अनूपपुर22जून24**सौरज धीरज तेहि रथ चाका… रामचरितमानस की चौपाई आदर्श व्यक्तित्व विकास में सहायक” : डी.सी.सागर*
अनूपपुर (ब्यूरो राजेश शिवहरे)यूपीआजतक
एनसीसी के 510 कैडेट्स के कैंप अमरकंटक में कमिश्नर शहडोल बीएस जामोद और एडीजीपी शहडोल डीसी सागर शामिल हुए। इस अवसर पर एडीजीपी डीसी सागर द्वारा व्यक्तित्व (Personality) के विकास में रामचरितमानस में उल्लिखित विजय रथ के प्रसंग में 12 चारित्रिक गुणों को मददगार और सहायक बताकर छात्रों को अपने-अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए प्रेरित किया।
एडीजीपी शहडोल ज़ोन डी०सी० सागर ने एनसीसी कैडेट्स को उद्बोधन दिया कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित सुप्रसिद्ध रामचरितमानस के लंकाकांड में भगवान श्रीराम द्वारा रावण के साथ अंतिम निर्णायक युद्ध में विजय रथ की परिभाषा इस प्रकार बताई है :-
“सौरज धीरज तेहि रथ चाका। सत्य सील दृढ़ ध्वजा पताका॥
बल बिबेक दम परहित घोरे। छमा कृपा समता रजु जोरे॥ ”
एडीजीपी डीसी सागर ने एनसीसी कैडेट्स को व्यक्तित्व अर्थात पर्सनालिटी के सशक्त विकास के लिए रामचरितमानस के लंकाकाण्ड में भगवान श्रीराम द्वारा विजयरथ की परिभाषा में रेखांकित बारह आदर्श गुणों को चरित्र का अभिन्न अंग बनाने की बात पर बल दिया है। ये बारह आदर्श गुण इस प्रकार हैं : शौर्य, धैर्य, सत्य, शील, दृढ़ता, बल, विवेक, दम, परहित, क्षमा, कृपा और समता। यदि छात्र-छात्राएं इन बारह आदर्श गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे तो अपने लक्ष्य की पूर्ति में सदैव सफल रहेंगे।
साथ ही उत्साहवर्धन के लिए निष्ठापूर्वक अध्ययन करने, लिख-लिख कर अपने पाठ्यक्रम को याद करने के लिए कहा।
परम श्रद्धेय भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता –
“हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए,
आँधियों में जलाए हैं बुझते दिए
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है,
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है
पार पाने का क़ायम मगर हौसला,
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई,
मौत से ठन गई।”
“टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा
काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं
गीत नया गाता हूं।”
तनवीर गाज़ी जी की कविता
“तू खुद की खोज में निकल
तू किस लिए हताश है,
तू चल, तेरे वजूद की
समय को भी तलाश है”
सुप्रसिद्ध कवि डॉ. हरिवंशराय बच्चन द्वारा विरचित कविता ‘’अग्निपथ’’ भी सुनाई जिसे जीवन में व्यक्तित्व विकास जोडकर प्रस्तुत किया :
वृक्ष हों भलें खड़े, हों घने, हों बड़ें,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
तू न थकेगा कभी! तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!—कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
यह महान दृश्य है— चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
अंत में यातायात के नियमों का पालन के लिए आग्रह किया. सोशल मीडिया के नशा शिकार न बने।
इस कार्यक्रम में संभागायुक्त शहडोल बीएस जामोद द्वारा एनसीसी कैडेट्स को पवित्र एवं सुरम्य प्राकृतिक स्थल अमरकंटक की विशेषताओं को बताया गया। छात्र कार्यकाल में मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। यदि कभी असफल हो जायें तो बार-बार प्रयास करके सफल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि वह स्वयं भी एक एनसीसी कैडेट्स थे और छात्र जीवन में सी सर्टिफिकेट प्राप्त किया था।
ब्रिगेडियर अनूप ने एनसीसी कैडेट्स को बताया कि यदि कोई आपसे बेहतर हो तो उससे ईर्ष्या न रखते हुए उसकी अच्छी बातों को सीखकर अपने आपको उन्नत और परिष्कृत करने का प्रयास करना चाहिए। सीओ 7 एनसीसी कैम्प शहडोल के कर्नल दिनेश चौहान ने बताया कि जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आये 510 एनसीसी कैडेट्स के ट्रैकिंग प्रोग्राम के समापन के अवसर पर, दिनांक 22 जून 2024 को अमरकंटक में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। यह गरिमामय कार्यक्रम मेजर जनरल अजय महाजन भोपाल के मार्गदर्शन और ब्रिगेडियर अनूप बरबरे के निर्देशन में कर्नल दिनेश चौहान द्वारा सम्पन्न कराया गया।
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