आगरा २१अक्तुबेर *जीवनीमंडी स्वास्थ्य केंद्र में सही समय पर आयरन सूक्रोज देकर महिलाओं की बचाई जा चुकी है जान
आगरा। एनीमिया एक बड़ी समस्या है, इसके कारण न केवल स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, बल्कि गर्भावस्था में महिला की स्थिति गंभीर बन सकती है। ऐसी ही परिस्थिति निशा के साथ हुई। गर्भावस्था के पांचवें महीने में उन्हें पता चला कि वह गंभीर रूप से एनीमिक हैं। वह जीवनी मंडी स्वास्थ्य केंद्र गईं, जहाँ पर उन्हें आयरन सूक्रोज लगाया गया। इसके बाद प्रसव के समय तक उनकी स्थित ठीक हो गई। अब निशा और उनका बच्चा सुरक्षित हैं।
जीवनीमंडी स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि कई महिलाओं में खून की कमी होती है। इसे दूर करने के लिए हम उन्हें जागरुक करते हैं और आयरन की दवाएं देते हैं। निशा भी उन्हीं में से एक थीं। जब वह गर्भावस्था के पांचवें महीने में केंद्र पर आईं तो सीवियर एनीमिक पाई गईं। निशा काफी कमजोरी महसूस कर रहीं थी। उन्हें आयरन सूक्रोज की डोज दी गईं। इसके बाद निशा की स्थिति में सुधार हुआ। लगातार फॉलोअप के बाद निशा के प्रसव के समय तक उनकी स्थिति ठीक हो गई और हीमोग्लोबिन 9.5 ग्राम हो गया। इससे निशा का प्रसव सुरक्षित हो गया। डॉ. मेघना ने बताया कि जीवनीमंडी स्वास्थ्य केंद्र पर अब तक 24 महिलाओं की सही समय पर जांच करके और उन्हें आयरन सूक्रोज की डोज देकर उनका सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है।
निशा ने बताया कि जब वह गर्भवती हुईं तो शुरुआती दिन तो ठीक थे। कुछ समय बाद उन्हें लगातार थकान होने लगी। कुछ भी काम करने पर उनकी सांस फूलने लगती थी, आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता था। उनके नाखून और आंखे सफेद हो गई थीं।
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