुल्क में कमी चार नवंबर से प्रभाव में आएगी और इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।”यह उत्पाद शुल्क में की गयी अब तक की सबसे अधिक कमी है और इससे साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है। उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बयान में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया जा रहा है।अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद देश भर में खुदरा दरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद उत्पाद शुल्क में कमी की जा रही है। जहां सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, वहीं डीजल ने कई राज्यों में यह स्तर पार कर लिया है। ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। खासकर कांग्रेस ने आलोचना करते हुए सरकार से उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की थी। अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8,700 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।उद्योग सूत्रों के अनुसार इससे सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा।

 

? *सरकारी धन अब मंदिरों पर खर्च किया जाता है न कि कब्रिस्तान की बाउंड्री पर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*

अयोध्या श्रीराम राज्याभिषेक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बिना नाम लिए पूर्व की अखिलेश यादव सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले कब्रिस्तान की बाउंड्री पर सरकारी धन खर्च किया जाता था अब मंदिरों के विकास और सौंदर्यीकरण पर खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन्हें कब्रिस्तान प्यारा था वे वहां खर्च करते थे, जिसे धर्म और संस्कृति से लगाव है वह मंदिरों पर खर्च कर रहा है।सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2023 तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसी के साथ उन्होंने मोदी है तो मुमकिन है का नारा भी जोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में राम मंदिर निर्माण की सभी बाधाएं एक-एक कर हटती चली गईं। अब मंदिर का निर्माण चल रहा है। इसी तरह काशी के विश्वनाथ मंदिर में भी भव्य परिवर्तन हो रहा है। विंध्यवासिनी धाम का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। नैमिषारण्य में भी यही स्थिति देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में 500 तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है।

 

? *बदलाव:मुख्यमंत्री योगी के बाद रेल मंत्रालय की भी हरी झंडी, फैजाबाद जंक्‍शन का नाम बदलकर किया गया अयोध्‍या कैंट*

फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्‍या किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के फैसले को अब रेल मंत्रालय ने भी हरी झंडी दे दी है। अयोध्यावासियों की मांग पर फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट करने की अधिसूचना जारी कर दी है। सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि उन्होंने रेल मंत्री से इसकी मांग की थी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व रेल मंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आर्शीवाद से फैजाबाद स्टेशनका नाम बदल कर अब अयोध्या कैंट हो गया है। इसे लेकर अयोध्यावासियों में काफी खुशी है। दीपोत्सव के दिन फैजाबाद स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट किया जाना हर्ष की बात है। सांसद लल्लू सिंह बुधवार को फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने के मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी में फैजाबाद रेलवे स्टेशन के शिलापट पर नाम परिवर्तित कर अयोध्या कैंट लिखा गया। सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि यात्रियों को सुविधा देने के लिए अयोध्या कैंट स्टेशन के तीन प्लेटफार्मों का विस्तार किया जाएगा। प्लेटफार्म नम्बर एक को 130 मीटर व प्लेटफार्म नम्बर दो व तीन को 30-30 मीटर तक लम्बा किया जाएगा।

 

? *भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने सपा-बसपा पर साधा निशाना, बोले-यूपी में अब चलता है कानून का राज*

अयोध्या के रामकथा पार्क में आयोजित भगवान राम के राज्याभिषेक समारोह में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने भगवान के अस्तित्व को नकारने का काम किया है। पिछले 70 वर्षों में देश का अपमान कितना हुआ यह आप देख रहे हो। लोग चंदन लगाने में डरते थे, मंदिर जाने से डरते थे। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में जय श्रीराम कहना अपराध-सा था।उन्होंने कहा कि महज एक समुदाय के लोगों को खुश करने के लिए डीजे बजाने, राम बारात व कांवड़ यात्रा निकालने पर बंदिशें थीं। देश के अंदर आतंकवादियों व नक्सलवादियों का राज स्थापित था। उन्होंने जिन्ना की प्रशंसा पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को घेरा। बोले, रामजन्मभूमि पर कोई कहता था शौचालय बनवा दो, कोई कहता था अस्पताल। सपा, बसपा व कांग्रेस के राज में राम के अस्तित्व को नकारा जाता था। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, जब से सूबे में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनें, भक्तों पर पुष्प वर्षा की जाती है। इसके लिए उन्होंने मौजूद विशाल जनसमुदाय से सीएम योगी की खड़े होकर तालियों से स्वागत करने को कहा। इस पर जय श्रीराम के नारे से रामकथा पार्क गुंजायमान हो गया।

 

? *करो योग रहो निरोग:अब फाइलों की टेंशन होगी दूर, दफ्तरों में काम के समय योग करेंगे अफसर,सरकार ने प्रोटोकॉल लागू किया*

सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को समय पर हासिल करने का दबाव झेल रहे सरकार के अधिकांश अधिकारी तनाव में रहते हैं। इसको देखते हुए सरकार ने सभी विभागों में योग ब्रेक प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं। इससे अधिकारी और कर्मचारी काम के बीच में योग आसन कर अपना तनाव दूर कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि योग ब्रेक से अधिकारी तनाव मुक्त होकर तरोताजा हो जाएंगे। इससे उत्पादकता बढ़ेगी।आयुष मंत्रालय की ओर से मिले पत्र के बाद सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने दो नंबर को एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल सहित मंत्रालय के सभी अधिकारियों को कार्यालय ज्ञापन जारी कर दिया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने गत वर्ष पायलेट प्रोजेक्ट के तौर शुरू किया था। इसमें पांच मिनट के प्रोटोकॉल का उद्देश्य ऑफिस में कर्मियों को योग से परिचय करवाना था। इसका मकसद काम के बोझ तले दबे अधिकारियों व कर्मचारियों को योग के जरिए उनका तनाव कम करना और तरोजाता बनाना है।बदलती कार्य शैली और लगतार कंप्यूटर पर काम करने के कारण अधिकांश स्थानों-ऑफिस में लोग तनाव अनुभव करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि उत्पादकता कम हो जाती है। इसको ध्यान मे रखते हुए आयुष मंत्रालय ने जाने माने योग विशेषज्ञों के साथ मिलकर 2019 में पांच मिनट का योग ब्रेक प्रोटोकॉल विकसित किया था। जिसका मकसद ऑफिस में कर्मचारियों के मन मस्तिष्क को तरोताजा करना और काम पर फिर से ध्यान केंद्रित करने योग्य बनाना है।

 

? *यूपी बोर्ड में शैक्षिक सत्र 2021-22 : कक्षा नौ में बड़ा बदलाव, 20 बहुविकल्पीय प्रश्न आएंगे*

यूपी बोर्ड में शैक्षिक सत्र 2021-22 में कक्षा नौ में बड़ा बदलाव किया गया है। इसमें प्रत्येक विषय की परीक्षा 70 अंक की होगी। लगभग 30 प्रतिशत अंकों (20 अंक) के बहु विकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर होगी। इसके अलावा कक्षा 11 व 12वीं की अर्द्धवार्षिक, वार्षिक प्री बोर्ड परीक्षाओं में अंक विभाजन व्यवस्था पिछले वर्ष की भांति ही हैं। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत माध्यमिक शिक्षा में प्रश्न पत्रों के प्रारूप में परिवर्तन किया गया है। इसमें लिखित परीक्षा के 70 अंक के प्रश्नपत्रों को दो भागों में विभक्त किया जाना है। 70 अंक के प्रश्न पत्र के लगभग 30 प्रतिशत अंक यानि 20 अंक का प्रथम भाग बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होगा, जिसका उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा।अर्द्धवार्षिक परीक्षा में 70 अंक की लिखित परीक्षा होगी। 70 अंक के प्रश्न पत्र में 30 प्रतिशत अंकों के (20 अंक के) बहु विकल्पीय प्रश्न होंगे, जिसकी परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाएगी। एक-एक अंक के कुल 20 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे।

शेष 70 प्रतिशत अंकों के (50 अंक के) वर्णनात्मक प्रश्न होंगे।

वार्षिक परीक्षा में अर्द्धवार्षिक परीक्षा की ही भांति 70 अंक की लिखित परीक्षा होगी। वार्षिक परीक्षा के बाद कुल योग 70+70+30=170 अंक होगा।

 

? *उत्तर प्रदेश में इस साल नौ गुना तेज हुआ डेंगू का डंक, अब तक 21 हजार लोग आए चपेट में*

उत्तर प्रदेश में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़ी संख्या में लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। इस साल करीब 21 हजार से ज्यादा लोग डेंगू की जद में आ चुके हैं। पिछले साल नवम्बर तक की तुलना करें तो इस साल नौ गुना से ज्यादा लोगों पर डेंगू मच्छर हमला बोल चुका है।स्वास्थ्य विभाग में संचारी रोग निदेशक डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक पिछले साल पहली नवम्बर तक 2204 मरीज थे। वहीं वर्ष 2021 में इसी तारीख में मरीजों की संख्या बढ़कर 21 हजार 687 हो गई है। आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। अकेले लखनऊ में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1000 के पार पहुंच चुका है।

*लक्षण*

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है। वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है। साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना।

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