July 9, 2025

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छत्तरपुर13मई*बुंदेलखंड में भ्रष्टाचारियों का सरताज रिश्वतखोर, जनपद पंचायत राजनगर के सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी का तुगलकी फरमान:

छत्तरपुर13मई*बुंदेलखंड में भ्रष्टाचारियों का सरताज रिश्वतखोर, जनपद पंचायत राजनगर के सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी का तुगलकी फरमान:

छत्तरपुर13मई*बुंदेलखंड में भ्रष्टाचारियों का सरताज रिश्वतखोर, जनपद पंचायत राजनगर के सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी का तुगलकी फरमान:

आदेशों को बनाया मजाक, सीएम बनकर कर रहे काम*
*!!.आय से अधिक संपत्ति का मामला लोकायुक्त में विचाराधीन, सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी जनपद पंचायत गौरिहर का अतिरिक्त प्रभार.!!*
*पंकज पाराशर छतरपुर✍️*
बुंदेलखंड में भ्रष्टाचारियों का सरताज जनपद पंचायत राजनगर के सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी तुगलकी फरमान इन दिनों मजाक बनकर रह गए हैं, शासन स्टाइल इनके द्वारा आदेश जारी किए जा रहे हैं, चलते फिरते नियम कानून यह जेब मे डाल कर चलते हैं, वर्तमान में उनके विवादित आदेश से राजनगर व गौरिहार ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है l जनपद पंचायत राजनगर में सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी के कार्यकाल में सागर लोकायुक्त कर चुकी जनपद के रिश्वत खोरो को बेनकाब कर चुका है l फर्जी भुगतान कर पात्र हितग्राहियों को लगातार परेशान किया जा रहा है l जनपद पंचायत राजनगर इन दिनों भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है l यह हम नही बल्कि लोकायुक्त की हो रही एक के बाद एक लगातार कार्यवाही से स्पष्ट हो रहा है गौर करे तो सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार बेहताशा बढ़ा ही नही बल्कि दीमक की तरह जनपद कार्यालय में लग चुका है, सीएम हेल्पलाइन एवं जन शिकायतों का अंबार लगा है l जब कमीशन खोरी और रिश्वतखोरी के खेल में सीईओ एई मनरेगा अकाउंटेंट और एपीओ ने इंतहा कर दी तो लोग लोकायुक्त की शरण मे जाने लगे और परिणाम स्वरूप भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों को लोकायुक्त ने 2 वर्ष पूर्व लोकायुक्त ने रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर उनका असली चेहरा बेनक़ाब किया था, रिश्वतखोरी के इस खेल में पकड़े जाने के बाद खुलासा हुआ है कि कमीशन और रिश्वत का यह पैसा जनपद में सीईओ एई मनरेगा एकाउंटेंट और एपीओ के अलावा सभी सीट को उसके हिस्से के हिसाब से दिया जाता है, खुलासा तो यह भी किया गया है कि सीईओ सहित सभी अधिकारी और कर्मचारी हितग्राही मूलक योजना और जनहितैषी योजनाओं में फ़ाइल स्वीकृत कराने से लेकर कार्य के अंत तक अपना अपना कमीशन बांधे हुए है, बताया गया है कि कमीशन न देने पर संबंधित को प्रताड़ित कर मजबूर किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप मैदानी अमला या पंचायत स्तरीय अमले को मजबूरी में योजनाओं में जनता से पैसे लेकर उसे सबको बाँटना पड़ता है और लोकायुक्त का शिकार होते है छोटे कर्मचारी जबकि असली खिलाड़ी बड़े अधिकारी लोकायुक्त की गिरफ्त से बच जाते है l भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कमिश्नर ने संज्ञान में लेकर जांच के आदेश जारी किए हैं l सीईओ प्रतिपाल सिंह बागरी राजनेताओं के चरणों की चरण वंदना कर रहे है l

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