October 16, 2025

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औरैया 26 नवंबर *संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया*

औरैया 26 नवंबर *संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया*

औरैया 26 नवंबर *संविधान दिवस धूमधाम से मनाया गया*

*नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में हुआ कार्यक्रम का आयोजन*

*औरैया।* भारतीय संविधान दिवस को नेहरू युवा केंद्र औरैया के तत्वाधान में आज शनिवार को विकासखंड भाग्यनगर ग्राम पंचायत लखनपुर के मजरा लुकरपुरा गांव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ग्राम वासियों को संविधान की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला युवा अधिकारी अनवर वारसी ने कहा भारत का संविधान अन्य देशों की तुलना में सर्वोत्तम है। यहां का संविधान लचीला भी है और कठोर भी है। लोकहित में इस संविधान के नियमों को बदलाव भी किया जा सकता है। संविधान में सबको बराबरी का हक दिया गया है। संविधान का पालन करते हुए आम लोगों के परिजनों को समझाना होगा। संविधान का मतलब सबको बराबरी का अधिकार समता ममता और बंधुत्व का नाता कायम करना ही संविधान का मूल उद्देश्य है।
आगे उन्होंने कहा कि भारत वर्ष को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी। इसके बाद अंग्रेजों ने कहा था कि देश में बदलाव चाहिए आप सब लोग आजाद हैं, लेकिन संविधान नवीनतम होना चाहिए। तब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को कमेटी का अध्यक्ष बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने कई देशों का भ्रमण कर वहां के चुनिंदा नियमों को मानव हित में रखकर नियम और कानून बनाए। संविधान को तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा। इस संविधान को सीनेट में पेश किया गया। जिसमें अंग्रेजों ने कहा विश्व का सर्वोत्तम संविधान है। संविधान को सीनेट में पास कर दिया गया। इस संविधान से अब सभी को बराबरी का हक मिला। इससे देश की उन्नत हुई। सबको शिक्षा का अधिकार मिला। सबसे बड़ा अधिकार मतदान का अधिकार मिला। जनता 5 वर्ष बाद अपने हित के लिए नये, प्रतिनिधि का चुनाव कर सकती है। उन्होंने आवाहन किया सभी को संविधान का सम्मान करते हुए संवैधानिक दायरे में रहकर अपना जीवन यापन करना चाहिए। विभाग द्वारा जितना भी यहां के लिए सहयोग हो सकेगा किया जाएगा। उन्होंने दो युवती और युवा मंडल दल गठन किए जाने की घोषणा की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि योगाचार्य अजय राज ने कहा देश का संविधान देशवासियों के हित में ही बनाया गया है। पहले राजा रानी के पेट से पैदा होता था। अब मतदान से पैदा होता है। स्वतंत्रता से पहले शासनकाल में तमाम लोगों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता था। गरीबी, भुखमरी व लाचारी थी। अशिक्षित व्यक्ति ना तो अपना भला कर सकता था ना दूसरों का भला कर सकता था। जब से संविधान लागू हुआ इसके बाद दिनोंदिन देश का विकास हुआ। शिक्षा का माहौल बदला। आज हर घर में शिक्षित व्यक्ति हैं। अपने अधिकारों और कर्तव्यों को सही तरीके से समझ सकता है। अपना, अपने परिवार व देश का हित शिक्षित व्यक्ति ही भला कर सकता है। कार्यक्रम के आयोजक प्रधान प्रतिनिधि प्रवीण कुमार राजपूत ने कहा जबसे देश का संविधान लागू हुआ है। इसके बाद से कलयुग यानी मशीनरी का युग आ गया है। सारे काम बड़े आसानी से हो जाते हैं। युवा इसका फायदा उठाकर देश के उत्थान के लिए कार्य करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता महेश मिश्रा ने की। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दीपेंद्र माहौर, एडवोकेट लाल सिंह, हाकिम सिंह, योगेश गुप्ता, ओम प्रकाश, लालाराम, इंद्रपाल, पिस्तौल सिंह, फिल्म अभिनेता पंकज सिंह राजपूत व सर्वेश सिंह सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। राष्ट्रगान व शपथ ग्रहण के बाद कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।

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