उन्नाव 07जुलाई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर उन्नाव की कुछ महत्वपूर्ण खबरें…
*उन्नाव। किसानों की जान पर बना था खेल! निरंकारी खाद भंडार में ज़हर की फैक्ट्री का पर्दाफाश, गोदाम सील — मालिक पर शिकंजा कसने की तैयारी*
उन्नाव, 6 जुलाई 2025 — उन्नाव में किसानों की फसलें नहीं, उनकी उम्मीदें मारने की पूरी तैयारी चल रही थी! *निरंकारी खाद भंडार भतावा* में अवैध तरीके से जहरीले कीटनाशकों की पैकिंग का धंधा जोरों पर था। गोपनीय सूचना पर कृषि रक्षा अधिकारी की टीम ने जब गोदाम पर धावा बोला तो मानो ज़हर की फैक्ट्री का दरवाजा खुल गया — बोरियों में खुला कीटनाशक, नकली पैकिंग के गत्ते, खाली बीजों के पैकेट और संदिग्ध उर्वरकों का अंबार देखकर अफसर भी भौचक्क रह गए।
गोदाम संचालक *राहुल प्रसाद पुत्र बाबूलाल* से जब इस खतरनाक कारोबार का हिसाब मांगा गया तो उसके पास कोई दस्तावेज नहीं निकला, न ही कोई जवाब — जैसे किसान की मौत का लाइसेंस जेब में लिए घूम रहा हो! अधिकारियों ने मौके पर ही कीटनाशकों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भिजवा दिए, ताकि इस ज़हर का सच सामने आ सके।
*नायब तहसीलदार स्नेहा यादव* की मौजूदगी में पूरे गोदाम को सील कर दिया गया। प्रशासन ने साफ कह दिया — “किसानों के दुश्मनों पर अब रहम नहीं, ये सीधे जेल भेजे जाएंगे!”
जिला प्रशासन ने ऐसे अवैध कारोबारी माफियाओं को दो टूक संदेश दिया है: *किसानों की सेहत से खिलवाड़ बंद करो, वरना अगली खबर में तुम्हारा नाम अपराधियों की लिस्ट में होगा!*
[7/7, 10:20 AM] +91 90443 83919: उन्नाव:
एंबुलेंस न मिलने से ठेले पर लादे घायल मजदूर की मौत
सिस्टम की लापरवाही ने ले ली ज़िंदगी
परिवार में मचा कोहराम, स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता पर उठे सवाल
स्वास्थ्य सिस्टम की लापरवाही ने एक गरीब मज़दूर की जान ले ली
शिवनगर निवासी 30 वर्षीय मंतोष, जो सूखी लकड़ी तोड़ते वक्त पेड़ से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था, उसे घंटों तक एंबुलेंस न मिलने के कारण परिजनों ने ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया।इलाज के लिए इधर-उधर भटकने के दौरान ही उसकी मौत हो गई।
घायल मंतोष एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करता रहा
घटना शनिवार सुबह 10 बजे की है, जब मंतोष पीतांबर नगर में एक नीम के पेड़ से गिरा।
पत्नी पूनम ने 112 और एंबुलेंस नंबर पर कई बार कॉल किया लेकिन एक घंटे तक कोई एंबुलेंस नहीं आई।
अंततः ठेले का इंतजाम कर परिजन मंतोष को 2 किमी दूर पैदल लेकर निजी क्लीनिक पहुंचे।
तीन अस्पतालों ने किया इन्कार, रास्ते में तोड़ा दम
1. *पहले डॉक्टर ने भर्ती किया लेकिन रेफर कर दिया,* बताया पैर में फ्रैक्चर है।
2. *दूसरे अस्पताल (आवास विकास) ने हालत गंभीर बताकर भर्ती करने से मना कर दिया।
3. *तीसरे डॉक्टर के पास ले जाते वक्त ही मंतोष की सांसें थम गईं।*
घर में टूटा दुखों का पहाड़
मृतक मंतोष के पीछे पत्नी पूनम, दो बेटे साहिल-अमन और दो बेटियां शालिनी व शालू* हैं
बच्चों की आंखों में सवाल है — पापा को क्यों नहीं बचाया?
पूरे मोहल्ले में शोक और गुस्सा* का माहौल है।
उन्नाव में हाल है
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