August 6, 2025

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लखनऊ28जुलाई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कुछ महत्वपूर्ण खबरें

लखनऊ28जुलाई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कुछ महत्वपूर्ण खबरें

लखनऊ28जुलाई25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर कुछ महत्वपूर्ण खबरें

[28/07, 5:36 pm] +91 81888 99938: *योगी सरकार के नेतृत्व में यूपी में निरंतर बढ़ रहे बाघ*

*अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 को*

*2018 की गणना में यूपी में थे 173 बाघ, 2022 में बढ़कर संख्या हुई 222*

*बाघों के संरक्षण के लिए योगी सरकार कर रही अनेक प्रयास, गुणवत्ता पूर्ण ढंग से किया जा रहा बाघों का प्रबंधन*

*सीएम योगी के मार्गदर्शन में 2019 में शुरू किया गया था ‘बाघ मित्र’ कार्यक्रम*

*मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने में बड़ी भूमिका निभा रहे ‘बाघ मित्र’, प्रधानमंत्री भी यूपी के प्रयास की कर चुके हैं सराहना*

*लखनऊ, 28 जुलाईः* योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पशु बाघों की संख्या में निरंतर वृद्धि जारी है। 2018 में हुई गणना में यूपी में जहां 173 बाघ थे, वहीं 2022 में बढ़कर यह संख्या 222 हो गई है। योगी सरकार बाघों के संरक्षण, संवर्धन के लिए अनेक प्रयास कर रही है। यही नहीं, बाघों के लिए गुणवत्तापूर्ण ढंग से प्रबंधन भी किया जा रहा है। वहीं मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने में ‘बाघ मित्र’ भी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के इस प्रयास की सराहना कर चुके हैं। पीलीभीत, दूधवा, अमानगढ़ व रानीपुर टाइगर रिजर्व में भी बाघ संरक्षण को लेकर अनेक कार्य किए जा रहे हैं।

*यूपी में बढ़ी बाघों की संख्या, 2022 की गणना के मुताबिक हुए 222 बाघ*
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2022 में हुई गणना के मुताबिक यूपी में कुल 222 बाघ हैं। उन्होंने बताया कि 2006 में बाघों की गणना में यूपी में 109, 2010 में 118, 2014 में 117, 2018 में 173 व 2022 में 222 पाए गए थे। दूधवा टाइगर रिजर्व में 2014 में 68, 2018 में 82 तथा 2022 की गणना में 135 टाइगर पाए गए। वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 63, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में 20, रानीपुर टाइगर रिजर्व में 4 बाघ हैं।

*दूधवा टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण व सुरक्षा की दृष्टि से किए जा रहे कार्य*
एम-स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग के अतर्गत जनपद लखीमपुर खीरी के अंतर्गत दूधवा टाइगर रिजर्व, बफर जोन व दूधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग में औसतन कुल 152337 किमी. प्रतिमाह तथा बहराइच के अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में कुल 41684 किमी. प्रतिमाह सघन गश्त की जाती है। एम स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग ऐप के माध्यम से दो पहिया, चार पहिया, पैदल, हाथी, साइकिल व नाव के माध्यम से यह गश्त होती है। वहीं हैबीटेट इंप्रूवमेंट, वाटर होल मैनेजमेंट व मानव वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए भी निरंतर अनेक प्रयास हो रहे हैं।

*2019 में शुरू हुआ था ‘बाघ मित्र’, 2023 में सीएम योगी ने की ऐप की लांचिंग*
रुहेलखंड के मुख्य वन संरक्षक पीपी सिंह ने बताया कि पहले आए दिन मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं होती थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 2019 में पीलीभीत में ‘बाघ मित्र’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था। इसका उद्देश्य अप्रिय घटनाओं पर अंकुश लगाना था। यह कार्यक्रम काफी प्रभावी रहा। इसके बाद अक्टूबर 2023 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत में ‘बाघ मित्र’ ऐप की लॉचिंग भी की।

*पीलीभीत में अब तक जुड़े 120 ‘बाघ मित्र’*
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि पीलीभीत में बाघ मित्रों का व्हाट्सग्रुप बनाया गया है। इसमें आसपास के गांवों के रहने वाले 120 लोग ‘बाघ मित्र’ के रूप में जुड़े हैं। इसमें चार महिलाएं समेत अन्य युवा, बुजुर्ग भी शामिल हैं। बाघ मित्र के लिए आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। श्री सिंह ने बताया कि जंगल के समीप के पांच किमी. दूर के गांवों के ग्रामीणों को ‘बाघ मित्र’ बनाकर उन्हें वन विभाग की तरफ से प्रशिक्षण दिया गया। जंगल से बाहर बाघ या अन्य जानवर दिखने पर ‘बाघ मित्र’ तुरंत ग्रुप में लिखकर और फोन कर विभाग को भी जानकारी देते हैं। इससे विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तत्काल अलर्ट हो जाते हैं और टीम को रवाना कर देते हैं। इसके जरिए समय रहते टीम एक्शन में आ जाती है। बाघ मित्र ऐप में जानवर की फोटो खींचकर ग्रामीण अपडेट कर सकते हैं। कई बार वे जानवर की सही पहचान नहीं कर पाते थे। इससे दिक्कत होती थी। फोटो अपडेट होने पर विभागीय लोग जानवर को पहचान लेते हैं। इससे लोकेशन भी मिल जाती है कि जंगल से बाघ की दूरी कितनी है। यदि बाघ खेत के पास है तो पहले मॉनीटरिंग टीम भेजते हैं। बाघ मित्र कार्यक्रम निरंतर चलाकर लोगों को सजग, सुरक्षित रखते हैं।

*बॉक्स*
*अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर मंगलवार को होंगे विविध आयोजन*
योगी सरकार के निर्देश पर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर अनेक आयोजन भी किए जाएंगे। लखनऊ चिड़ियाघर में वॉकाथान का आयोजन होगा। इसमें वन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, प्रमुख सचिव (वन-पर्यावरण) अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील कुमार चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी आदि मौजूद रहेंगी। इसके साथ ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी अनेक जागरूकता कार्यक्रम होंगे। साथ ही मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने में योगदान देने वालों का सम्मान भी किया जाएगा।

*हिंदी कीवर्ड*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, योगी सरकार, बाघ दिवस, बाघ मित्र, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, दूधवा टाइगर रिजर्व, मानव वन्यजीव संघर्ष

*हैशटैग*
#CmYogiAdityanath #Yogi Government
#TigerDay #Tiger Friend #Pilibhit Tiger Reserve
# Dudhwa Tiger Reserve # Human-Wildlife Conflict
[28/07, 5:37 pm] +91 81888 99938: प्रयागराज : जेल में बंद सपा नेता आजम खान से जुड़ी खबर

हाईकोर्ट में आजम खान की याचिका पर हुई सुनवाई
ट्रायल कोर्ट को अंतिम फैसला सुनाने पर रोक की मांग
ट्रायल कोर्ट के 30 मई के आदेश को चुनौती दी
मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई
[28/07, 5:37 pm] +91 81888 99938: ग्रेटर नोएडा : ऑनलाइन ठगी करने वाले 8 आरोपी अरेस्ट

ऑनलाइन डेढ़ लाख रुपये कराते थे इन्वेस्ट,डॉलर और बिटकॉइन में लेते थे सारा पैसा,मोटा मुनाफा दिखाकर लोगों को बनाते थे निशाना,QNET, VIHAAN नाम से कंपनी चलाते थे ठग,मुनाफा ना होने पर लोन दिलवाकर करते थे ठगी,गैंग की EOW भी काफ़ी समय से कर रही जांच,30 ATM, करोड़ों के चेक, 13 मोबाइल, 10 लैपटॉप, 4 घड़ियाँ बरामद,ईकोटेक 1 पुलिस ने ठगी का किया बड़ा खुलासा।
[28/07, 5:37 pm] +91 81888 99938: अपडेट
ईडी स्पेशल कोर्ट में छांगुर की पेशी जारी
ईडी ने आज स्पेशल कोर्ट में पेश किया प्रोडक्शन वारंट
प्रोडक्शन वारंट तब किया जाता है पेश
जब कोई संस्था किसी को अपना आरोपी बनाती है
कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट को मंजूरी मिलने के बाद
छांगुर व उसके गैंग की और बढ़ेगी मुश्किलें
विदेशी फंडिंग हवाला के पैसों का कहां हुआ इस्तेमाल
ईडी के पूछताछ में छांगुर के गैंग के खुलेंगे राज
इससे पहले एटीएस को मिली थी 7 दिन की रिमांड
प्रोडक्शन वारंट के मंजूरी के बाद ईडी रिमांड की अर्जी डालेगी
अवैध धर्मांतरण का सरगना है छांगुर
यूपी के साथ विदेशों तक छांगुर गैंग का नेटवर्क
[28/07, 5:38 pm] +91 81888 99938: राजस्थान में बदलते मौसम ने लोगों की मुसीबत को बढ़ा दिया है. मौसम विभाग ने राजधानी जयपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है. इस संबंध में विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी किया गया है. आसमानी आफत को देखते हुए प्रशासन ने कई जिलों में स्कूलों की छुट्टी का ऐलान किया है.

जयपुर स्थित मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि मध्य प्रदेश के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसका असर राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले 3-4 दिनों में प्रदेश के लोगों को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है.

राजस्थान के लोगों को धूप और उमस भरी गर्मी से राहत तो मिलेगी, लेकिन आसमान से बरसने वाली आफत सुकून का मौसम बिगाड़ सकती है. जिला प्रशासन ने कई जिलों के स्कूलों में 28 और 29 जुलाई को छुट्टी का ऐलान कर दिया है. बारां, बांसवाड़ा, कोटा, डूंगरपुर, झालावाड़, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक और चित्तौड़गढ़ जिलों के लिए जिलाधिकारियों ने स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं.
[28/07, 5:38 pm] +91 81888 99938: अफसर बनने के लिए SDM ज्योति मौर्य के पति दे रहे हैं सरकारी परीक्षाएं

ज्योति के पति आलोक मौर्य को हाल ही में कानपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्कूल परीक्षा केंद्र पर UPPSC RO/ARO की परीक्षा में शामिल होते देखा गया था
[28/07, 5:39 pm] +91 81888 99938: प्रकाशनार्थं

लखनऊ 28 जुलाई 2025। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश की कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 22 जुलाई 2025 को, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी, सपा सांसद डिंपल यादव जी नई दिल्ली में संसद मार्ग स्थित मस्जिद में गए। उनके साथ सपा के अन्य सांसद, जैसे मोहिबुल्लाह नदवी (रामपुर सांसद और मस्जिद के इमाम), धर्मेंद्र यादव, और ज़िया उर रहमान बर्क भी थे। इस दौरान वहां एक बैठक हुई, जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए। जिसके बाद मुस्लिम धार्मिक नेताओ ने सपा प्रमुख की धर्मपत्नी एवं सासंद डिंपल यादव जी को “राजनीतिक हिंदू महिला” कहकर उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने ऐसी आपत्तिजनक और मर्यादाओं के विपरित ऐसी टिप्पणियां की जिसको सभ्य समाज ना सुनना पसन्द करता है ना बोलना।
उन्होंने कहा कि यह एक महिला सांसद की गरिमा पर ही नही अपितु एक भारतीय नारी और उसकी संस्कृति पर हमला था। हमारी विचारधारा और माननीय डिंपल यादव जी की विचारधारा भले ही अलग-अलग हों लेकिन महिला का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार्य नही है। डिंपल यादव जी पर की गई अशोभनीय टिप्पणी पर अखिलेश यादव का मौन निंदनीय ही नहीं, शर्मनाक भी है। मौलाना की बयानबाज़ी पर सपा का मौन क्या इस सोच की सहमति है कि सपा में महिलाओं की गरिमा अब मौलवी तय करेंगे?
उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सपा से अलग है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी किसी भी महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं करती। डिंपल यादव का मामला हो या किसी और महिला का, हर नारी का सम्मान हमारी प्राथमिकता है। भाजपा उनके राजनीतिक स्टैंड से नहीं, उनके महिला होने के नाते उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा डिंपल यादव जी ने पूरी गरिमा और भारतीय मर्यादा के अनुरूप परिधान पहना था, फिर भी एक मौलाना ने उन्हें निशाना बनाया। क्या सपा अब मौलवियों के इशारे पर अपनी महिला सांसदों की गरिमा एवं उनका पहनावा भी तय करेगी? सपा प्रमुख डिंपल यादव जी के पति श्री अखिलेश यादव की चुप्पी भी कहीं ना कहीं उनकी वोट बैंक की लालसा को दर्शाती है। वोट की खातिर महिला अस्मिता और सम्मान से उनका यह समझौता उनकी कमजोरी और राजनीतिक स्वार्थपरता को प्रतिबिंबित करता है कि समुदाय विशेष की नाराजगी से बचने और उनके वोट के लिए वह कहाँ तक जा सकते हैं ।
श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सपा प्रमुख की चुप्पी यह भी दर्शाती है कि वे कट्टरपंथियों और तालिबानी मानसिकता रखने वालों के कितने बड़े समर्थक हैं कि सियासी फायदे के लिए वे अपनी स्वयं की धर्मपत्नी के अपमान पर भी मौन हैं। यहाँ तक कि परिवार के अन्य बड़े बुजुर्ग भी इस विषय पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनकी पार्टी में भी साहस नहीं है कि वह अपनी सांसद की मर्यादा की रक्षा कर सके । उन्होंने कहा आज डिंपल यादव पर टिप्पणी हुई है, कल किसी भी महिला पर हो सकती है। क्या अखिलेश जी यह संदेश देना चाहते हैं कि सत्ता के लिए उन्हें अपनी पत्नी का अपमान भी स्वीकार है? अखिलेश यादव द्वारा मौलाना की आलोचना न करना दरअसल उस सोच को मौन समर्थन देना है जो महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से हटाना चाहती है। उन्होंने कहा यह मुद्दा सिर्फ डिंपल यादव जी का नहीं बल्कि भारत की हर बेटी, हर महिला का है। मौलाना की जहरीली सोच को समर्थन देना सपा की सेक्युलर राजनीति का असली चेहरा उजागर करता है। समाजवादी पार्टी का यह मौन समर्थन बताता है कि जब बात महिला गरिमा और वोटबैंक में टकराव की हो, तो सपा मुखिया मौलाना के साथ खड़े होते हैं, महिलाओं के नहीं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी हर बेटी के सम्मान में अडिग है, चाहे वह विपक्षी दल की ही क्यों न हो।
श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के महिला सशक्तिकरण के फर्जी नारों की पोल खुल गई है। “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” का नारा देनी वाली प्रियंका गांधी वाड्रा जी भी अपनी साथी महिला सांसद के अपमान पर मौन हैं। जब मामला वोट बैंक का हो तो राहुल हों या प्रियंका गांधी हों या अखिलेश यादव सबकी ज़ुबान पर ताले लग जाते हैं। यह कथन केवल व्यक्तिगत रूप से डिंपल यादव जी का अपमान नहीं था, बल्कि समस्त नारी जाति का अपमान है
उन्होंने प्रश्न खडे़ करते हुए कहा कि क्या यही समाजवादी पार्टी का असली ‘समाजवाद‘ है? जो पार्टी संविधान, महिला अधिकारों और सेक्युलरिज़्म की बात करती है, वही पार्टी अपनी महिला सांसद के अपमान पर खामोश क्यों है? क्या अखिलेश यादव को यह अपमान तब भी अस्वीकार्य नहीं लगता जब यह टिप्पणी उनकी पत्नी और सांसद डिंपल यादव जी के खिलाफ की गई हो? क्या ‘मुस्लिम तुष्टिकरण‘ के चलते समाजवादी पार्टी ने ‘महिला सम्मान‘ की बलि चढ़ा दी है? सपा की यह चुप्पी केवल चुप्पी नहीं, राजनीतिक कायरता है। उन्होंने कहा डिंपल यादव जी देश की एक निर्वाचित सांसद हैं। अगर उनके पहनावे को लेकर सार्वजनिक मंचों पर इस प्रकार की अशोभनीय टिप्पणी होती है और उनकी अपनी पार्टी तक उसका विरोध नहीं करती तो यह स्पष्ट संकेत है कि महिला सम्मान का मुद्दा इनके लिए केवल राजनीतिक भाषणों की सामग्री है, ज़मीनी सच्चाई नहीं। समाजवादी पार्टी की सरकार का इतिहास महिला अपराधों, दंगों एवं ऐसे अपराधियों के संरक्षण से भरा पड़ा है। इनकी सरकारों में महिला हिंसा के मामलों में उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर रहता था।
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण ने दो बातें बिल्कुल स्पष्ट कर दी हैं कि महिला सम्मान इन दलों के लिए एक नैतिक मूल्य नहीं, बल्कि राजनीतिक सुविधा है। समाजवादी पार्टी के लिए इस्लामिक वोटबैंक की नाराज़गी से बचना, एक महिला सांसद की गरिमा से ज्यादा जरूरी है। कांग्रेस और सपा की चुप्पी से एक बात और साफ हो जाती है कि इनकी लड़ाई महिला अधिकारों की नहीं, बल्कि राजनीतिक अवसरवाद की है।