वाराणसी29अप्रैल2024*गरमी में रखें खान पान का ध्यान-डॉ0 राजलक्ष्मी रॉय
यूपीआजतक जिला संवाददाता प्राची राय की विशेष रिपोर्ट
वाराणसी ।गर्मी में खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। इस मौसम में जरा सी खानपान में हुई चूक स्वास्थ्य बिगड़ सकती है। गर्मी का प्रकोप पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों पर अधिक रहता है। इसलिए इस आयु वर्ग के बच्चों के भोजन व पानी पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। ये बात अर्थव होमियो क्लीनिंक की प्रसिद्ध डॉक्टर राजलक्ष्मी राय यूपीआजतक से विशेष बातचीत के दौरान कही।
डा. राजलक्ष्मी राय ने बताया ‘ कि गर्मी में हैजा, पीलिया, डी-हाइड्रेशन और पीलिया होने की संभावना अधिक होती है। ये रोग दूषित पानी पीने, बासी और खुले में रखा बिना ढका भोजन का सेवन करने से होते हैं। लगातार उल्टी दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होने से डी-हाईड्रेशन हो जाता है। इस बीमारी से अधिक मौतें निर्जलीकरण के कारण होती है। डा राजलक्ष्मी राय ने बताया पहला दस्त या उल्टी शुरू होते ही बच्चों को ओआरएस (जीवन रक्षक घोल) पिलाएं। ओआरएस घोल घर भी तैयार किया जा सकता है। एक गिलास स्वच्छ जल को उबालकर ठंडा करने के बाद उसमें एक चम्मच चीनी व एक चुटकी नमक डालकर बच्चों में होने वाली पानी की कमी को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह घोल 24 घंटे तक प्रयोग किया जा सकता है। यह बच्चों व बड़ों दोनों के लिए उपयोगी है।
डा राजलक्ष्मी ने बताया कि गर्मी के मौसम में तले मसालेदार पदार्थ, खट्टे व बासी, दुर्गधयुक्त व खुली जगह पर बिकने वाले चाट पकौड़े, मांस, अंडा, शराब, बैंगन, उड़द की दाल व चने नहीं खाने चाहिए। लू से बचने के लिए घर से निकलते समय भरपेट पानी पीकर निकलें और सिर पर धूप से बचने के लिए छाते या रूमाल का प्रयोग करें। इसके अलावा मौसमी, संतरा, अंगूर, आम, तरबूज, खरबूजा का सेवन अधिक करें। नींबू प्याज, शिकंजवी, शरबत, ताजे फलों का रस, गुलकंद, भुने हुए आम का पन्ना, दही, लस्सी का सेवन करें।
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