August 12, 2025

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

औरैया11जुलाई*परिवार नियोंजन में पुरुषों की सहभागिता अधिक जरूरी-सीएमओ*

औरैया11जुलाई*परिवार नियोंजन में पुरुषों की सहभागिता अधिक जरूरी-सीएमओ*

औरैया11जुलाई*परिवार नियोंजन में पुरुषों की सहभागिता अधिक जरूरी-सीएमओ*

*जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत जागरूकता वाहन को हरी झंडी देकर किया रवाना*

*हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का हुआ प्रसारण*

*परिवार नियोजन संसाधनों की स्टाल लगाकर लोगों को किया गया जागरूक*

*औरैया।* विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सोमवार को 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्टाल लगाकर भी लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी, और इन्हें अपनाने के बारे में प्रेरित किया गया। सीएमओ ने परिवार नियोजन संसाधन स्टॉल का निरीक्षण करते हुए नि:शुल्क प्रदान किए जाने वाले परिवार नियोजन संसाधनों के संदर्भ में जानकारी ली,और मौजूद लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूक किया। उन्होंने पुरुषों से ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं। जनपद से चुने गये दो हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर सौँधेमऊ और देवरपुर सहित सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए उद्घाटन का सजीव प्रसारण भी देखा गया। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. देव नारायण कटियार ने कहा कि आज छोटे परिवार समय की मांग है। ज्यादा बच्चों वाले परिवारों को अभावों का जीवन जीना पड़ता है। बच्चों की अच्छी पढ़ाई नहीं हो पाती और उन्हें पौष्टिक भोजन तक के संकट से गुजरना होता है। उन्होंने पुरुषों से परिवार नियोजन कार्यक्रम को अपनाने पर जोर दिया। नवदंपतियों को नई पहल किट का वितरण करते हुए कहा कि शादी के तीन साल बाद पहला बच्चा और उसके बाद तीन साल के अंतर में दूसरा बच्चा होना चाहिए। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (आरसीएच) डॉ.शिशिर पुरी ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का यह दूसरा चरण है, जो कि 31 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान चिन्हित नवदंपतियों को उनकी पसंद वाले परिवार नियोजन के अस्थाई साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। कैंप लगाकर नसबंदी की जाएंगी। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि जनपद के सभी सब सेंटरों, सीएचसी, पीएचसी और जिला महिला अस्पताल में टेली मेडिसिन के माध्यम से नवदंपतियों और महिलाओं की काउंसिलिंग की गई।

Taza Khabar