June 21, 2025

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रोहतास20जून25*बिहार आखरी घर कब्रिस्तान के चंदे का हिसाब मांगने पर सदर को मिला जान से मारने की धमकी

रोहतास20जून25*बिहार आखरी घर कब्रिस्तान के चंदे का हिसाब मांगने पर सदर को मिला जान से मारने की धमकी

*बिग ब्रेकिंग*
*डेहरी रोहतास बिहार*

रोहतास20जून25*बिहार आखरी घर कब्रिस्तान के चंदे का हिसाब मांगने पर सदर को मिला जान से मारने की धमकी

केस नंबर 512M/का सनहा हुआ दर्ज*

*विगत 11,वर्षों से आवाम से मिले चंदे का हिसाब मांगने पर झगड़े पर उतारू हो गए कमेटी के लोग*

*बस्तीपुर कब्रिस्तान का लेखा-जोखा मांगने पर हुआ हाथापाई ,मामला चंदे की पैसो की हिसाब का है,*

डिहरी के तारबंगला -बीएमपी रोड पर स्थित कब्रिस्तान की हिसाब का मामला इन दिनों चर्चा में है। इस कब्रिस्तान के रख -रखाव का खर्च लोगो के चंदा पर ही चलता है। लिए गए चंदा वसूली का लेखा जोखा सही -सही नहीं देने का आरोप पहले के कब्रिस्तान कमिटी के सदर महमूद आलम ने लगाया है।
सही-सही कब्रिस्तान का लेखा नहीं देने पर जावेद अनवर ,पड्डू अंसारी ,जलील अंसारी और एजाज अंसारी सब मिलकर सदर महमूद आलम को मारने और गाली देने का आवेदन अनुमंडल दंडाधिकारी डिहरी को दिनांक 5 जून 2025 को को दिया है।
इनका कहना है कि सन 2023 में मुझे बस्तीपुर कब्रिस्तान का सदर चुना गया था। इसके सचिव जावेद अनवर और कैशियर पड्डू अंसारी बने थे। सहयोग राशि का सालाना हिसाब 2023 से 2025 तक बकाया है। बीते तीन साल का हिसाब 3,83,275 रूपये दिया गया। जबकि इस राशि में से 2 47 748 रूपये खर्च बताया गया है। सदर महमूद द्वारा खर्च का ब्यौरा माँगा तो सचिव और कैशियर भड़क गए। तब ये लोग
यह कहते चले गए कि तफसील से हिसाब नहीं देंगे। ज्यादा बोले तो बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।
कब्रिस्तान मामले में कुर्बान अंसारी बताते है कि अवाम का चन्दा है तो इनको हिसाब देने में क्या परेशानी है ? ये लोग गाली-गलौज और मारने -पीटने की बात क्यों करने लगते है। इसका मतलब है कि पैसो का गबन हुआ है। पिछले तीन साल का नहीं बल्कि कुल ग्यारह साल का हिसाब और NRC, के नाम पर जो 53,000 हजार रुपए आए थे उन सब पैसों का हिसाब किताब आवाम के सामने नहीं रखा गया है। कुर्बान अंसारी आगे बताते है कि चंदा के 5 ,10 का कूपन छपता है और उससे भी
वसूली होती है। क्रम संख्या के हिसाब से कूपन दस हज़ार से लाख के डिजिट में रहता है। लेकिन सभी वसूले गए पैसो का हिसाब गायब हो चूका है। हिसाब मांगने पर जबरस्तान कमिटी के लोगो को मिर्ची क्यों लगती है ? सच्चे और ईमानदार है तो हिसाब दे।

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