सोनभद्र01फरवरी22*मध्यप्रदेश के लीज पर कथित खनन माफिया उत्तर प्रदेश के पहाडियों से करा रहा अवैध खनन,*
संबंधित अधिकारी आंख बंद कर करा रहे हैं अवैध खनन।
*सोनभद्र,अनपरा सोनभद्र,उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश के बार्डर पर स्थित दूल्लापाथर के झिंगुरदा पहाडियों से अवैध तरिके से मध्यप्रदेश के लीज पर उतर प्रदेश की पहाडियों से अवैध खनन कर पहाडियों को बंजर किया जा रहा है।* जी हां आपने ठीक पढा़ सोनभद्र एवं सिंगरौली औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लालच मे खनन माफिया क्षेत्र के पहाडों को कब बंजर भूमि मे तब्दील कर दिये इसका पता ही नहीं लगता।इसी बात से लगाया जा सकता है जब क्षेत्र मे बाहर से आए लोगों द्वारा इस पहाडी क्षेत्र के नाम से ही जाना जाता था लेकिन अब इसका असत्तित्व सीमटने लगा है। खनन माफिया इसे अपने अनुसार इस्तेमाल करते है। सिंगरौली क्षेत्र के दूल्लापाथर झिंगुरदा पहाडियों पर खनन के लिए प्राप्त लीज पर मध्यप्रदेश क्षेत्र के बजाय उत्तर प्रदेश के अंतर्गत आने वाले पहाडियों को पोकलेन मशीन लगाकर ज्यादा पैसे कमाने की चाहत मे खनन माफिया पहाडों का असत्तित्व ही खत्म कर दे रहे है।सूत्रों की माने तो यहां पर सिंगरौली क्षेत्र के एक व्यवसायी द्वारा लीज पर प्राप्त भूमि को अवैध तरिके से खनन कराया जा रहा है खनन कार्य में मजदूरों की जान भी जोखिम मे डालकर बिना सुरक्षा उपकरणों के पत्थरों को तोडवाया जा रहा है *जबकि उत्तर प्रदेश के ओबरा के अंतर्गत खनन क्षेत्र के खदानों मे कई बार मजदूरों की कथित पहाडी दरकने से मौत हो चुकी है।* जिससे अबतक दोनो क्षेत्र के खननकर्ता सबब नहीं ले रहे है कार्वाई एवं जांच के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा और मजदूरों की मौत के लिए जिम्मेदारो पर अब तक कोई कार्वाई नहीं हुई तभी तो मजदूरों की जान जोखिम मे डालकर धडल्ले से खनन माफिया खनन व पत्थरों को तोडवाया जाता है। सुत्रों के अनुसार पत्थरों को तोडने के लिए चट्टानों के नीचे ब्लास्टिंग भी की जाती है। कथित ग्रामीणों का आरोप है की खनकर्ताओ को प्रशासन का जरा भी भय नहीं तभी तो खुलेआम पत्थरों के खनन के साथ परिवहन कराया जाता है। क्षेत्र मे पहाडियों का वजूद अब सीमटता जा रहा है वर्षों पहले जो पहाडिय नजर आती थी अब समतल भूमि मे बदलती जा रही है। *ग्रामीणों के अनुसार प्रतिदिन 30 से 40 छः चक्के की ट्रको से पत्थरों का अवैध खनन परिवहन हो रहा।* कथित ग्रामीणों के अनुसार इसे रेलवे दोहरीकरण निर्माणाधीन कार्य एवं प्रधानमंत्री योजना के तहत कुलडोमरी ग्राम के सिदहवा योगेन्द्रा वाया खजुरा तक निर्माणाधीन 20.150 किलोमीटर लंबी सडक मे वनविभाग के बिना अनुमति खनन कर भेजा जा रहा । वहीं वनविभाग की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही,अवैध खनन से जहां युपी सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की क्षति प्रतिमाह हो रही। जिलाप्रशासन ने अगर समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो जल्द ही पहाडियों का असत्तित्व बंजर भूमियों मे तब्दील हो जायेगा।अवैध खननकर्ता जहां कम समय मे धनकुबेर बन रहे वहीं सरकार के खजाने इनके वजह से खाली होते जा रहे बडा सवाल यह है की आखिर किसके संरक्षण मे इतने बडे पैमाने पर अवैध खनन हो रहा और जिलाप्रशासन खनन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है जबकि तस्वीरे साफ बया कर रही की खनन अवैध तरिके से हो रहा स्थानीय लोगों ने इसकी जांच कराकर इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्वाई की मांग की है। *अब देखना यह है कि क्या जिले के आला अधिकारी इस खनन माफियाओं पर कार्रवाई करते हैं या नहीं।।*
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