October 14, 2025

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रोहतक14अक्टूबर25*हरियाणा सरकार मृतक आईपीएस अधिकारी वाई. पूर्ण कुमार एडीजीपी के परिवार को न्याय दिलाने में विफल रही है-कम्युनिस्ट

रोहतक14अक्टूबर25*हरियाणा सरकार मृतक आईपीएस अधिकारी वाई. पूर्ण कुमार एडीजीपी के परिवार को न्याय दिलाने में विफल रही है-कम्युनिस्ट

रोहतक14अक्टूबर25*हरियाणा सरकार मृतक आईपीएस अधिकारी वाई. पूर्ण कुमार एडीजीपी के परिवार को न्याय दिलाने में विफल रही है-कम्युनिस्ट

 

रोहतक 14.10.2025सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के पोलिट ब्यूरो सदस्य सत्यवान ने बेहद दुख के साथ शोक-संवेदना प्रकट करते हुए चिंता के साथ कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार मृतक आईपीएस अधिकारी वाई. पूर्ण कुमार एडीजीपी के परिवार को न्याय दिलाने में अभी तक विफल रही है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह से ज्यादा अरसा बीत चुका है कि रोहतक के एसपी की बदली जैसे सामान्य कदम उठाने के अलावा नायब सिंह सैनी सरकार ने इस मामले में न तो किसी प्रकार की जांच शुरू कराई है और न ही मृतक अधिकारी की पत्नी श्रीमती अमनीत पी. कुमार द्वारा दर्ज कराई एफआईआर में नामित अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है। इस प्रकरण में एकमात्र संतोष की बात यह है कि प्रदेश की विभिन्न सामाजिक समूहों समेत प्रदेश की जनता ने एक स्वर से न्याय के लिए आवाज बुलंद की है जिससे पीड़ित परिवार को ढांढस व सांत्वना मिलती है।

एसयूसीआई नेता सत्यवान ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने बहुत सारे सवालों को धरातल पर ला दिया है कि भाजपा के सुशासन में सत्ता के शीर्ष पर बैठी ब्यूरोक्रेसी ने किस तरह से अपने हाथों में बेलगाम अपार शक्ति केंद्रित कर ली है। यही कारण रहा कि एडीजीपी जैसे बड़े पदाधिकारी को कदम कदम पर अपमानित होना पड़ा व पक्षपात का शिकार होना पड़ा। जैसा कि सोशल मीडिया में आया है कि सरकार के स्तर पर भी मृतक अधिकारी को सिर्फ इसलिए पसंद नहीं जाता था कि न केवल दैनिक प्रशासनिक कार्यों में बल्कि किसान आंदोलन से निपटने के मामले में भी वह जनतांत्रिक परिपाटी का पक्षधर रहा। सहज ही समझा जा सकता है कि क्यों उसे डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत पूरे प्रशासकीय गुट की नाराज़गी का शिकार होना पड़ा जिसके कन्धों पर आरएसएस – बीजेपी सरकार की किसान विरोधी व जनतंत्र विरोधी मानसिकता व नीतियों को लागू करने की जिम्मेदारी थी।
सत्यवान ने कहा कि इस दुखद घटना से प्रदेश के लोग बेहद सकते में हैं कि यदि इतने बड़े पद पर आसीन एडीजीपी जैसे अधिकारी भी सत्ताधारी ब्यूरोक्रेसी के हाथों अपना बचाव नहीं कर सके तो आम आदमी का क्या होगा!

एसयूसीआई कम्युनिस्ट की हरियाणा सरकार से मांग है कि उत्पीड़ित परिवार को न्याय प्रदान कराने के लिए इस घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। इसके अलावा एक ऐसे जन-आयोग का गठन किया जाए जो प्रदेश में भेदभाव व जात-पात मुक्त जनतांत्रिक परिपाटी बहाल करने की दिशा में जरूरी कदम सुझाए।

एसयूसीआई कम्युनिस्ट की प्रदेश के लोगों से अपील है कि वे एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ और पुलिस-नागरिक प्रशासन, आर्थिक-सामाजिक मामलों व शिक्षा-चिकित्सा जैसे विकास कार्यों में जनतांत्रिक मानकों को लागू कराने के लिए आवाज़ उठाएं।

जारीकर्ता:
अनूप सिंह मातनहेल
वरिष्ठ सदस्य,
हरियाणा राज्य सचिव मंडल,
एसयूसीआई कम्युनिस्ट
रोहतक।
फोन 01262 – 280113

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