राजस्थान23फरवरी*यूपीआजतक न्यूज़ से खास खबरे
राजस्थान में राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का ही लाभ मिलेगा।
संविदा कर्मी नियमित तो नहीं हुए, लेकिन वेतन भत्तों में 20 प्रतिशत की वृद्धि।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि बजट में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया तथा अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया।
पशु पालकों को एक लीटर दूध पर 5 रुपए का अनुदान देने की घोषणा पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने सीएम गहलोत का आभार जताया।
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23 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट विधानसभा में पढ़कर सुनाया। गहलोत ने कहा कि यह बजट कृषि बजट है। अपने बजट भाषण की शुरुआत गहलोत ने इस शेर के साथ की। न पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। न हारूंगा हौंसला उम्र भर। यह मैंने खुद से वादा किया है। सीएम गहलोत ने जब यह शेर सुनाया तब विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद थे। गहलोत ने मुस्कुराते हुए कहा कि ऐसे शेर सुनाने की सीख मैंने वसुंधरा राजे से ही ली है। सीएम गहलोत ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नई पेंशन स्कीम को लेकर उन्हें बहुत सारे ज्ञापन मिले हैं। इसमें पुरानी स्कीम को ही लागू रखने की बात कही गई है। इसलिए मैं अब 1 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त हुए राज्य कर्मचारियों को पुरानी योजना के मुताबिक पेंशन देने की घोषणा करता हंू। इसके साथ ही नए पे ग्रेड की भी घोषणा कर रहा हंू। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में पेंशन की राशि बहुत उपयोगी होती है। नए पे ग्रेड के लागू होने से रोडवेज, पर्यटन निगम, विकास प्राधिकरण आदि सरकारी विभागों के कार्मिकों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही सीएम ने स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के भत्तों में भी 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। सीएम ने संविदा कर्मियों को नियमित करने की तो कोई घोषणा नहीं की, लेकिन सभी संविदा कर्मियों के वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। सीएम ने एक महत्वपूर्ण घोषणा पर्यटन उद्योग को लेकर की। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं उद्योग क्षेत्र को मिल रही है, वे ही सुविधाएं अब पर्यटन क्षेत्र को भी मिलेगी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने से सरकार पर करीब 700 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा। उन्होंने ग्रामीण टूरिज्म स्कीम लागू करने की घोषणा की। सीएम ने अपने बजट भाषण में दुग्ध उत्पादकों को के लिए एक लीटर दूध पर 5 रुपए अनुदान देने की घोषणा की। इस घोषणा का अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने स्वागत किया है। चौधरी ने बताया कि अभी तक दो रुपए का अनुदान मिल रहा था, जिसे 4 रुपए बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन सीएम गहलोत ने पशु पालकों के प्रति उदार रुख दिखाते हुए अनुदान की राशि 5 रुपए कर दी है यानी जो पशुपालक अपने पशुओं का दूध डेयरी के संकलन केन्द्रों पर जमा करवाएगा प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान मिलेगा। चौधरी ने कहा कि सीएम की यह घोषणा पशुपालकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। चौधरी ने बताया कि सीएम ने 2 हजार नवीन दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां बनाने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही प्रदेश भर में पांच हजार सरस डेयरी के नए बूथ खोले जाएंगे, इनमें से एक हजार महिलाओं को मिलेंगे। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत स्तर पर स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से गौशालाएं खोली जाएंगी, इन गौशालाओं को एक करोड़ रुपए तक की सहायता मिलेगी।
अखबार मालिकों को भी खुश किया:
सीएम गहलोत ने अपने बजट भाषण में प्रदेश के उन अखबार मालिकों को भी खुश कर दिया है, जिन्होंने सरकार से रियायती दर पर भूमि ली है। अखबार मालिकों ने ऐसी भूमि प्रिंटिंग प्रेस लगाने और दफ्तर खोलने के लिए ली है। लेकिन अधिकांश अखबार मालिकों ने प्रेस की जमीन को विभिन्न कंपनियों को किराये पर दे रखा है। सरकार के पहले के प्रावधानों के अनुसार अखबार मालिक 40 प्रतिशत भूमि को अन्य कार्यों के लिए किराये पर दे सकते थे, लेकिन सीएम गहलोत ने 23 फरवरी को 60 प्रतिशत भूमि का उपयोग अन्य कार्य करने की छूट दे दी है। अधिकांश अखबार मालिकों ने 60 प्रतिशत से भी ज्यादा भूमि किराये पर दे रखी है। ऐसे में मुख्यमंत्री पर अखबार मालिकों का दबाव था कि 40 प्रतिशत की छूट को 80 प्रतिशत तक किया जाए। उल्लेखनीय है कि अधिकांश दैनिक समाचार पत्रों के मालिकों ने राजधानी जयपुर के अलावा संभाग और जिला मुख्यालयों पर रियायती दर पर भूमि आवंटित करवा रखी है। कई अखबार मालिकों ने तो प्रिंटिंग प्रेस तक नहीं लगाई है। यदि किसी ने प्रेस लगाई है तो वह तहखाने में चल रही है,जबकि भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल को बड़ी बड़ी कंपनियोंं को किराये दे रखा है। सीएम ने अपने बजट भाषण में गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों को भी कोविड सहायता देने की घोषणा की है। कोरोना की दूसरी लहर में जिन पत्रकारों की मृत्यु हुई उनके परिजन को राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया। लेकिन यह सहायता उन्हीं पत्रकारों को मिल सकी जो राज्य के जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत थे। लेकिन अब सीएम ने गैर अधिस्वीकृत मृतक पत्रकारों के परिजन को भी 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की है।
बजट की महत्वपूर्ण घोषणा:
-मनरेगा में 100 दिन के बजाए 125 दिन रोजगार मिलेगा, 25 दिन का खर्च राज्य सरकार व्यय करेगी।
-100 यूनिट पर 50 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। 101 से 150 यूनिट पर 3 रुपए तथा 150 से 300 यूनिट बिजली खर्च पर 2 रुपए का अनुदान मिलेगा।
– चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अब 5 लाख के बजाए 10 लाख रुपए का बीमा होगा।
– अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षकों का अलग से पैनल बनेगा। एक हजार 200 नए अंग्रेजी स्कूल खुलेंगे तथा 10 हजार अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती होगी।
– 19 जिलों में कन्या महाविद्यालय खुलेंगे, इसके साथ ही ज्योतिबा फुले वाचनालय तथा अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास भी खोले जाएंगे।
-दिल्ली स्थित उदयपुर हाउस में 250 कमरों का हॉस्टल बनाया जाएगा, ताकि दिल्ली में कोचिंग इंस्टीट्यूटों में पढऩे वाले राजस्थान के विद्यार्थी रियायती दरों पर रह सकें।
-जुलाई 2022 में होने वाली रीट परीक्षा के लिए रीट के पुराने परीक्षार्थियों से आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा। रीट परीक्षा में नकल को देखते हुए एसओजी ने एमटीपीटी सेल के गठन की भी घोषणा की गई है।
-सीएम गहलोत ने कहा कि तीन वर्ष में एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई, जबकि एक लाख 25 हजार की भर्ती प्रक्रियाधीन है। इस बजट में एक लाख और भर्तियों की घोषणा की जा रही है।
-दिव्यांग छात्रों को पांच हजार स्कूटी नि:शुल्क दी जाएगी। इसी प्रकार स्कूली छात्राओं को 13 हजार के बजाए 20 हजार स्कूटी दी जाएगी। जो प्राइवेट संस्थान दिव्यांग बच्चों को पढ़ाते हैं उनके अनुदान में 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
-प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सड़कों पर अब 10 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी, पहले पांच करोड़ रुपए का प्रावधान था। इसी प्रकार नगर निकायों के अधीन आने वाली सड़कों की मरम्मत के लिए 1 हजार 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
-जोधपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा आदि बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी की तर्ज पर काम करने के लिए एक हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
-उदयपुर और कोटा में विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की गई है। पर्यटन विकास निगम का बजट एक हजार करोड़ रुपए का करने की घोषणा की गई है।
– डांग, मेवात और मगरा विकास बोर्ड का बजट बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के अंतर्गत चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में परिवार की मुखिया महिला को स्मार्ट फोन दिया जाएगा। ऐसी महिलाओं की संख्या एक करोड़ 33 लाख है। स्मार्ट फोन में 3 वर्ष की इंंटरनेट की सुविधा भी होगी। इस योजना पर 2 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। लोक कलाकारों के मानदेय में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
-500 पुलिस मोबाइल यूनिट शुरू किए जाएंगे। अभय कमांड केंद्र से जुडऩे वाले कैमरों की संख्या दस हजार से बढ़ाकर 30 हजार की गई है। इसी प्रकार बाजारों में प्राइवेट संस्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को अभय कमांड सेंटरों से जोड़ा जाएगा। हर जिले में साइबर पुलिस स्टेशन खोला जाएगा।
-कृषि कल्याण कोष में कृषक साथी योजना की राशि 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ की गई है। कृषि विभिन्न क्षेत्रों में अनुदान भी बढ़ाया गया है। अब एक हैक्टेयर कृषि भूमि की तारबंदी पर अनुदान मिलेगा। कृषि प्रोसेसिंग यूनिट के लिए एक करोड़ रुपए तक के अनुदान का प्रावधान किया गया है।
– एक लाख किसानों को सोलर पंद के लिए अनुदान मिलेाग। 22 फरवरी 2022 तक जिन किसानों की कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन किया है उन्हें प्राथमिकता से अगले दो वर्ष में बिजली कनेक्शन दे दिए जाएंगे। रात के समय बिजली देने के प्रावधानों के तहत आने वाले सभी 17 जिलों में बिजली की सप्लाई दिन में की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर जीएसएस की स्थापना होगी। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए नहरी परियोजना निगम बनाने की घोषणा की गई है।
-डीएलसी की दर दस प्रतिशत के बजाए पांच प्रतिशत की बढ़ेगी। रीको के भूखंडों के करों में भी छूट देने की घोषणा की गई है।
-व्यापारियों के लिए एमएसटी स्कीम को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। रियल एस्टेट के लिए काम आने वाली कृषि भूमि के भू-रूपांतरण दरों में भी रियायत दी गई है।
इधर हिजाब के लिए जंग हो रही है, उधर अफगानिस्तान में भूख से मरते मुसलमानों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गेहूं भेज रहे हैं।
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इधर भारत में हिजाब को लेकर जंग छिड़ी हुई है, उधर पड़ोसी देश अफगानिस्तान में मुस्लिम आबादी दाने दाने के लिए मोहताज है। अफगानिस्तान के मुसलमानों को भूखे मरने से बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं के 50 ट्रकों की पहली खेप अफगानिस्तान पहुंचा दी है। इन ट्रकों में 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं है। गेहूं से भरे इन ट्रकों के काफिले को विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने रवाना किए। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान पर कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद से हालात बिगड़े हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की पाबंदियों के बाद अफगानिस्तान को विदेशों से कोई सहायता नहीं मिल रही है। अभी तक सिर्फ पाकिस्तान ने ही तालिबान सरकार को मान्यता दी है। लेकिन पाकिस्तान तो खुद कंगाली के मुहाने पर खड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान को तो खुद अपने मुसलमानों को भूख से बचाने की जरूरत है। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए भूखों मरते अफगानिस्तानियों को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं दान दिया है। एक ओर भारत अफगानिस्तान के मुसलमानों को बचाने के लिए गेहूं भेज रहा है तो दूसरी ओर भारत में हिजाब को लेकर जंग हो रही है। कर्नाटक से उठा विवाद अब पूरे देश में फैल गया है। कर्नाटक में कट्टरपंथियों ने एक हिन्दू लड़के की हत्या तक कर दी है। कट्टरपंथी मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहना कर स्कूल कॉलेज की कक्षाओं में बैठा रहे हैं। मुस्लिम लड़कियां अपने धर्म की परंपराओं के अनुरूप घर से शिक्षण संस्थान तक हिजाब पहने, इस पर किसी को एतराज नहीं है, लेकिन पढ़ाई के समय कक्षा में भी अनिर्वायता पर संस्थानों के प्रबंधको को एतराज है। शिक्षण संस्थानों के एतराज पर ही कट्टरपंथी जंग कर रहे हैं। गंभीर बात तो यह है कि सरकारें इन कट्टरपंथियों के आगे नतमस्तक है। हालात इतने खराब है कि हाईकोर्ट तक की नहीं सुनी जा रही है। अब तो मुस्लिम लड़कियों तक को धरना प्रदर्शन में शामिल कर लिया गया है। यह सही है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और यहां सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म के अनुरूप रहने का अधिकार है। भारत मेें सभी वर्गों के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मिलता है। कोरोना काल में जब गरीब तबके के लोगों को अनाज की समस्या हुई तो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने देश के 80 करोड़ व्यक्तियों को प्रतिमाह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया। अनाज वितरण में भी भेदभाव नहीं किया। सब जानते हैं कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है और पिछले 40 वर्षों से अफगानिस्तान में अस्थिरता बनी हुई है। कभी सोवियत रूस तो कभी अमेरिका की सेना अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लेती हैं। मौजूदा समय में कट्टरपंथी संगठन तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा है। तालिबान भी शिक्षण संस्थानों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने का पक्षधर है। भारत में जो लोग कक्षाओं में लड़कियों के हिजाब पहनने के पक्षधर हैं, उन्हें एक बार अफगानिस्तान के हालातों का अध्ययन करना चाहिए। असल में भारत में कुछ ऐसी ताकतें सक्रिय हैं जो भारत जैसे आत्मनिर्भर देश को पाकिस्तान अफगानिस्तान जैसे मुल्कों की राह पर ले जाना चाहती है। ऐसी ताकतों से भारत के मुसलमानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
राजस्थान की राजनीति में अब सचिन पायलट का भविष्य क्या है?
पायलट द्वारा जयपुर में चुनिंदा पत्रकारों को दिए गए लंच में चर्चा का विषय।
राजधानी की पत्रकारिता अजमेर के पत्रकारों के हाथों में।
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22 फरवरी को पूर्व डिप्टी सीएम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने जयपुर के अपने सरकारी बंगले में चुनिंदा पत्रकारों को लंच दिया। इस लंच में मुझे भी शामिल होने का अवसर मिला। लंच में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दिग्गज पत्रकार शामिल रहे। पायलट ने आत्मीयता के साथ सभी पत्रकारों की आवभगत की। यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों खास कर कांग्रेस में पायलट के इस लंच को महत्वपूर्ण माना गया। 20 फरवरी को हुए कांग्रेस के अधिवेशन में भले ही पायलट नजर न आए हो, लेकिन 22 फरवरी को पायलट दिनभर पत्रकारों के साथ रहे। पांच राज्यों के चुनाव में पायलट कांग्रेस के स्टार प्रचारक है, इसलिए उन्होंने प्रचार के दौरान के संस्मरणों को पत्रकारों के साथ साझा किया, वहीं पत्रकारों से यह चर्चा रही कि अब राजस्थान की राजनीति में पायलट का भविष्य क्या है। मेरा जैसा पत्रकार तो अजमेर में रह कर पत्रकारिता करता है, लेकिन राजधानी जयपुर में तो बड़े बड़े पत्रकार पंडित है। मैं ऐसे पत्रकार और राजनीतिक पंडितों से ही कुछ जानना और समझना चाहता था। पंडितों की राय बताने से पहले यह बताना जरूरी है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश के संगठन और सरकार में पायलट को कोई महत्व नहीं देते हैं। संबंध इतने खराब है कि पायलट को अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ता है। ऐसे माहौल में कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट भाजपा में चले जाएंगे। ऐसे पंडितों ने पायलट के मित्र रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह के नाम भी गिनाए। लेकिन कुछ पंडितों ने पायलट के भाजपा में जाने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। ऐसे पंडितों का कहना रहा कि सचिन पायलट की नजर राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर है। भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र सिंह राठौड़ के रहते हुए पायलट का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल है। कुछ पंडितों का मानना था कि दिसंबर 2023 के चुनाव से पहले अशोक गहलोत को हटाकर पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा और फिर पायलट के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। इस बार कांग्रेस हाईकमान भी पायलट को ही मुख्यमंत्री बनाने की गारंटी देगा। लेकिन इस संभावनाओं को भी पंडितों ने खारिज कर दिया। पंडितों का कहना था कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते पायलट को कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा। कुछ पंडितों का मानना रहा कि दिसंबर 2023 के चुनाव में पायलट स्वयं भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे, क्योंकि गहलोत शासन में जो कारनामें हुए हैं उनमें कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। वैसे भी इस बार भाजपा की बारी है। इसलिए गहलोत सरकार की हार का ठीकरा पायलट अपने सिर नहीं फोड़ेंगे। वहीं कुछ पत्रकार पंडितों का मानना रहा कि पायलट 2013 से 2018 की तरह 2023 से 2028 तक एक बार फिर भाजपा के शासन में संघर्ष करेंगे और फिर 2028 के चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलवाकर मुख्यमंत्री बनेंगे। पायलट के राजनीतिक भविष्य को लेकर पत्रकारों में भले ही अलग अलग राय रही हो, लेकिन सभी पत्रकारों का मानना रहा कि पायलट का भविष्य उज्ज्वल है। पिछले डेढ़ वर्ष से मरोड़ने और कुचलने के बाद भी पायलट की लोकप्रियता को कम नहीं किया जा सका है। भले ही अशोक गहलोत, पायलट को राजस्थान से दूर रख रहे हों, लेकिन प्रदेशभर में पायलट का जलवा बरकरार है। लंच के समय पायलट को भी पता था कि पत्रकार साथी उनके भविष्य पर ही चर्चा कर रहे हैं, इसलिए स्नैक्स और सूप के दौर की समाप्ति के बार पायलट ने पत्रकारों को मूंग दाल के हलवे, गरम गरम गुलाब जामुन के साथ साथ काले अंगूर, आलू, मटर पनीर और दाल तड़का वाले स्वादिष्ट भोजन के लिए आमंत्रित किया। बदलते मौसम के अनुकूल स्वादिष्ट कुल्फी भी खिलाई।
अजमेर के हाथों में पत्रकारिता:
पायलट के लंच पर मेरी मुलाकात भारत में बीबीसी न्यूज के प्रभारी रहे संजीव श्रीवास्तव से भी हुई। श्रीवास्तव ने मुझे बताया कि जयपुर में पत्रकार समूहों के जो वाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं उनमें मेरे ब्लॉगों को रोजाना पढ़ते हैं। श्रीवास्तव ने मेरे ब्लागों की प्रशंसा करते हुए मेरी हौसला अफजाई की। पत्रकारों के बीच संजीव श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ पत्रकार द्वारा प्रशंसा किया जाना मुझे अच्छा लगा। मैं संजीव श्रीवास्तव जी का हृदय से आभार हंू। मेरी मुलाकात राजस्थान पत्रिका के स्टेट हैड अमित वाजपेयी, जी न्यूज के स्टेट हैड मनोज माथुर, शशि मोहन शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्याम सुंदर शर्मा आदि से भी हुई। ये सभी पत्रकार अजमेर के हैं, जिन्होंने जयपुर जाकर राजधानी की पत्रकारिता में अपनी योग्यता दिखाई है। पायलट के लंच पर जयपुर पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा और अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। वरिष्ठ पत्रकार और इन दिनों सोशल मीडिया पर ब्लॉग लिख रहे महेश झालानी भी लंच में उपस्थित रहे।
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