लखनऊ9सितम्बर25*DM की अध्यक्षता में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
लखनऊ*बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मा0 भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में आगामी पुनरीक्षण प्रक्रिया प्रारम्भ होने से पूर्व मतदेय स्थलों का चयन राजनैतिक दलों के साथ विचार-विमर्श कर सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। इसके तहत मतदाताओं की संख्या एवं सुविधा, मतदेय स्थलों पर न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आयोग के मानक के अनुसार किसी भी मतदाता को मतदान हेतु अधिकतम 16 कि.मी. की दूरी तय करनी होगी। यह दूरी अधिकतम सीमा है, अतः मतदेय स्थलों का चयन इस प्रकार किया जाए कि मतदाताओं को यथासंभव कम दूरी तय करनी पड़े तथा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण हों। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता को प्रायः अलग-अलग स्थानों पर जाकर मतदान करना पड़ता है जिससे उन्हें असुविधा होती है। इस बार इस असुविधा को दूर करने हेतु नगर निगम के वार्डवार एवं विकास खण्ड/नगर पंचायतवार मतदेय स्थलों की सूची प्रस्तावित की गई है।
जनपद लखनऊ में उत्तर प्रदेश विधान परिषद द्विवार्षिक निर्वाचन हेतु कुल 119 मतदान केंद्र तथा शिक्षक निर्वाचन के लिए 119 मतदेय स्थल एवं स्नातक निर्वाचन के लिए 122 मतदेय स्थल प्रस्तावित किए गए हैं।
बैठक में निर्देशित किया गया कि विधानसभावार प्रस्तावित मतदेय स्थलों की सूची राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए और उनसे शीघ्र सुझाव प्राप्त किए जाएं। साथ ही अपेक्षा की गई कि अगली बैठक से पूर्व सभी राजनैतिक दल प्रस्तावित मतदेय स्थलों के सम्बन्ध में अपने सुझाव प्रस्तुत करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती शुभी सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अभय किशोर सहित भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी एवं अन्य दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
More Stories
अयोध्या28सितम्बर25*मां कामाख्या धाम में ऐतिहासिक 251 मीटर लंबी चुनरी यात्रा
कौशाम्बी28सितम्बर25*25 हजार रुपए के इनामिया वांछित लूट के अभियुक्त को पुलिस मुठभेड़ में पिपरी पुलिस ने किया गिरफ्तार*
कौशाम्बी28सितम्बर25*मंथरा के कान भरने पर कैकेयी ने मागां भरत को राजतिलक तो राम को वनवास*