December 24, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

कौशांबी23दिसम्बर24*27 वर्ष बाद भी विकास सुविधाओं से अपेक्षित रह गया ऐतिहासिक स्थल कौशांबी*

कौशांबी23दिसम्बर24*27 वर्ष बाद भी विकास सुविधाओं से अपेक्षित रह गया ऐतिहासिक स्थल कौशांबी*

कौशांबी23दिसम्बर24*27 वर्ष बाद भी विकास सुविधाओं से अपेक्षित रह गया ऐतिहासिक स्थल कौशांबी*

*पर्यटक स्थल तक ना तो चलाई गई पर्यटकों के लिए रोडवेज बस ना कौशांबी के ऐतिहासिक धरोहर को वापस लाने का हुआ प्रयास*

*विकास के नाम पर 27 वर्षों से कौशांबी में पर्यटक विभाग कर रहा है केवल ड्रामेबाजी*

*कौशाम्बी।* पर्यटन स्थल पर लाने के मकसद से कौशांबी जिले का सृजन हुए 27 वर्ष पहले 4 अप्रैल 19 97 को किया गया था जिले के सृजन को 27 वर्ष से अधिक बीत चुके हैं लेकिन कौशांबी जिले में विकास के नाम पर पर्यटक स्थल का विकास रत्ती भर नहीं हो सका है पर्यटक स्थल के विकास का दावा केवल मंच माइक तक सीमित रह गया है जिससे जिले में पर्यटकों की संख्या नहीं बढ़ सकी है ऐतिहासिक स्थलों तक जाने और वापस आने के लिए 27 वर्ष के बीच रोडवेज बसों की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई है इससे ज्यादा सरकारी उपेक्षा क्या होगी पर्यटकों के बैठने के लिए ऐतिहासिक स्थलों में छाया युक्त स्थान नहीं उपलब्ध हो सके हैं इतना ही नहीं पर्यटक स्थल में अभी तक पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर जलपान की दुकान तक नहीं खुल सकी है इतना ही नहीं पर्यटक स्थलों पर जन सुविधाओं शौचालय मूत्रालय के लिए पर्यटक तरसते हैं शौचालय मूत्रालय तक की व्यवस्थाएं पर्यटक स्थल पर 27 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं की गई है जबकि सरकार स्वच्छता अभियान पर कितना ध्यान दे रही है बाहर से आने वाले पर्यटकों को रात गुजारने के लिए धर्मशाला होटल रेन बसेरा सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं और अधिकारी नेता बड़े-बड़े पंडाल में खड़े होकर मंच माइक से विकास की बड़ी-बड़ी बात करते हैं सरकार उनके अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा के चलते देश-विदेश से आने वाले हजारों पर्यटकों को सुविधाए नहीं मिलती और उन्हें निराशा हाथ लगती है प्रयागराज मे महाकुंभ आने वाला है और महाकुंभ के दौरान भारी संख्या में पर्यटकों का आना-जाना कौशांबी के ऐतिहासिक स्थल में भी होगा लेकिन सुविधाओं के अभाव में पर्यटक निराश होंगे।

अंधेरगर्दी की हद तो तब हो गयी जब 4 अप्रैल 1997 को कौशांबी जनपद का सृजन किए जाने के 27 वर्षों बाद भी कौशांबी के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के विकास के नाम पर पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने मीटिंग में केवल ड्रामेबाजी की है पर्यटन विभाग को बड़ा बजट सरकार से मिलने के बाद भी कौशांबी में पर्यटक सुविधाए बहाल नहीं हो सकी है तमाम मीटिंग में विकास योजनाओं का बड़ा खाँचा खींचकर पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने शासन प्रशासन को गुमराह किया है लेकिन हकीकत में कौशांबी के ऐतिहासिक स्थलों का विकास 27 वर्षों बाद नहीं हो सका है इतना ही नहीं 27 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के बाद कौशांबी में एक भी संग्रहालय नहीं बनाया जा सका है कौशांबी के ऐतिहासिक धरोहर सम्राट अशोक की लॉट घोसिता राम विहार महाराज परीक्षित के किले का अवशेष सहित विभिन्न अवशेष अभी तक कौशांबी में संग्रहालय बनाकर स्थापित नहीं किए गए हैं जिससे कौशांबी आने वाले पर्यटकों को कौशांबी की धरोहर देखने को नहीं मिलती है और पर्यटकों को निराशा हाथ लगती है।

कौशांबी के पर्यटन स्थल में राजा जयचंद के किले का अवशेष संदीपन ऋषि का आश्रम अलवारा झील और पक्षी विहार भगवान बुद्ध की तपोस्थली जैन मुनियों का पवित्र तीर्थ स्थल प्रभास गिरि पर्वत संत मलूक दास आश्रम महावीर स्वामी का स्थल सम्राट अशोक की लाट महाराज परीक्षित के किले का अवशेष प्रसिद्ध सिद्ध पीठ मां शीतला धाम कड़ा का स्थान पल्हाना घाट का ऐतिहासिक शिव मंदिर सहित विभिन्न पर्यटक स्थल तक आने-जाने के संसाधन 27 वर्षों बाद भी सरकार नहीं उपलब्ध करा सकी है और अधिकारी से लेकर नेता मंत्री तक कौशांबी में विकास कराए जाने का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं जिससे इन नेता अधिकारियों के चापलूसी का अंदाजा लगाया जा सकता है अधिवक्ता प्रेमचंद चौरसिया ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर कौशांबी के पर्यटन स्थलों के विकास कराए जाने रोडवेज बसों का संचालन कराए जाने पर्यटकों के लिए छायायुक्त यात्री सेट बनवाए जाने शौचालय मूत्रालय बनवाए जाने और कौशांबी में संग्रहालय बना कर ऐतिहासिक धरोहरों को कौशांबी में स्थापित करने की मांग की है।

About The Author

Taza Khabar

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.