कौशांबी14जुलाई24*फुफी बाबा चादर में क्या लाएं है।*
*जनाबे क़ासिम की याद में सातवीं मोहर्रम को निकाला गया जुलूस*।
*कौशाम्बी* कभी इस टुकड़े पे है कासिम कभी उस टुकड़े पे है कासिम, है-2 कासिम है -2 क़ासिम। सातवीं मुहर्रम रविवार को दिन में हजरत इमाम हसन अलेहिस्सलाम के 13 वर्षीय बेटे हजरत कासिम अलैहिस्सलाम की शहादत का गम मनाया गया। कर्बला के मैदान में यजीद की फौज ने शहजादे कासिम को शहीद करके उनकी लाश को घोड़ों की टापों से पामाल कर (कुचल) दिया था। सातवीं मोहर्रम से ही यजीदयों ने हुसैनियों पर जुल्म ज्यादा बढ़ा दिये थे। भीषण गर्मी थी इसके बावजूद उन पर पानी बंद कर दिया गया। तीन दिन की भूख-प्यास की शिद्दत में परिवार और साथियों के साथ दी गयी कुर्बानियों को याद करके अजादार गम-ए-हुसैन में डूब गए। हजरत कासिम की शहादत का दर्दनाक मंजर सुन अजादार बेकरार हो उठे। नम आंखों से अजादारों ने आंसुओं का पुरसा पेश किया।
लहना में कौसर हुसैन के इमाम बारगाह से इमाम चौक तक मौला अब्बास का अलम व जनाबे क़ासिम का ताबूत ले जाया गया। कौसर हुसैन के अशरे की सातवीं मजलिस को मौलाना सय्यद शाहिद रज़ा सोनवी ने खिताब किया। मौलाना ने पहले इमाम हजरत अली अलैहिस्सलाम की एलान-ए-विलायात का जिक्र करते हुए कहा कि जब हजरत रसूल खुदा (स.) हज करके वापस आ रहे थे और जब गदीर के मैदान में नबी-ए-करीम ने इमाम की विलायत का एलान किया था। रसूल द्वारा इमाम को अपना जानशीन घोषित करने के बाद भी जालिमों ने उनपर और उनके परिवार पर जुल्म करना नहीं छोड़ा। दस मुहर्रम को इमाम के बेटे हजरत इमाम हुसैन अलेहिस्सलाम को उनके 72 जानिसारों के साथ कत्ल कर दिया गया, वही मसायब बयान करते हुए कहा सातवीं मुहर्रम को कर्बला के मैदान में यजीद की फौज ने शहजादे क़ासिम को शहीद करके उनकी लाश को घोड़ों की टापों से पामाल (कुचल) कर दिया था। जिसकी याद में हर साल दुनियाभर में मुहर्रम मनाया जाता है। रविवार को कौसर हुसैन के घर पे एक मजलिस का अयोजन किया और अलम ताबूत बरामद हुए। जिसमे मजलिस के बाद नौहखान ज़ीशान उर्फ राजू ने पढ़ा हुसैन कहते थे रोकर हबीब तन्हा हूं, हसन असकरी, हसन मोहम्मद, कमर अब्बास,ने पढ़ा था तराई पे हश्र का मंज़र, नैजो उछला फोरात का पानी ,जाफर ज़ाहीद उम्मे फरवा का था नौहा मेरे दिलबर कासिम , राशिद ने पढ़ा या ज़ाहरा या ज़ाहरा,दर्द भरे नौहा को बयान किया वही अंजुमन ए बाज़ू ए अब्बास ने सीना जनी की इस मौके पर अंजुमन के सदर सय्यद ज़ीशान असगर उर्फ़ फ़ाते मिया मंजर अब्बास अहमद रिज़वी ,मशरकैन , हसन हैदर मोहम्मद ज़मिन मासूम आदि लोग उपस्थित रहे।
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