लखनऊ16नवम्बर*प्रमोद तिवारी नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज*
*!!.राजनैतिक सियासत, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का जलवा रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में 47 वर्ष से दबदबा.!!*
*लगातार नौ बार एक विधानसभा क्षेत्र, एक पार्टी एवं एक चुनाव निशान से जीत दर्ज करने पर कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज*
*पंकज पाराशर छतरपुर✍️*
उत्तर प्रदेश में 34 साल तक कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी ने संभाले रखी कुर्सी, अब बेटी आराधना संभाल रही हैं उनकी विरासत जिम्मेदारी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तैयारियों को प्रमोद तिवारी ने नाकाम किया था । लगातार नौ बार एक विधानसभा क्षेत्र, एक पार्टी और एक चुनाव निशान से जीत दर्ज करने पर प्रमोद तिवारी नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा में 42 साल से एक ही पार्टी का कब्जा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी पहली बार 1980 में मैदान में कूदने के बाद लगातार 34 वर्षों तक यहां से विधायक रहे। वर्ष 2014 में निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद उन्होंने यह सीट अपनी बेटी आराधना मिश्रा मोना को सौंप दी। वह लगातार तीसरी बार से विधायक हैं।
*प्रतापगढ़ जिले की एकमात्र विधानसभा ऐसी है, जिसकी राजनैतिक पृष्ठभूमि सबसे अलग…..*
किसान परिवार में जन्मे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने वर्ष 1980 में पहली बार जीत का झंडा गाड़ा तो उसके बाद कांग्रेस ने आज तक किसी दल को खाता नहीं खोलने दिया। प्रमोद तिवारी इस सीट से 10 बार विधायक रहे। 1984 से 1989 के बीच दो बार राज्यमंत्री बने। लगातार नौ बार एक विधानसभा क्षेत्र, एक पार्टी और एक चुनाव निशान से जीत दर्ज करने पर उनका नाम गिनीज बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में दसवीं बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद प्रमोद तिवारी वर्ष 2014 में राज्यसभा का निर्विरोध सदस्य चुने गए।
*भाजपा की लहर में भी बेटी को जिताने में रहे सफल……*
इसके बाद उन्होंने यह सीट अपनी बेटी आराधना मिश्रा के लिए छोड़ दी। 2014 में हुए उपचुनाव में रामपुर खास विधानसभा में भाजपा की लहर भी काम नहीं आई। इससे पहले भाजपा नेताओं ने उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा को घेरने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। यह उपचुनाव ऐसा था, जब 34 साल बाद प्रमोद तिवारी ने अपने को अलग किया था।
भाजपा नेताओं को लगा कि आराधना मिश्रा अभी राजनीति में नई हैं, इसलिए उनसे इस सीट को छीना जा सकता है, मगर प्रमोद तिवारी ने भाजपा की किलेबंदी को ध्वस्त कर बेटी आराधना मिश्रा मोना को रामपुर खास का विधायक बनवाया। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 17,066 वोटों से हराया था। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव में आराधना मिश्रा चुनाव जीती व प्रमोद तिवारी का जलवा बरकरार रहा l
More Stories
हरियाणा 07जुलाई25*में 2 युवकों को गोलियों से भूना:* एक की मौत,
मध्य प्रदेश 07जुलाई25*पुलिस में चौंकाने वाला मामला सामने आया है
*संभल07जुलाई25*आजकल की महिलाएं इतनी स्वार्थी हो गई है कि अपने बच्चों तक को नहीं बक्श रही है