May 10, 2024

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लखनऊ11मई*यूपीआजतक न्यूज़ से प्रदेश की खास खबरे

लखनऊ11मई*यूपीआजतक न्यूज़ से प्रदेश की खास खबरे

लखनऊ11मई*यूपीआजतक न्यूज़ से प्रदेश की खास खबरे

*सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जनपद गाजीपुर के जहूराबाद से विधायक ओम प्रकाश राजभर और उनके दो पुत्रों अरविंद राजभर व अरुण राजभर तथा रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्यासी रहे मदन चौहान सहित १६ लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस* ………

*इस मामले में पहले ही ओमप्रकाश राजभर की ओर से १६ लोगों पर एफआईआर कराई गई थी दर्ज* .. ……

*दोनों ही पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर मारपीट और धमकी देने का लगाया गया है आरोप* ………

*बताते चलें की जनपद गाजीपुर के गौसलपुर गांव में अपने ऊपर हमला किए जाने का आरोप लगाते हुए ओमप्रकाश राजभर द्वारा करीमुद्दीनपुर थाने में तहरीर देकर १६ लोगों पर नामजद मुकदमा कराया गया दर्ज* …….

*ग्राम …… गौसलपुर के ही रहने वाले विश्वकर्मा सिंह ने करीमुद्दीनपुर थाने में तहरीर में इस बात का जिक्र किया है कि ओमप्रकाश राजभर की गाड़ियां गांव की सड़क पर खड़ी थी….. इससे यातायात हो रहा था प्रभावित* ……..

*गांव के दो लड़के जब उधर से गुजरे …… तो उन्होंने गाड़ियों को रास्ते से अलग हटाकर खड़ी करने की बात कही…… इससे सुभासपा समर्थक उग्र होकर उन लड़कों को मारने के लिए ललकारने लगे ….. जिससे माहौल हो गया तनावपूर्ण*…….

*उधर ओमप्रकाश राजभर ने आरोप लगाया कि १० -१२ लोग बेवजह उन्हें भद्दी – भद्दी गालियां देते हुए लाठी डंडे से प्रहार करने पर आमादा हो गए…… सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों ने बीच-बचाव कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया* ……..

*गौरतलब है की मंगलवार को ओमप्रकाश राजभर करीब ५ घंटे गौसपुर गांव में ही धरने पर बैठे रहे और इस बात की मांग करते रहे कि आरोपियों को किया जाए गिरफ्तार*………

*बाद में एसपी ग्रामीण आरडी चौरसिया से हुई बातचीत के बाद ओमप्रकाश राजभर गौसपुर गांव से तो चले गए ……लेकिन उन्होंने पुलिस प्रशासन को इस बात का अल्टीमेटम दिया है कि २४ घंटे में आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए, तो वह जिला मुख्यालय पर आंदोलन करने को होंगे मजबूर*…….

*सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और उनके कार्यकर्ताओं पर धारा ३२३, ५०४ और ५०६ के तहत मुकदमा किया गया है दर्ज* ………

*सुभासपा नेताओं की तहरीर पर ग्रामीणों के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं के तहत मुकदमा किया गया है दर्ज* ………
[5/11, 18:09] Anil Vishwakarma Saharanpur: *यूपी पुलिस के अधिकारी पर भी बरपा बुलडोजर का कहर,1972 से कोई नहीं उठा पा रहा आवाज़, जानिए क्या है पूरा मामला*

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जिल के खलिहान की ज़मीन पर अवैध रूप से बनाए गए पक्के मकान पर बुलडोज़र चला दिया गया है। योगी सरकार में कोई भी हो फिर चाहे वो शासनको हो या प्रशासन को अगर उसकी पास गलत तरीके से बनाई गई प्रॉपर्टी है तो उस पर बाबा का बुलडोज़र ज़रूर चलेगा और ऐसा ही दीवान के घर पर देखने को मिला है।

*1972 में अवैध रूप से बना था मकान*

योगी सरकार के आदेश के बाद 1972 में बने अवैध रूप से बने मकान को लेकर कोर्ट ने आदेश जारी किया था। जिसके बाद उस मकान को ज़मीदोज कर दिया गया है। मामला पडरौना तहसील के केवल छपरा का है। जहां दीवान ने खलिहान की जमीन पर अवैध रूप से अपना पक्का मकान बना लिया था।
इस मामले में जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक खलिहान की जमीन पर कब्जा करने वाला व्यक्ति छांगुर प्रसाद जो पुलिस विभाग में दीवान के पद पर तैनात हैं। दीवान ने अपने रसूख को दिखाते हुए 1972 में ही खलिहान की जमीन पर अवैध रूप से पक्के मकान का निर्माण कर लिए था। वहीं ग्रामीणों के द्वारा जो भी शिकायत की जाती थी तो उस पर कोई करवाई नहीं होती थी।

*योगी सरकार बनने पर दीवान के मकान पर चला बुलडोजर*

पुलिस विभाग में दीवान के पद पर तैनात रहे छांगुर प्रसाद ने खलिहान की जमीन पर अवैध रूप से पक्का निर्माण करा लिया था। बताया जा रहा है कि ‘छांगुर प्रसाद के दबंगई की वजह से कोई भी ग्रामीण उसके खिलाफ नहीं जाते थे। लेकिन योगी सरकार बनने के बाद लोगों में आस जगी और शिकायत के बाद कोर्ट के आदेश के अनुसार मंगलवार के दिन 1972 में बने पक्के मकान को बुलडोजर से गिरा दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद मौके राजस्वकर्मी और पडरौना कोतवाली की पुलिस ने केवल छपरा पहुंच कर अवैध रूप से निर्माण किए गए पक्के मकान को गिरा दिया।
[5/11, 20:49] Anil Vishwakarma Saharanpur: *यूपी में लापरवाही, किसकी कुर्सी पर संकट? अब तक सस्पेंड होने वाले अधिकारियों की लिस्ट देखें..*

उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों का दौरा कर लौटे यूपी के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने ग्राउंड रिपोर्ट रख दी है. इन रिपोर्ट्स में करीब 35 जिलों के अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही और खामियां सामने आई हैं. ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों पर अब बड़ा एक्शन हो सकता है. क्योंकि मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि मंत्री समूहों की रिपोर्ट, नोडल अधिकारियों को दी जाएगी और इसके आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

*मंत्रियों ने सभी 75 जिलों की रिपोर्ट सीएम को सौंपी*

सीएम ने कहा कि सरकार, जनता की अपेक्षा के अनुरूप काम करेगी. तो इस सबसे ये सवाल खड़ा हो जाता है कि क्या अब सीएम का कार्रवाई रूपी ‘बुल्डोजर’ ब्यूरोक्रेसी पर चलेगा?

यूपी के सभी मंत्रियों ने सभी 75 जिलों की रिपोर्ट सीएम को सौंपी. कैबिनेट बैठक में भी मंत्रियों ने अपनी आकलन रिपोर्ट को कर रखा था. रिपोर्ट में स्थानीय अधिकारियों और ब्यूरोक्रेसी के लापरवाही की भी बात कही गई. रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम ने नोडल अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी है.

मंत्रियों द्वारा सभी 75 जिलों की रिपोर्ट को भी अलग-अलग नोडल अधिकारियों को सौंपा जाएगा. तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की व्यापक स्तर पर शिकायत हुई है. मंत्रियों द्वारा दी गई सीएम को रिपोर्ट में कहा गया है थाने, तहसील व ब्लॉक व जिला मुख्यालय पर जनता की सुनवाई में लापरवाही बरती जा रही है.

*इन जिलों की रिपोर्ट खराब*

जौनपुर,आजमगढ़,गाजीपुर,मिर्जापुर,सुल्तानपुर,प्रयागराज,प्रतापगढ़,बरेली,मुरादाबाद,हमीरपुर,पीलीभीत,लखीमपुरखीरी,मऊ,देवरिया, बांदा

भ्रष्टाचार में डीएम औरैया सुनील वर्मा सस्पेंड किए जा चुके हैं.
लापरवाही बरतने पर DM सोनभद्र टीके शिबू सस्पेंड किए जा चुके हैं.
लापरवाही के मामले में गाजियाबाद की पूर्व डीएम निधि केसरवानी सस्पेंड हो चुकी हैं.
लापरवाही बरतने पर गाजियाबाद SSP पवन कुमार निलंबित हो गए थे.
SP महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन अलंकृता सिंह को भी सस्पेंड किया जा चुका है.
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के असिस्टेंट कमिश्नर आशुतोष मिश्र सस्पेंड कर दिए गए थे.
बाराबंकी ट्रेड टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर अंजली चौरसिया निलंबित हो चुके हैं.
पेपर लीक मामले में बलिया (DIOS) ब्रजेश मिश्रा सस्पेंड हो चुके हैं.
पेपर लीक मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक विनय पांडे सस्पेंड किए जा चुके हैं.
भ्रष्टाचार में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और UPSIDC के 8 अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं.
शिव ओम- अपर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (सस्पेंड)
डॉक्टर सत्येंद्र कौशल सिंह- चिकित्साधिकारी, जौनपुर (सस्पेंड)
डॉक्टर डीपी सिंह- चिकित्साधिकारी, जौनपुर (सस्पेंड)
अरविंद कुमार राय- क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी (सस्पेंड)

कई मंत्रियों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अभद्रता व उनकी अनदेखी की शिकायत भी की है. सीएम ने कहा है नोडल अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी जाएगी और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में साफ है आने वाले वक्त में मंडलीय समीक्षा की रिपोर्ट के आधार पर यूपी के तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. साथ ही कई को कई को चेतावनी नोटिस दी जाएगी जिसकी तैयारी सीएम दफ्तर कर रहा है.

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