गाजीपुर से नीलिमा रॉय की खास रिपोर्ट यूपीआजतक
गाजीपुर07मई24*तेज धूप,गर्मी और तप्त हवाओं (लू) के दुष्प्रभावों से लड़ सकने में सक्षम होम्योपैथी दवाएं : डॉ० एम ० डी० सिंह
————————————————–
गाजीपुर । अबकी अप्रैल के महीने से ही गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण अबकी गर्मी का प्रकोप जुलाई महीने तक बना रह सकता है। हमारे शरीर में ताप नियंत्रण की एक निश्चित व्यवस्था होती है जिसके ऊपर जाने पर शरीर का ताप नियंत्रण ध्वस्त हो जाता है। शरीर का कोई भी तंत्र दुष्प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाता, जिसके कारण मनुष्य अनेकानेक व्याधियों से जूझता है। इसलिए हमें पहले से ही सजग और तैयार रहना होगा।
धूप गर्मी और लू से मानव शरीर पर पड़ने वाली कुछ दुष्प्रभाव :
1- जल अल्पता (डिहाईड्रेशन)।
2- हाथ, पैर अथवा पूरे शरीर में जलन।
3- तेज अनियंत्रित शारीरिक तापमान (ज्वर)।
4- असह्य सर दर्द और चक्कर आना।
5- सोचने समझने की क्षमता घट जाना।
6- अत्यंत कमजोरी और मानसिक तनाव महसूस करना।
7- सनबर्न, अर्टीकेरिया, घमौरियों और फोड़े- फुंसियों का निकलना।
8- फूड प्वाइजनिंग, आंन्त्र-शोथ, पेट दर्द एवं उल्टी दस्त का लगना।
9- बेहोशी आना, अकबक करना।
10-रक्त अल्पता, पैरों में सूजन एवं लोकोमोटर अटेक्सिया।
11- पेशाब में कमी, जलन अथवा जल्दी-जल्दी होना।
12- तेज धूप के कारण आंखों में जलन और लाली।
13- लू लगना, इत्यादि।
बचाव :
किसी भी रोग की चिकित्सा से कहीं ज्यादा आवश्यक एवं अनुकूल अवस्था है उससे बचाव कर लेना। धूप, लू और गर्मी के दुष्प्रभाव से कुछ निम्न पूर्व प्रक्रियाएं अपना कर बचा जा सकता है–
1- अधिक से अधिक पानी पिएं ताकि शरीर में जल की मात्रा कम न होने पाए।
2- धूप में जाना आवश्यक हो तो मोटे सूती कपड़ों का प्रयोग करें एवं सर और चेहरे को तौलिया आदि से ढक कर निकलें।
3- आंखों पर धूप का चश्मा लगाकर निकलें।
4- नीबू, संतरा, तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी, बेल जैसे मौसमी फलों का सेवन करें।
5- चना जौ का सत्तू, आम पुदीने की चटनी, छाछ और लस्सी ,जीरा सौंफ का पानी ,प्याज, गुड़ का शरबत और आम का पन्ना धूप गर्मी और लू से बचाव के लिए अत्यंत कारगर हैं।
6- ताजी हरी सब्जियों का सेवन करें, नॉनवेज से भरसक बचें, अत्यधिक आयली और मसालेदार भोजन का प्रयोग संयमित होकर करें।
7- फास्ट फूड एवं कोल्ड ड्रिंक का कम से कम प्रयोग करें।
8-यदि जगह हो तो अपने घर के आस-पास वृक्ष अवश्य लगाएं।
9- तापमान में अचानक और असंतुलित परिवर्तन बिना धूप में गए लू का कारण बन सकता है। इसलिए ए.सी.से निकलते और अंदर जाते समय इस बात का ध्यान रखिए।
10-दिन में कई बार चेहरे को ठंडा पानी से छीटा मार कर धोया जाय।
बचाव की होमियोपैथिक औषधियां :
लू, धूप, गर्मी से बचाव की प्रमुख होम्योपैथिक औषधि है-
नेट्रम कार्ब 200
गर्मी के दिनों में बाहर निकलते समय इसका एक खुराक लेना उपयोगी रहेगा।
लाक्षणिक चिकित्सा :
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में धूप लू और गर्मी से होने वाली अनेक व्याधियों की चिकित्सा के लिए अलग-अलग कारगर औषधियां उपलब्ध हैं जिनमें अर्निका माण्ट,एलियम सिपा,एपिस मेल, बेलाडोना, ब्रायोनिया, ब्यूफो राना, आर्क्टियम लैप्पा, अर्जेंटम नाइट्रिकम, कोलोसिन्थ, कैंथेरिस, इपिकाक, स्ट्रेमोनियम, यूपेटोरियम पर्फ, यूफ्रेशिया, जेलसीमियम, ग्लोनोइन, लैकेसिस, नेट्रम म्यूर, नेट्रम कार्ब, नक्स वोमिका, फास्फोरस, पल्साटिला, रोबीनिया, सीपिया ,सल्फर, वेरेट्रम एल्ब, जिंकम मेटालिकम इत्यादि।
नोट- दवावों का चुनाव होमियोपैथिक चिकित्सक की राय पर ही किया जाय।
डाॅ० एम० डी० सिंह
सी० एम० डी०, एम० डी० होमियोलैब, गाजीपुर।
More Stories
रायबरेली27दिसम्बर24*राशन कार्ड धारक करवा लें ई-केवाईसी नहीं तो राशन से होगें वंचित
रायबरेली27दिसम्बर24*भू माफियों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन का हल्ला बोल
पंजाब27दिसम्बर24*300 नशीली गोलियां, 5 ग्राम हैरोइन व ड्रग मनी सहित बोहड़ सिंह उर्फ बोहड़ी काबू, पुलिस रिमांड पर