लखनऊ25फरवरी*देश और दुनिया की खास खबरे
[25/02, 5:45 AM] +91 99191 96696: ब्रेकिंग प्रयागराज..
बाइक पर पांच लोग थे सवार, ट्रक की टक्कर से एक ही परिवार के 4 समेत पांचों की हुई दर्दनाक मौत.
नवाबगंज इलाके में हुए सड़क हादसे मेंएक ही परिवार के 4 सदस्यों समेत पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात श्रृंगवेरपुर हाईवे रोड पर एक ट्रक ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी थी। चौकाने वाली बात ये है कि इस बाइक पर पांच लोग सवार थे।
बताया जा रहा है कि ये सभी किसी शादी समारोह से रविवार रात लौट रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतकों की पहचान 60 वर्षीय राम सरन पाल, उनके बेटे लल्लू पाल 35, समय लाल 35, पोते अर्जुन पाल 11 और उनके पड़ोसी चंदर पाल 55 के रूप में हुई है।
[25/02, 5:45 AM] +91 99191 96696: लखनऊ: 27 फरवरी को यूपी चुनाव का 5वां चरण
कल शाम 6 बजे से प्रचार पर लगेगी रोक
कल शाम 6 बजे प्रचार पर लगेगी रोक
5वें चरण में 12 जिलों की 61 सीटें हैं
अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, चित्रकूट,गोंडा
प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी
अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती में मतदान होगा।
[25/02, 10:50 AM] +91 96216 39625: ? 28 साल पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु ताकत था यूक्रेन ‼️
क्या आपको पता है यूक्रेन कभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति था? आज भले ही यूक्रेन के पास परमाणु हथियार न हो लेकिन एक समय दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत में से एक था। कल जब यूक्रेन पर रूसी हमले की खबरें आईं तो यूक्रेन के सांसद एलेक्सी ने इस बात पर खेद जताया कि देश ने पश्चिमी देशों से सुरक्षा गारंटी के तहत अपने परमाणु हथियार छोड़ दिए थे। यूक्रेन के सांसद एलेक्सी गोंचारेंको ने बताया कि कैसे उनके देश ने रूस और अमेरिका से सुरक्षा गारंटी के बदले परमाणु हथियार त्याग दिए थे। एलेक्सी ने फॉक्स न्यूज से बात करते हुए कहा, “यूक्रेन मानव इतिहास में एकमात्र राष्ट्र है जिसने 1994 में अमेरिका, ब्रिटेन और रूसी संघ से सुरक्षा गारंटी के बाद दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा परमाणु शस्त्रागार त्याग दिया था। ये गारंटी अब कहां हैं? अब हम पर बमबारी हो रही, हम मारे जा रहे हैं।”▪️
[25/02, 10:50 AM] +91 96216 39625: रूस और यूक्रेन की जंग में अमेरिका का साथ देगा भारत? बाइडन ने ‘हिचकते हुए’ दिया ये जवाब
Kashi mail
वॉशिंगटनः रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग (Russia-Ukraine war) जारी है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो आमने-सामने हो रही इस जंग को रोकने के प्रयास दुनिया के कई देश कर रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी मकसद से गुरुवार रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर करीब 25 मिनट तक बातचीत की. लेकिन लगता है भारत से प्रयासों से अमेरिका संतुष्ट नहीं है. शायद यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से रूस-यूक्रेन संकट के समाधान के प्रयासों पर भारत के साथ होने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत चल रही है. मामला पूरी तरह सुलझा नहीं है.
अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि अमेरिका का बड़ा डिफेंस पार्टनर होने के नाते भारत क्या रूस-यूक्रेन संकट के समाधान में अमेरिका के साथ है? इस सवाल पर बाइडेन ने कहा कि हम भारत से बात कर रहे हैं. मामला पूरी तरह सुलझा नहीं है. दरअसल ऐसा माना जा रहा है कि यूक्रेन संकट को लेकर भारत और अमेरिका का रुख समान नहीं है. भारत के लिए किसी एक का पक्ष लेना मुश्किल हो रहा है. अमेरिका और रूस दोनों ही भारत के मित्र हैं. दोनों से ही उसके लंबे समय से संबंध रहे हैं.
भारत हालांकि इस संकट के समाधान के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर करीब 25 मिनट तक बातचीत की. इस दौरान मोदी ने जोर देकर कहा कि बातचीत के जरिए ही कोई हल निकाला जा सकता है. कूटनीति के जरिए ही शांति स्थापित की जा सकती है. मोदी ने पुतिन से तत्काल हिंसा खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि रूस और नाटो के बीच मतभेदों को केवल बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है.
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बयान में कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पूर्व नियोजित युद्ध का विकल्प चुना है, जिसका लोगों के जीवन पर विनाशकारी प्रभाव होगा. इस हमले में लोगों की मौत और तबाही के लिए केवल रूस जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी एकजुट होकर निर्णायक तरीके से इसका जवाब देंगे. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिकी की फौजें इस युद्ध में शामिल नहीं होंगी. हम आर्थिक रूप से रूस को चोट पहुंचाएंगे.
इस बीच, रूस और यूक्रेन के बीच जंग में जानमाल के नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने जंग के पहले दिन यूक्रेन की करीब 74 सैन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट करने का दावा किया है. वहीं यूक्रेन ने रूस पर 203 हमले करने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने पहले दिन देश पर रूसी सेना के हमले में 137 नागरिकों की मौत होने का दावा किया है. इनमें सैनिक और आम नागरिक शामिल हैं.
[25/02, 10:50 AM] +91 96216 39625: ➡️ *हमें रूस से लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया गया है, सारे देश डरते हैं: यूक्रेन के राष्ट्रपति*
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रूसी हमले के बीच राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा है, “हमें अपने देश की रक्षा के लिए अकेला छोड़ दिया गया है।” उन्होंने कहा, “हमारे साथ लड़ने के लिए कौन तैयार है? मुझे कोई नहीं दिख रहा। यूक्रेन को नाटो की सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? सब डरते हैं।”
[25/02, 1:02 PM] +91 99194 75893: *सिराथू कौशाम्बी*
सपा कार्यकर्ताओं की बदतमीजी
मीडिया के लोगो से सपा कार्यकर्ताओं ने की मदतमीजी
सपा नेताओं ने की पत्रकारों से झड़प
करीब एक दर्जन से अधिक पत्रकारों से झड़प
सपा नेताओं का चुनाव से पहले अहंकार
मीडिया को कवरेज से रोकने पर हुई सपा नेताओं और पत्रकारों से बहस
सैनी के कृषि मैदान में हो रही सपा की रैली को कवरेज के दौरान हुई बहस
पत्रकारों के साथ हुई सपा नेताओं की कहासुनी
सपा नेताओं के रवैये से मीडिया कर्मियों ने बीच मे छोड़ी कवरेज
[25/02, 2:39 PM] +91 96675 06046: *बीजेपी के पास कोई ब्लूप्रिंट नहीं-सतीश पुतला*
*यह संगी है यह केवल षड्यंत्र कर सकते हैं — सतीश पृथला*
पलवल राजधानी संदेश- हरियाणा के पलवल से सतीश पुतला नए संग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि है मैने अखबार में पढा कि यूक्रेन में फंसे बच्चों के मां बाप वाट्शप काल पर बच्चों से बात करके रो रहे हैं। इस हालात के दोषी हम हैं
आज दोष तुम्हारा ही है और हमने- तुमने कभी ध्यान नहीं दिया। हमने -तुमने भगवा देखा लेकिन नीला नहीं देखा।
नीला से मेरा मतलब है कि ब्लूप्रिंट नहीं देखा जो किसी भी सरकार के काम करने की योजना होती है जो इस सरकार के पास नहीं है।
ये संघी हैं और संघी केवल साजिश कर सकते हैं जिसकी दम पर ये सरकार में आये हैं और बने हुए हैं। कोई भी देश योजना से चलते हैं।
आपने केवल नकली धर्म देखा और वास्तविक धर्म पर अमल करने वाली कांग्रेस की कार्यशैली नहीं देखी तथा सक्षम कार्य में दक्ष लोगों को गालियाँ दी जिसकी दम पर आज भारत और आप दोनो खड़े हैं।
मै उदाहरण के तौर पर तथाकथित सर्जिकल स्ट्राइक को देखा और 1971 का जौहर भूल गये। आपने फर्जी डिग्री देखी तथा डा मनमोहन सिंह का बक्सा भूल गये जिसमें डिग्रियां भरी पड़ी हैं।
कांग्रेस का प्रधानमंत्री कभी ऐसे हालात में चुनाव न देखता, वैसे भी कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों का स्तर इतना गिरा कभी नहीं रहा कि वो विधानसभाओं के चुनाव मे मारे मारे घूमें।
आपने सरकार नहीं पूंजीवादी के गुलाम बनाने के लिए चुनाव मंडली चुनी है।
आम कहाँ से मिलेगा? पेड़ तो आपने बबूल का लगाया है
[25/02, 3:14 PM] +91 99183 98594: यूरोपियन देश #यूक्रेन में बड़ी बड़ी शानदार बिल्डिंगें है.. चमचमाती हुई सड़कें और लंबी लक्जरी कार गाडियां हैं सड़कों पर साइकिल तो क्या दोपहिया वाहन भी दिखाई नहीं देते क्योंकि सबके पास महंगी लक्जरी गाडियां जो है अच्छे मेडिकल कॉलेज भी है…
युनिवर्सिटी है तभी तो मेडिकल शिक्षा के लिए भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहें हैं यानि यूक्रेन में चारों तरफ संपन्नता है अगर नहीं है तो सामरिक शक्ति ,मजबूत सेना , अत्याधुनिक हथियार और वहां की जनता में राष्ट्रवादी भावना यही कारण है कि मात्र दो घंटे में रुस ने यूक्रेन को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया यूक्रेन के
सेनिक भाग खड़े हुए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति आम लोगों से युद्ध लड़ने की अपील कर रहें हैं..
इसके लिए सारी पाबंदियां भी हटा दी गई है… यूक्रेन आम नागरिकों को युद्ध लड़ने के लिए हथियार देने की बात भी कह रहा है पर मजाल यूक्रेन का एक भी नागरिक युद्ध लड़ने को तैयार हुआ हो , क्योंकि यूक्रेन के नागरिकों में इजराइल के नागरिकों की तरह राष्ट्रवाद की भावना ही नहीं है।
वह तो एशो आराम की जिन्दगी जीने के आदी हो चुके हैं। यूक्रेन के स्कूल कालेज, युनिवर्सिटी, बाजार, दुकान,आफिस सब बन्द कर दिये गये हैं। सब कारोबार चौपट हो गया है। कारखाने फैक्ट्री सब बन्द हो गये
सब कारोबार चौपट हो गया है कारखाने फैक्ट्री बंद हो गई लोग रोजगार तो क्या अपनी जान बचाने के लिए सिमित संख्या में मौजूद बंकरों में छुप रहें हैं अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में शरण ले रहें हैं। यानि सब कुछ होते हुए भी यूक्रेन आज जिंदगी की भीख मांग रहा है।
ये लेख भारत के उन लोगों को समर्पित है जो राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों को गाहे बगाहे गालियां देते रहते हैं तथा सिर्फ महंगाई, बेरोजगारी और आलू प्याज टमाटर तथा मुफ्त की योजनाओं को ही देश के विकास का पैमाना मान बैठे हैं। यह लेख राहुल गांधी के उस मूर्खतापूर्ण बयान को भी आइना दिखाता है जिसमें अभी कुछ ही दिनों पहले राहुल गांधी ने कहा था कि सेना की मजबूती अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे इकट्ठा करने से देश का विकास नहीं होता राहुल गांधी जैसे मंदबुद्धि को रुस यूक्रेन युद्ध से शाय़द थोड़ी अक्ल आ जाये हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं और उन मुफ्तखोरों को भी समझ आ जायेगी, क्योंकि किसी भी देश के विकास का रास्ता उसकी सैनिक ताकत, सीमाओं की मजबूत सुरक्षा और अत्याधिक हथियारों से होकर निकलता है।
#जय_हिन्द
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