May 7, 2024

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हरिद्वार29नवम्बर2022*कोलेजियम सिस्टम नहीं ग्रेट डेमोक्रेसी सिस्टम अपनाओ- न्यायधर्मसभा

हरिद्वार29नवम्बर2022*कोलेजियम सिस्टम नहीं ग्रेट डेमोक्रेसी सिस्टम अपनाओ- न्यायधर्मसभा

हरिद्वार29नवम्बर2022*कोलेजियम सिस्टम नहीं ग्रेट डेमोक्रेसी सिस्टम अपनाओ- न्यायधर्मसभा

NDS द्वारा प्रस्तावित ‘महालोकतंत्र’ में सुपात्र सिद्ध विधायिका, मंत्रिका, न्यायिका की नियुक्ति/निरस्ति लोकबहुमत द्वारा सम्पन्न हो- अरविंद अंकुर जी

हरिद्वार। लोकतंत्र मे न्यायधीशों की नियुक्ति करने वाला कोलेजियम सिस्टम पूरी तरह से सही नहीं है। य़ह बात सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा संविधान दिवस पर एक कार्यक्रम मे कही गयी है।

पूरी दुनिया के सभी लोकतांत्रिक राष्ट्रों में अभी तक कहीं भी न्यायशील लोकतंत्र लागू नहीं है अर्थात जनता को लोकतंत्र के नाम से धोखा देकर केवल राजतंत्र या वंशतंत्र या व्यक्तितन्त्र या दलतंत्र ही चल रहे हैं।
भारत में भी लोकतंत्र का केवल 1/12 भाग ही लागू है शेष 11 भाग अलोकतांत्रिक हैं, अर्थात शासन के 11 भागों में जनसहमति विलुप्त है, अर्थात जनता गुलाम है।

न्यायधर्मसभा के संस्थापक एवं 111 न्याय प्रस्तावों के प्रतिपादक श्रद्धेय अरविंद अंकुर जी का कहना है कि इसका सैद्धांतिक और न्यायशील समाधान पात्रता अनुसार पद नियुक्ति और महालोकतंत्र है। जो कि NDS के प्रस्ताव नंबर 22 और 53 हैं।
महालोकतंत्र में सुपात्र सिद्ध विधायिका, मंत्रिका, न्यायिका की नियुक्ति/निरस्ति लोकबहुमत द्वारा सम्पन्न होनी चाहिए।

लोकमत द्वारा विधायिका, मंत्रिका न्यायिका के गठन एवं इनके द्वारा निर्मित/प्रस्तावित राष्ट्रीय नियमों-नीतियों-निर्णयों को लोकमत द्वारा ही पारित/खारिज करने की चुनावी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चन्द्रसेन शर्मा जी ने
महालोकतंत्र की महिमा का जिक्र करते हुआ कहा जब तक शासन सत्ता मे विवेकशील लोग बैठे रहेंगे, तब तक तो ठीक है लेकिन जब अयोग्य लोग बैठ जाएंगे तब क्या होगा ?
किसी भी कारण से कभी-कभी अयोग्य लोग भी उच्च पदों पर प्रतिष्ठित हो जाते हैं, ऐसी दशा में उन अपात्र लोगों का नियंत्रण कैसे सम्भव होगा ?
उन को नियंत्रित करने के लिए ही महालोकतंत्र की जरूरत है। महालोकतंत्र सहज ही उनको नियंत्रित कर लेता है क्योंकि महालोकतंत्र में उन अयोग्य सत्ताधीशों द्वारा बनाए गए नियम नीति निर्णय सीधे सीधे लागू नहीं होते बल्कि आम जनता द्वारा उन्हें पारित और खारिज किया जा सकता है।

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