वाराणसी30जनवरी24*धोखाधड़ी व कूटरचना के मामले मुकदमा दर्ज करने का आदेश*
वाराणसी धोखाधड़ी व कूटरचना के मामले में अदालत ने सारनाथ थाना प्रभारी को मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) जयति की अदालत ने यह आदेश वादी मुकदमा रविशंकर के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के बाद दिया।
प्रकरण के अनुसार वादी रविशंकर ने अपने अधिवक्ता नागेंद्र कुमार यादव, शिव कुमार चौरसिया व संजय यादव के माध्यम से अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। वादी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी भू-माफिया, गोलबंद, सरकस, चालबाज, धर्त, फ्राड किस्म के व्यक्ति हैं, जो लगातार कब्जा करने के फिराक में पढें रहते हैं 23 दिसंबर 2023 को वादी की जमीन पर अवैध कब्जा करने की नियत से दलबदल के साथ चढ़ आये और कब्जा करने की कोशिश करने लगे। वादी ने जब विपक्षियों को ऐसा करने से मना किया तो सभी एक राय होकर गाली – गलौज करते हुए मारपीट पर आमादा हो गये। कहने लगे कि उक्त जमीन को हमलोगों ने राजेश्वरी निगम से सट्टा करा लिया है। जमीन जल्दी-जल्दी खाली कर दो नही तो अंजाम बहुत बुरा होगा, तुम्हे व तुम्हारे परिवार को जान से मार देगे और जमीन पर कब्जा कर लेंगे। विपक्षियों की बात सुनकर वादी को बहुत बड़ा सदमा लगा और प्रार्थी ने जब सट्टा का पेपर देखा तो विपक्षियों के उक्त फ्राड की जानकारी हुई। विपक्षी राजेश्वरी निगम ने एक मुख्तारेआम अपने पति स्व कैलाशनाथ निगम को देकर उक्त सट्टा की आराजी संख्या 27/1 रकबा का बनामा 28 जून 2007 को उपनिबन्धक प्रथम सदर को तहरीर कर दिया। उक्त आराजी में सट्टाकर्ता राजेश्वरी निगम ने पहले से ही अपने पति को मुख्तारेआम 28 जून 2007 को देकर उपरोक्त भूमि विक्रेता कैलाशनाथ निगम ने क्रेती विजयलक्ष्मी देवी पत्नि शैलेंद्र कुमार मौर्य पता कोपागंज मऊ निवासिनी को 2040 वर्गफीट जो नीलम पुरवा पत्नी अशोक कुमार गुप्ता निवासिनी मालवी नगर इलाहाबाद से राजेश्वरी नीगम ने वही जमीन दिनांक क्रय किया था व खाता 49 आराजी संख्या 270/1 का रकबा 27/1 वर्गफीट 799, जिसे विक्रेतागढ़ लालचंद, होरीलाल व गोविंद चंद्र से क्रय किया था कुल दो गाटा से रकबा 2840 वर्गफीट का बैनामा कैलाश नाथ निगम के जरिए मुख्तारेआम से उक्त विजयलक्ष्मी को इस चौहद्दी में विक्रय करने कब्जा दखल दे दिया है। उक्त दोनों खाते में कोई विशेष भूमि नहीं है जबकि विकृति राजेश्वरी निगम के पति द्वारा पूर्व में ही खरीदी हुई भूमि विक्रय की जा चुकी है तथा अब कोई भी जमीन शेष नहीं बचा है। विपक्षीगढ़ को उक्त वाक्यात की जानकारी होने पर विपक्षीगढ़ आपस में एक राय व एक साजिश होकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज तैयार करके बिना किसी अधिकार के 15 मार्च 2022 को प्रार्थी के पारिवारिक कि उपरोक्त वर्णित आरजी सट्टा 270/1 का सट्टा विपक्षी राजेश्वरी निगम व शांतनु शोभित व दूसरे की साजिश में होकर आरोपियों बच्चालाल चौहान व संतोष कुमार जायसवाल, वसीम अहमद को दिया। आरोपित गण बिना किसी अधिकार के कूटरचित षड्यंत्र करके सट्टाकर्ता एवं सट्टाग्रहितागढ़ द्वारा पंजीकृत कराया गया है जो अपराधिक कृत के अंतर्गत आता है। कूटरचित व फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रार्थी की जमीन का सट्टा फर्जी तरीके से कर लिए हैं तथा प्रार्थी की जमीन कब्जा करने के फिराक में पड़े हैं 31 जून 2023 को प्रार्थी ने इस घटना की सूचना थाना सारनाथ को दिया था और साथ ही पुलिस आयुक्त को जारी डाक रजिस्ट्री से भी सूचित किया था परंतु पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जानमाल का खतरा है ऐसी स्थिति में वादी ने थक हार कर न्यायालय की शरण ली।
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