लखनऊ12जून*यूपी में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी 60 साल से पहले हो सकेंगे रिहा, योगी सरकार का फैसला*
प्रदेश में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदियों को अब 60 साल की उम्र से पहले रिहाई मिल सकती है। नई कारावास नीति के तहत समय पूर्व कैदियों की रिहाई पर विचार किया जाएगा। हालांकि इसके लिए दो शर्ते हैं। पहली शर्त ये कि कैदी को बिना छूट के दोषी ने जेल में 16 साल की सजा पूरी की हो। इसके अलावा दूसरी शर्त ये कि कैदी की रिहाई तभी होगी जब उसने छूट के साथ 20 साल की सजा पूरी की हो। इसके अलावा एक और शर्त है और वो ये कि इसका फायदा सिर्फ हत्या के मामले में दोषी कैदी को ही मिलेगा।
नई कारावास नीति के तहत हत्या का दोषी जिसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है उसे समय से पहले रिहा करने पर विचार किया जाएगा। समय पूर्व रिहाई की नीति यूपी सरकार ने साल 2018 में ही तैयार कर ली थी लेकिन समय सीमा का निर्धारण नहीं हो पाया था। अब इसपर फैसला लिया गया है। 2021 में आजीवन कारावास मामले में रिहाई की उम्र 60 साल तय की गई थी लेकिन इस नियम को पिछले महीने खत्म कर दिया गया।
इस नीति से यूपी की जेलों में बढ़ रहा बोझ कम होगा। यूपी के प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, फतेहगढ़, इटावा और आगरा के केंद्रीय कारागार में दोष सिद्ध किए गए कैदियों को रखा जाता है। यूपी की जेलों में 70 हजार कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन इस वक्त यूपी की जेलों में 1.14 लाख कैदी बंद हैं। जेल अधिकारी के मुताबिक इनमें से 30 हजार कैदियों को दोषी करार दिया गया है जिनमें से 12 हजार आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं। यूपी कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग ने केंद्रीय कारागारों को चिट्ठी लिखकर उन कैदियों की जानकारी मांगी है जो समय पूर्व रिहाई की कैटेगिरी में आते हैं।
 
 
 
 
 

 
                   
                   
                   
                  
More Stories
लखनऊ31अक्टूबर25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर रात 10 बजे की बड़ी खबरें……………….*
प्रतापगढ़31अक्टूबर25* सपूत DIG राजीव पाण्डेय को ‘केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक’
लखनऊ31अक्टूबर25*यूपीआजतक न्यूज चैनल पर शाम 7 बजे की बड़ी खबरें……………….*