October 18, 2025

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*वाराणासी25मई25* से दहशत में गुजरी रात,पहरा देते रहे ग्रामीण*

*वाराणासी25मई25* से दहशत में गुजरी रात,पहरा देते रहे ग्रामीण*

*वाराणासी25मई25* से दहशत में गुजरी रात,पहरा देते रहे ग्रामीण*

*तेंदुए ने बदला लोकेशन,दहशत में ग्रामीण*

*काम्बिंग में जुटी पुलिस व वन ूविभाग की टीम*

*चिरईगांव/वाराणसी*
स्थानीय विकास खण्ड के ग्रामीण तेंदुए की दहशत में समय गुजार रहे हैं।इस बीच अफवाहों का बाजार भी गर्म है तेंदुए को जितने मुंह उतनी बातें लोग कर रहे हैं। इस बीच तेंदुए के लोकेशन में बदलाव देख वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने भी काम्बिंग का दायरा बढ़ा दिया है और तेंदुए की खोज में टीम हाथ पैर मार रही है।है।
शनिवार को पूर्वान्ह में तेंदुए की लोकेशन को लेकर चिरईगांव ब्लाक के पास रुस्तमपुर गांव स्थित एक पुराने ईंट भट्ठे में होने की अफवाह प्रसारित हुई। यह अफवाह जंगल में आग की तरह फ़ैल गयी जिससे आस-पास के गांव चिरईगांव , चूना डीह,सीवों,बरियासनपुर सहित आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गयी। साथ ही बाहर निकलने वालों की संख्या भी कम नजर आयी। जानकारी होने पर वन विभाग व पुलिस की टीम रुस्तमपुर की ओर बढ़ी एवं ईंट भट्ठे के साथ क्षेत्र के फूलों व करौंदे के खेतों में निगरानी शुरू की। थोड़ी ही देर में अधिकारियों ने बताया कि यह सूचना गलत है जिसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
*वन विभाग ने अब बदली रणनीति -*
तेंदुए के लोकेशन में बदलाव के चलते वन विभाग की टीम ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है। एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि ड्रोन कैमरे के माध्यम से तेंदुए को जहां देखा गया था वहां से अब फरार हो गया है।वह जिस रास्ते से आया था उसके पद चिन्ह उसी रास्ते की ओर बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। ऐसे में अब गंगा किनारे के दर्जन भर से अधिक गांवों में सर्च आपरेशन चलाने की प्लानिंग कर काम्बिंग प्रारम्भ की जा रही है। तेंदुए की जानकारी नहीं होने की दशा में इस काम में एक पखवारे का समय भी लग सकता है।बगैर किसी ठोस परिणाम के टीम वापस नहीं जा सकती।
*…..तो क्या चकिया के जंगलों से चिरईगांव पहुंचा तेंदुआ-*
चिरईगांव ब्लाक में तेंदुआ पहुंचने को लेकर तरह तरह के तर्क दिये जा रहे हैं।स्थानीय जानकारों की मानें तो तेंदुए का आगमन चंदौली जनपद अंतर्गत चकिया के जंगलों से निकलकर रिंगरोड फेज दो के रास्ते होते हुए तेंदुआ चिरईगांव पहुंचा है।क्षेत्र के विजय राय ,राकेश मौर्या आदि ग्रामीणों का कहना है कि बभनपूरा के सामने गंगा नदी पर एक लेन पुल बन गया है उस पर अभी आवागमन प्रारंभ नहीं होने से तेंदुए ने सन्नाटे का फायदा उठाया होगा।
*डीएफओ का है कहना-*
जनपद की डीएफओ स्वाति सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम पिंजरे व अन्य उपकरणों के साथ सम्भावित क्षेत्रों में लगातार काम्बिंग कर रही है लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। वन विभाग व पुलिस की टीम में तीन दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं।
*काश समय से मिल गयी होती ट्रंकोलाइजर गन-*
तेंदुए को पकड़ने को लेकर भले ही वन विभाग की टीम हाथ पैर मार रही हो लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग व पुलिस की टीम अब अंधेरे में तीर चला रही है ।क्षेत्र के राकेश कुमार मौर्या,दीपक कुमार मौर्या,धनंजय मौर्या,लाल बहादुर पटेल आदि का कहना है कि यदि समय से ट्रंकोलाइजर गन उपलब्ध हो गयी होती तेंदुए को बीते शुक्रवार ही पकड़ लिया गया होता लेकिन ऐसा हो नहीं सका।लोगों का कहना था कि वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वीआईपी जनपद में शुमार है जनपद में दो डीएफओ कार्यालय व वन विभाग की भारी भरकम फौज तो मौजूद हैं लेकिन यह फौज किस काम की? लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री के जनपद में वन विभाग की फौज के पास जब एक अदद ट्रंकोलाइजर गन उपलब्ध नही है संभवत: इससे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण पहलू दूसरा नहीं हो सकता।कारण जो भी हो लेकिन चिरईगांव विकास खण्ड के लोग इन तेंदुए की दहशत के साये मे जीने को मजबूर हैं।

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