अयोध्या03नवम्बर23*अयोध्या समेत 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति के मामले में बड़ा खेल।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रदेश के आठ स्लॉटर हाउस को 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति देने के मामले की जांच में कई खेल सामने आए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसमें निलम्बित मुख्य पर्यावरण अधिकारियों के स्लॉटर हाउस संचालकों से साठगांठ का पता चला है।
इसके चलते ही उन्हें फायदा पहुंचाने को ये विवादित आदेश दिए गए थे। दोनों अफसरों पर कार्रवाई के बाद मांस कारोबारियों के यहां आयकर छापे में भी कई खुलासे हुए। दो मांस कारोबारी अपने ही बयान में फंस गये हैं। उनके विरोधाभाषी बयानों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष मनोज सिंह ने स्लॉटर हाउस संचालक को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इसमें पूछा है कि आपके बयान से साफ है कि तथ्य छिपाकर आपके द्वारा अवैध कटान की जा रही है। क्यों न पशुवधशाला तत्काल बंद कराकर एफआईआर करा दी जाए।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अध्यक्ष ने बरेली की नगर निगम पशुवधशाला (संचालक-मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्रोडक्टर प्रा. लि.) को भेजे पत्र में लिखा है कि आयकर विभाग ने 13 अक्तूबर को पत्र लिखा था कि आपकी इकाई में निर्धारित क्षमता 300 पशु से अधिक पशु कटान हो रहा है। आपने आयकर अधिकारियों को यह बयान नोट कराया है। दूसरी ओर आपकी तरफ से हाईकोर्ट इलाहाबाद बेंच में अंडरटेकिंग दी गई है कि आपकी इकाई में सिर्फ 300 पशु कटान ही हो रहे हैं, जिसकी अनुमति बोर्ड से है। ये दोनों बयान विरोधाभासी है। इससे साफ है कि तथ्यों को छिपा अवैध कटान किया जा रहा है। इस मामले में जल्दी ही कुछ और कार्रवाई हो सकती है।
आयकर विभाग का एक पत्र ही गायब
सूत्रों का कहना है कि एक और स्लॉटर हाउस के लिए भी आयकर विभाग ने बोर्ड को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। यह पत्र ही अब गायब है। आयकर विभाग के रजिस्टर में इस पत्र को भेजने का जिक्र है, पर बोर्ड में इस पत्र के पहुंचने का जिक्र ही नहीं है। अफसर यह पता कर रहे हैं कि आखिर आयकर विभाग से चला यह पत्र कहां गायब हो गया है।
अयोध्या समेत 45 जिलों में दी थी मांस बिक्री की इजाजत
बोर्ड ने आठ स्लॉटर हाउस को अयोध्या समेत 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति दे दी थी। 22 सितम्बर को बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम के आदेश पर आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने 11 अक्तूबर को खबर प्रकाशित की थी। उसी दिन शाम घनश्याम कुमार निलम्बित कर दिए गए। अगले दिन आगरा में बिना मानक कम्पनी को बायो मेडिकल नष्ट करने की अनुमति देने में मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-एक विवेक राय भी निलम्बित हुए। दोनों के खिलाफ जांच विशेष सचिव वन डॉ. चन्द्र भूषण कर रहे हैं। एसीएस अनीता सिंह ने भी बोर्ड सचिव को अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को कहा था।
निरस्तीकरण के आदेश पर भी खेल जारी
निलम्बन आदेश के साथ विशेष सचिव डॉ. राजेन्द्र पैसिया ने 11 अक्तूबर को लिखे पत्र में साफ किया था कि घनश्याम कुमार और बोर्ड के अन्य अधिकारियों के स्तर से ऐसे अनुचित सभी आदेश निरस्त कर दिए जाएं। बताया जाता है कि मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-7 विवेक राय ने 14 अगस्त, 23 को चार स्लॉटर हाउस हापुड़ के रेबान फूडस लि., सम्भल के अलफलाह फ्रोजन फूड, अलरहमान फ्रोजन फूड लि. और गाजियाबाद के अल-नासिर एक्सपोर्टस प्रा. लि. पर बिक्री का प्रतिबंध लगा दिया था। इसको लेकर भी बोर्ड विवाद में आया था। तब संयुक्त सचिव रविशंकर मिश्र ने बोर्ड सदस्य सचिव को 21 सितम्बर को पत्र लिख कर आपत्ति जताई थी। एनजीटी ने भी आपत्ति जताई थी। इन लोगों ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश किया है। अब शासन के आदेश के बाद भी जिन्हें मांस बिक्री का आदेश दिया था, वहां संचालन बंद नहीं हुआ है। जो बंद किए गए थे, उन्हें खोला नहीं गया है। इस बारे में अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं।

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