July 5, 2024

UPAAJTAK

TEZ KHABAR, AAP KI KHABAR

रायबरेली28अगस्त2023*बंदरों को दूषित भोजन देकर ना बनाएं बीमार - शिवानी जैन एडवोकेट

रायबरेली28अगस्त2023*बंदरों को दूषित भोजन देकर ना बनाएं बीमार – शिवानी जैन एडवोकेट

रायबरेली28अगस्त2023*बंदरों को दूषित भोजन देकर ना बनाएं बीमार – शिवानी जैन एडवोकेट

रायबरेली। ऑल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन की डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ और जीव दया की स०स०शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि वृंदावन में बंदरों के फेफड़ों में संक्रमण पाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यहां के बंदरों पर रिसर्च में टीबी जैसी बीमारी पाई गई है। इसका विशेष कारण टीवी ग्रसित बीमार लोगों द्वारा खाकर फेके गए फल एवं दूषित भोजन आदि बताया गया है। पर्याप्त मात्रा में भोजन न मिल पाने के कारण बंदरों में खूंखारता भी पाई गई है। बीमार बंदरों का इलाज होना अति आवश्यक है।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड कमेटी मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि पूर्व में इन बंदरों को पड़कर बन्यक्षेत्र में छोड़ने का नगर निगम द्वारा योजना बनाई गई थी। मगर वन विभाग ने पहले बंदरों की स्वास्थ्य परीक्षण की सलाह दी। क्योंकि यदि इन बंदरों को कोई बीमारी होती है तो वहां पर वन्य जीव जंतुओं को भी बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, श्रीराम अकाउंट्स एंड लॉ इंस्टीट्यूट के निर्देशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, संरक्षक राकेश दक्ष एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, आलोक मित्तल एडवोकेट ,सार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जी, शालू सिंह एडवोकेट,सुनीता जैन, डॉ राजेंद्र कुमार जैन, जीव दया के स०स०इंजी० आकाश कुमार जैन,
अनुज जैन, सुनील जैन, प्रशांत जैन,ने जन-जन से आह्वान किया कि कोई भी बीमार व्यक्ति अपना झूठा खाना, फल , दूषित भोजनआदि बंदरों को , या अन्य किसी जीव को खाने के लिए ना दें। क्योंकि आप तो स्वयं बीमार है, इसे खाकर जीव जंतु भी बीमार हो जाएंगे। इस समय वन विभाग के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि इन बीमार बंदरों से अन्य जीव जंतुओं में बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। उन्हें अन्य जीव जंतुओं के स्वास्थ्य की चिंता सता रही है। इसके परिणाम मनुष्यों के लिए भी घातक हो सकते हैं।
वृंदावन के बंदरों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बरेली से आईवीआरआई की एक टीम यहां आई। करीब 100 बंदरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। कुछ मृत बंदरों का पोस्टमार्टम भी किया गया। इसमें सामने आया है कि वृंदावन के बंदर टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।
डीएफओ रजनीकांत मित्तल का कहना है कि अन्य वन्य जीवों को इन टीबी ग्रसित बंदरों से कैसे बचाया जाए।

About The Author

Copyright © All rights reserved. | Newsever by AF themes.