[26/02, 7:36 AM] +91 92148 86700: *यूक्रेन में फंसे भारतीयों को याद आईं सुषमा स्वराज, एक ट्वीट पर भेज देती थीं जहाज, सोशल मीडिया पर छाईं*
रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया है. यूक्रेन की राजधानी कीव के उपर रूसी फाइटर प्लेन मंडरा रहे हैं. जगह-जगह बमबारी हो रही है. कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. छात्रों के परिजन का कहना है कि उनको वक्त रहने स्वदेश लाने का वैसा प्रयास नहीं हो रहा जैसा मोदी सरकार में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समय में होता था. हालांकि, इस मामले में अब भारत सरकार सक्रिय हो गई है और PM नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग की है और नागरिकों को निकालने का पूरा खाका तैयार किया है विमान भेजा जा रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय फंसे हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या मेडिकल स्टूडेंट्स की है. यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र और यहां उनके परिजन को ऐसे समय में सुषमा स्वराज और उनके काम करने का तरीका याद आ रहा है. उनके विदेश मंत्री रहते एक ट्वीट पर भारत का जहाज विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने पहुंच जाता था. सोशल मीडिया पर इंडियन यूजर्स का रिएक्शन देखकर लगता है कि सभी को सुषमा स्वराज के काम करने का तरीका बेहतर लग रहा है.
विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्रालय का अर्थ बदल दिया था. वह 2014 से 2019 तक विदेश मंत्री रहीं. हाई प्रोफाइल और बड़े लोगों का मंत्रालय माना जाने वाले विदेश मंत्रालय को तब आम भारतीयों का मंत्रालय कहा जाने लगा था जिसका मुख्य मकसद विदेशों में मुश्किलों का सामना कर रहे आम भारतीयों की मदद करना बन गया था. अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने 186 देशों में 90 हजार से अधिक भारतीयों तक मदद पहुंचाई थी.
[26/02, 7:57 AM] +91 92148 86700: *किस काम का सयुंक्त राष्ट्र-फिर रहा नाकाम! रूस-यूक्रेन ही नहीं, पहले भी युद्ध रोकने में UN फेल, अमेरिका जैसे देशों का वीटो पावर भी बेदम*
लंबे वक्त से चल रहे तनाव के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया, जब पूरी दुनिया यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बैठकर शांति स्थापित करने का प्रयास कर रही थी. जंग की शुरुआत के बाद यूएन के जनरल सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस ने मानवता के नाम पर हमला रोकने की अपील की. रूस ने UN चीफ की अपील को ठुकराते हुए यूक्रेन में टैंक के साथ अपनी सेना भेज दी और युद्ध का एलान कर दिया. यह पहली बार नहीं है, जब यूएन 2 देशों के बीत शांति स्थापित करने में नाकाम रहा है. इससे पहले भी कई युद्ध यूएन की विफलता के वजह से हुए हैं.
दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद 24 अक्टूबर 1945 को अमेरिका, रूस सहित 50 से अधिक देश सेन फ्रांसिस्को में एकजुट हुए और उन्होंने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया, जिसमें शांति स्थापित करने के लिए एक संगठन बनाने की बात कही गई. इसी के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यानी UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है, जो पूरी दुनिया में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करती है.
UN गठन के 10 साल बाद ही अमेरिका और वियतनाम के बीच युद्ध शुरू हो गया. UN इसे रोकने में पूरी तरह विफल रहा. यह संघर्ष करीब 10 सालों तक चला, जिसमें वियतनाम के करीब 20 लाख लोग मारे गए. इस संघर्ष में 30 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए. 55 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक भी इस दौरान मारे गए.
22 सितंबर 1980 को इराकी सेना ने पश्चिमी ईरान की सीमा में घुसपैठ कर उस पर हमला कर दिया था. इससे दोनों देशों के बीच युद्ध भड़क उठा, जो लगातार 8 साल तक चलता रहा. इसे रोकने में भी संयुक्त राष्ट्र संघ पूरी तरह फ्लॉप रहा. इस युद्ध में इराक ने केमिकल का प्रयोग किया. एक अनुमान के मुताबिक दोनों देश के बीच हुए इस संघर्ष में करीब 10 लाख लोग मारे गए थे.
अप्रैल 1994 में अफ्रीकी देश रवांडा में नरसंहार शुरू हुआ था. इस नरसंहार में 100 दिन के भीतर 8 लाख लोगों को मार दिया गया था. वहां के बहुसंख्यक समुदाय हूतू ने अल्पसंख्यक समुदाय तुत्सी के लोगों पर आक्रमण किया था. रवांडा नरसंहार में फ्रांस की भी भूमिका थी. फ्रांस सरकार ने उस वक्त हालात को कंट्रोल करने के लिए सेना भेजी थी, लेकिन सेना उसे कंट्रोल करने के बजाय देखती रही. हालांकि 2021 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस नरसंहार के लिए माफी मांगी थी.
यूगोस्लाविया के विभाजन के बाद 1992 में सर्ब समुदाय और मुस्लिम समुदाय के बीच नए राष्ट्र को लेकर विवाद शुरू हो गया. इस विवाद में यूएन मध्यस्थता करने में पूरी तरह विफल रहा. 1995 में सर्ब सेना ने करीब 8000 मुसलमानों को ब्लैक पॉइंट पर लाकर मार दिया. आज भी उस पॉइंट को बूचर ऑफ बोस्निया कहते हैं. हालांकि इसके बाद नाटो को सेना उतारनी पड़ी थी, जिसके बाद वहां स्थिति को कंट्रोल किया गया.
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में UN का बजट 150 मिलियन डॉलर यानी 1134 करोड़ रुपए है. संयुक्त राष्ट्र संघ को सदस्य देशों की ओर से चंदे के रूप में ये राशि मिलती है. UN को अमेरिका सबसे अधिक चंदा देता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के 5 देश (अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन) स्थाई सदस्य हैं. इन देशों को वीटो पावर मिला हुआ है. वीटो पावर के जरिए ये देश किसी भी मामले को रोक सकते हैं. इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ कई बार सुरक्षा और शांति स्थापित करने में विफल हो जाता है. साल 1992 से 1996 तक संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव रहे बुतरस बुतरस घाली ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में वीटो सिस्टम की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि अगर वीटो सिस्टम खत्म नहीं हुआ, तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्वतंत्र होकर काम नहीं कर सकेगी. उन्होंने कहा था कि वीटो पावर देश अपने हिसाब से यूनाइटेड नेशन को चलाना चाहते हैं.
[26/02, 8:05 AM] +91 92148 86700: *हमले के बीच पुतिन का संबोधन- नहीं करेंगे यूक्रेन पर कब्जा, सशर्त बातचीत को तैयार, अकेले पड़े यूक्रेन ने NATO-देशों को दुत्कारा, US से मांगा हथियार*
रूसी सैनिक यूक्रेन की धरती पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं. दो दिनों से रूसी सैनिकों और यूक्रेन के सैनिकों के बीच मिसाइलों, रॉकेट लॉन्चर और थल सेना सभी मोर्चों पर जंग चल रही है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान सामने आया है. उन्होंने अपने संबोधन में यूक्रेन की सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन पर कब्जा नहीं करेंगे, लेकिन वहां के हुक्मरान नाजी आतंकियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं. वे नागरिकों को ढाल बना रहे हैं. वहीं यूक्रेन ने अमेरिका से और हथियार की मांग की है साथ ही दुनिया के बड़े प्रभावशाली देशों और नाटो को दुत्कार लगाया है क्योंकि इस मुश्किल घड़ी में कोई उसका साथ नही दे रहा.
आज यूक्रेन पर रूसी सैनिकों के तेज होते हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा बयान जारी किया. एक वीडियो संदेश में पुतिन ने कहा कि यूक्रेन की सरकार नाजी आतंकियों की तरह बर्ताव कर रही है लेकिन इस बात के लिए हम आश्वस्त करते हैं कि हम यूक्रेन पर कब्जा नहीं करेंगे.
व्लादिमीर पुतिन ने आगे कहा कि यूक्रेन के साथ हम बातचीत करने को तैयार हैं लेकिन मिन्स्क में बातचीत करेंगे. हमारा प्रतिनिधिमंडल बेलारूस की राजधानी मिन्स्क पहुंचकर यूक्रेन के साथ बातचीत करेगा. उन्होंने साथ ही पश्चिमी देशों को सावधान किया कि वे उनके कार्य में दखल न दे वरना इसका अंजाम खतनाक होगा.
[26/02, 8:13 AM] +91 92148 86700: *यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने को विदेश मंत्रालय ने पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के चेक पॉइंट्स पर पहुंचने को कहा, बस-विमान भेजा जा रहा*
भारत ने यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए एअर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट्स भेजा जा रहा है. फ्लाइट्स रवाना हो चुकी हैं. यूक्रेन का एयर स्पेस सिविल एयरक्राफ्ट्स के लिए बंद होने की वजह से सरकार अब यूक्रेन के पड़ोसी देशों पोलैंड, रोमानिया और हंगरी के जरिए इस ऑपरेशन को अंजाम देगी.
केंद्र की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि नागरिकों को भारत वापस लाने का खर्च भारत सरकार उठाएगी. इस एडवाइजरी के बाद भारतीय छात्रों को पोलैंड, रोमानिया और हंगरी के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए बसों का इंतजाम किया गया है. जानकारी के मुताबिक लगभग पांच सौ छात्र बसों से चेक पॉइंट्स पर पहुंच चेक हैं.
यूक्रेन, पोलैंड और रोमानिया में स्थित भारतीय एम्बेसी ने स्टूडेंट्स को अपना पासपोर्ट और कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट साथ लाने को कहा है. इसके अलावा उन्हें अलग-अलग चेकपोस्ट पर पहुंचने के बारे में निर्देश भी दिए गए हैं.
[26/02, 8:28 AM] +91 92148 86700: *रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर हमला किया, गोलीबारी और विस्फोटों से दहला कीव..!!*
कीव: रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर शुक्रवार को हमला शुरू दिया. सरकारी इमारतों के निकट गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं. रूस की इस कार्रवाई से यूरोप में व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है वहीं उसे रोकने के लिए दुनियाभर में प्रयास भी शुरू हो गए हैं.
युद्ध से सैकड़ों लोगों के हताहत होने की सूचनाओं के बीच कीव में इमारतों, पुलों और स्कूलों के सामने भी गोलीबारी और विस्फोटों की घटनाएं हुई हैं. इस बात के भी संकेत बढ़ रहे थे कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं.
दुनिया के नक्शे में बदलाव करने और रूस के शीतयुद्ध कालीन प्रभाव को बहाल करने के लिए यह पुतिन का अभी तक का सबसे बड़ा कदम है. हालांकि इस युद्ध में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अब भी उसके कब्जे में है और कितने हिस्से पर रूस का नियंत्रण हो गया है. इस बीच क्रेमलिन ने बातचीत करने की कीव की पेशकश स्वीकार कर ली लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के प्रति नरमी दिखाते हुए किया जा रहा है, ना की मामले का कूटनीतिक हल निकालने के लिए.
*पश्चिमी देशों के नेताओं ने आपातकालीन बैठक बुलाई:*
पश्चिमी देशों के नेताओं ने आपातकालीन बैठक बुलाई है और यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ऐसे हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है क्योंकि उन्हें आशंका है कि रूस लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई उनकी सरकार को बेदखल कर सकता है. यूक्रेन में बड़े पैमाने पर लोग हताहत हो सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है.
*पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया:*
रूस के आक्रमण का दूसरा दिन यूक्रेन की राजधानी पर केंद्रित था, जहां ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने विस्फोट की आवाजें सुनीं और कई क्षेत्रों से गोलियां चलने की सूचना भी है. यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज किया है और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे.’’
*रूसी अधिकारियों ने हताहतों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया:*
रूसी सेना ने कहा कि उसने कीव के बाहर एक रणनीतिक हवाई अड्डे और पश्चिम में एक शहर पर नियंत्रण कर लिया है. यूक्रेनी अधिकारियों ने यूक्रेन की ओर कम से कम 137 लोगों की मौत की सूचना दी और सैकड़ों रूसी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया. रूसी अधिकारियों ने हताहतों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. फिलहाल मृतक संख्या को सत्यापित करना संभव नहीं हो सका है.
*ज्यादातर की मौत गोलाबारी और हवाई हमलों में हुई:*
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि 25 नागरिकों की मौत हुई है जिनमें से ज्यादातर की मौत गोलाबारी और हवाई हमलों में हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि एक लाख लोगों ने अपने घर छोड़े हैं. आशंका है कि युद्ध बढ़ने पर यह संख्या 40 लाख तक पहुंच सकती है. यूक्रेन की राजधानी कीव के खतरे में घिरने के संकेतों के बीच सेना ने शुक्रवार को कहा कि रूसी जासूसों और विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त लोगों के एक समूह को शहर के केंद्र से लगभग पांच किलोमीटर उत्तर में देखा गया. इससे पहले, सेना ने कहा था कि रूसी सुरक्षा बलों ने दो यूक्रेनी सैन्य वाहनों पर कब्जा कर लिया है और स्थानीय होने का दिखावा कर घुसपैठ के लिए शहर की ओर बढ़ रहे हैं.
*रूस ने यूक्रेन पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी:*
अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि रूस एम्फिबियस हमला (जमीन, हवा और पानी, सभी तरीकों से) कर रहा है और हजारों की संख्या में रूसी नौसैनिक अजोव सागर से मारीयूपोल की ओर बढ़ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेन की हवाई रक्षा कमजोर हो गई है, वहीं रूस ने यूक्रेन के आसपास जितनी सेना और उपकरण एकत्र किए थे, उसका एक तिहाई हिस्सा यूक्रेन में प्रवेश कर चुका है. आधिकारिक अनुमान है कि रूस ने यूक्रेन पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कुछ ने आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया है.
*रूस की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए जल्दी काम करें और यूक्रेन की सैन्य मदद करें:*
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कीव की ओर बढ़ रहे रूसी सैनिकों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी सिटी सेंटर से 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर हैं. जेलेंस्की ने पश्चिमी ताकतों से अनुरोध किया है कि वे रूस की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए जल्दी काम करें और यूक्रेन की सैन्य मदद करें. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने गुरुवार की रात यूरोपीय नेताओं से फोन पर बातचीत में अपना ठिकाना गुप्त रखा और कहा कि फिलहाल वह रूस के निशाने पर हैं.
*पुतिन यूक्रेन पर अपनी पसंद की सरकार थोपना चाहते:*
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि कीव की ‘‘संभवत: घेराबंदी कर ली गई है.’’ अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर अपनी पसंद की सरकार थोपना चाहते हैं. इस बीच जेलेंस्की ने वैश्विक नेताओं से पूर्व में लगाए गए प्रतिबंधों की तुलना में रूस के खिलाफ अधिक कठोर पाबंदी लगाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप अभी हमारी मदद नहीं करते हैं, यदि आप यूक्रेन को मजबूत सहायता प्रदान करने में नाकाम रहते हैं तो कल युद्ध आपके दरवाजे पर दस्तक देगा.’’
हम नहीं जानते कि क्या करना है:
जेलेंस्की ने रूस की सरकार से बातचीत करने का अनुरोध किया है और पश्चिमी शक्तियों से यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए तेजी से काम करने को कहा है. शुक्रवार तड़के कीव में हवाई हमले के सायरन बजते ही सिटी सेंटर के एक होटल के मेहमानों को एक अस्थायी सुरक्षित तहखाने की ओर जाने के लिए कहा गया, जिसमें गद्दे और पानी की बोतलों थीं. कार्यकर्ताओं व स्थानीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेहमानों को चाय और नमकीन दिए. कार्यकर्ताओं में से एक, लुसी वाशाका (20) ने कहा, ‘‘हम सभी डरे हुए और चिंतित हैं. हम नहीं जानते कि क्या करना है, कुछ दिनों में क्या होने वाला है?’’
*पूर्व में कई क्षेत्रों से सैनिक दाखिल होने लगे:*
गुरुवार को शहरों और सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक किए गए मिसाइल हमलों के साथ आक्रमण शुरू हुआ और फिर पैदल सेना ने यूक्रेन की तरफ कूच किया. पूर्व में कई क्षेत्रों से सैनिक दाखिल होने लगे. क्रीमिया के दक्षिणी क्षेत्र से भी सैनिक आए, जिस पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था. पड़ोसी देश बेलारूस से भी रूसी सैनिकों ने धावा बोला. यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र से उनका संपर्क कट गया है. इसी जगह पर दुनिया की सबसे भीषण परमाणु त्रासदी हुई थी. देश के कई हिस्सों में लोग हड़बड़ी में सुरक्षित स्थानों तक जाने के लिए ट्रेनों और कारों में सवार होते देखे गए.
*देश का भविष्य पूरी तरह से हमारी सेना, सुरक्षा बलों, हमारे सभी रक्षकों पर निर्भर:*
जेलेंस्की ने कहा कि देश का भविष्य पूरी तरह से हमारी सेना, सुरक्षा बलों, हमारे सभी रक्षकों पर निर्भर करता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश ने मास्को से सुना है कि ‘‘वे यूक्रेन की तटस्थ स्थिति के बारे में बात करना चाहते हैं.’’ जेलेंस्की ने रूस की मांग का संदर्भ दिया कि यूक्रेन नाटो गठबंधन में शामिल होने का इरादा त्याग दे. कीव पर रूसी हमले के डर से रात होते ही हजारों लोग भूमिगत बंकरों, मेट्रो स्टेशनों के भीतर चले गए. कुछ परिवारों के लिए यह एकसाथ समय गुजारने का भी मौका था.
*किसी को विश्वास नहीं था कि यह युद्ध शुरू हो जाएगा:*
एक मेट्रो स्टेशन के भीतर शरण लिए हुए एंटन मिरोनोव ने कहा कि किसी को विश्वास नहीं था कि यह युद्ध शुरू हो जाएगा और वे कीव को भी निशाना बनाएंगे.कुछ लोग अस्थायी बंकरों में रात बिताकर सुबह बाहर निकले. राजमार्ग पर सैन्य टुकड़ियों के साथ आम लोगों की कारें भी आ जा रही थीं. ईंधन केंद्रों पर गुरुवार को लंबी-लंबी कतारें नजर आई थी. रूस ने कहा है कि वह शहरों को निशाना नहीं बना रहा लेकिन पत्रकारों ने कई रिहायशी क्षेत्रों में तबाही का मंजर देखा. कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि शुक्रवार को शहर में एक बहुमंजिला अपार्टमेंट में एक रॉकेट हमले से आग लगने के बाद कम से कम तीन लोग घायल हो गए.
*रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि बहुत देर हो चुकी:*
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि बहुत देर हो चुकी है, और जेलेंस्की को पहले बातचीत के लिए सहमत होना चाहिए था. लावरोव ने यह भी कहा कि रूस के सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन का ‘‘विसैन्यीकरण और नाजी विचारधारा से’’ मुक्त कराना है और कोई भी उस पर कब्जा नहीं करने वाला है. पुतिन ने तर्क दिया कि रूस की सुरक्षा मांगों पर बातचीत करने से इनकार करके पश्चिम ने उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा था.
*रूसी सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन का ‘‘विसैन्यीकरण’’ सुनिश्चित करना:*
राष्ट्रपति पुतिन ने गुरुवार सुबह टेलीविजन पर संबोधन में घोषणा की कि डोनबास रिपब्लिक के प्रमुख के अनुरोध के जवाब में, उन्होंने उन लोगों की रक्षा के लिए एक विशेष सैन्य अभियान चलाने का निर्णय लिया है जो आठ साल से यूक्रेन के शासन के ‘‘दुर्व्यवहार और नरसंहार से पीड़ित हैं.’’ पुतिन ने कहा कि रूसी सैन्य अभियान का उद्देश्य यूक्रेन का ‘‘विसैन्यीकरण’’ सुनिश्चित करना है. पुतिन ने यूक्रेन के सैनिकों से ‘‘तुरंत हथियार डालने और घर लौटने’’ का भी आग्रह किया.
*रूसी सैनिक सीमा के पास स्थित सूमी शहर में भी दाखिल हो चुके:*
रूसी सैन्य बलों के उत्तर से कीव की तरफ कूच करने की खबरों के बीच यूक्रेन की सेना कीव के उत्तर-पश्चिम में 60 किलोमीटर दूर दुश्मन फौज से भीषण लड़ाई लड़ रही है. रूसी सैनिक सीमा के पास स्थित सूमी शहर में भी दाखिल हो चुके हैं. यहां से एक राजमार्ग राजधानी कीव की ओर जाता है. यूक्रेन में गृह मंत्रालय के सलाहकार एंतोन गेराशेंको ने टेलीग्राम पर कहा कि आज का दिन बहुत भारी गुजरेगा. दुश्मन की योजना टैंक के जरिये इवांकीव और चेर्निहाइव के रास्ते कीव में दाखिल होने की है.
*आक्रमण शुरू होने के कुछ घंटों बाद, रूसी सेना ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया:*
राष्ट्रपति जेलेंस्की के सलाहकार मायहेलो पोडोलीक ने बताया कि आक्रमण शुरू होने के कुछ घंटों बाद, रूसी सेना ने चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र और उसके आस-पास के क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया. वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा है कि उसे यूक्रेन द्वारा कब्जे के बारे में बताया गया था. साथ ही कि ‘‘औद्योगिक स्थल पर कोई हताहत या तबाही नहीं हुई है.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की:
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की है जो रूसी बैंकों, अमीर लोगों, सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियों और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों को लक्षित करेंगे. उन्होंने कहा, पुतिन ने ‘‘इस युद्ध को चुना’’ है. बाइडन ने यह भी कहा कि ऐसे उपाय किए गए हैं कि वैश्विक ऊर्जा बाजार प्रभावित नहीं हो. रूसी तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात यूरोप के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत हैं. बाइडन ने कहा कि अगर पुतिन नाटो देशों में घुसेंगे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा. उन्होंने कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा.
*ब्रिटेन के वित्तीय बाजारों से रूस को दूर करने का लक्ष्य रखा:*
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा है कि उन्होंने ब्रिटेन के वित्तीय बाजारों से रूस को दूर करने का लक्ष्य रखा है. सभी बड़े रूसी बैंकों की संपत्ति पर रोक लगाने और रूसी कंपनियों तथा क्रेमलिन को ब्रिटिश बाजारों से धन जुटाने से रोकने की योजना प्रस्तुत की गई है.
[26/02, 10:55 AM] +91 92148 86700: *यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है.*
470 छात्रों का पहला विमान रोमानिया से उड़ान भरने को तैयार है.
कल ही विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पोलैंड और हंगरी के रास्ते से फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा.
[26/02, 2:14 PM] +91 98396 89648: ब्रेकिंग न्यूज/सिद्धार्थनगर
प्राथमिक विद्यालय सियरापार के वाटर टैंक में सरकारी किताब के साथ पांच वर्षी अबोध बालक टंकी में मिला बन्द।
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की लापरवाही से अबोध बालक सो सकता था मौत की नींद, मामला सुर्खियों में।
परिजनों को घटना की जानकारी होने पर पहुंचे विद्यालय, बच्चे की दसा सुनकर परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसकी।
अभिभावक की बात सुनने को प्रधानाध्यापक तैयार नहीं, प्रधानाध्यापक अभिभावक को दे रहा धमकी।
प्रधानाध्यापक के बिगड़े बोल से अभिभावक हुए आहत, मामला सुर्खियों आया।
परिजनों ने अपनी आपबीती मीडिया के सामने सुनाई, मामला पहुंचा बीएसए के संज्ञान में।
घटना के बारे में बीएसए से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा खण्ड शिक्षा अधिकारी को भेजा गया है, जांचकर उचित कार्यवाही की जायेगी।
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