लखनऊ12नवम्बर24*वासुदेवा सिटी बस ऑपरेशन लिमिटेड (ग्रीन सेल) चालकों को यातायात नियमों के प्रति किया गया जागरूक।
दुबग्गा लखनऊ:-
खबर लखनऊ के दुबग्गा से है जहां आज यातायात माह के तहत काकोरी के यातायात प्रभारी विनोद कुमार ने आज वासुदेवा सिटी बस ऑपरेशन लिमिटेड (ग्रीन सेल) के चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया और चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उक्त कार्यक्रम के अंतर्गत यातायात प्रभारी में बस चालकों व अन्य लोगों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और सड़क पर सावधानीपूर्वक वाहन चलाने के सुझाव दिए। इसके साथ ही रोड सेफ्टी के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही बसों व वाहनों के पीछे रिफ्लेक्टर लगाने और रिफ्लेक्टर टेप का इस्तेमाल करने के महत्व पर जोर दिया। इसी क्रम में वासुदेवा सिटी बस ऑपरेशन लिमिटेड (ग्रीन सेल) के बिजनेस हेड जितेंद्र सिंह ने बस चालकों को संबोधित करते हुए ड्राइवरों के लिए 8 महत्वपूर्ण सुरक्षा सुझावो को बहुत ही बारीकी से समझाया।
जो निम्न प्रकार से है-
*हर जगह, हर समय पैदल चलने वालों पर नजर रखें।*
*रात के समय या खराब मौसम जैसी कठिन परिस्थितियों में वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।*
*मोड़ते समय या क्रॉसवॉक में प्रवेश करते समय गति धीमी रखें और रुकने के लिए तैयार रहें।*
*क्रॉसवॉक पर पैदल चलने वालों को रास्ता दें और क्रॉसवॉक से काफी पीछे रुकें, ताकि अन्य वाहनों को क्रॉसिंग पर पैदल चलने वालों को देखने का अवसर मिले और वे भी रुक सकें।*
*क्रॉसवॉक पर रुके वाहनों को कभी भी पार न करें। हो सकता है कि लोग वहाँ से गुजर रहे हों जहाँ आप देख नहीं सकते।*
*शराब और/या नशीली दवाओं के प्रभाव में कभी भी वाहन न चलाएं।*
*गति सीमा का पालन करें, विशेषकर सड़क पर लोगों के आसपास, स्कूल क्षेत्रों में तथा ऐसे मोहल्लों में जहां बच्चे मौजूद हों।*
*पीछे हटते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें और पैदल चलने वालों पर ध्यान दें।*
ऑपरेशन हेड सौरभ पाण्डेय ने बस चालकों को यातायात के प्रति जागरुक करते हुए बताया की पैदल यात्री सुरक्षा कार्यक्रम सुरक्षित प्रणाली दृष्टिकोण पर केंद्रित हैं,
जिसके कुछ मुख्य घटक हैं जो इस प्रकार है:-
*सुरक्षित लोग : हमारी सड़कों का उपयोग करने वाले लोगों को सुरक्षित, जिम्मेदार व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करें, तथा ऐसी परिस्थितियां बनाएं जो उनके गंतव्य तक बिना किसी नुकसान के पहुंचने की उनकी क्षमता को प्राथमिकता दें।*
*सुरक्षित गति : विचारशील, लक्षित, संदर्भ-उपयुक्त आउटरीच अभियानों के साथ-साथ विवेकपूर्ण प्रवर्तन के संयोजन के माध्यम से सभी सड़क परिवेशों में सुरक्षित गति को बढ़ावा देना।*
*सुरक्षित सड़कें : सुरक्षित व्यवहार को प्रोत्साहित करने तथा सबसे कमजोर उपयोगकर्ताओं द्वारा सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए, मानवीय गलतियों और चोट सहनशीलता को समायोजित करने के लिए सड़क वातावरण को डिजाइन करना।*
*सुरक्षित वाहन : वाहन डिजाइन और सुविधाओं की उपलब्धता का विस्तार करना, जो दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करें तथा वाहन में बैठे लोगों और गैर-वाहनों दोनों पर दुर्घटनाओं के प्रभाव को न्यूनतम करें।*
*दुर्घटना के बाद देखभाल : आपातकालीन चिकित्सा देखभाल तक त्वरित पहुँच के माध्यम से दुर्घटनाओं में लोगों की उत्तरजीविता को बढ़ाना।*
*महत्वपूर्ण प्रथम उत्तरदाताओं के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण बनाएँ और मज़बूत ट्रैफ़िक घटना प्रबंधन प्रथाओं के माध्यम से द्वितीयक दुर्घटनाओं को रोकें।*
यदि आप सब इन मुख्य बातों को ध्यान में रखकर यातायात नियमों का गंभीरता से पालन करेंगे तो शायद दुर्घटनाओं में काफी कमी आ सकती है। यातायात जागरुकता कार्यक्रम मे संस्थान के बिजनेस हेड जितेंद्र सिंह, ऑपरेशन हेड सौरभ पाण्डेय, रोड सेफ्टी मैनेजर शिव आशीष महाराणा,सौरभ डे,अमित कुमार, डी.ओ. नवीन चंद्रा,अरुण कुमार पाण्डेय,अमन कुमार सहित तमाम चालकगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
रिपोर्ट:- अंकुर गुप्ता यूपी आजतक न्यूज चैनल।
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