रायबरेली08नवम्बर*गांव में गंदगी का अंबार सफाई कर्मी को देखने के लिए तरस रहे ग्राम प्रधान व ग्रामीण
रायबरेली में हर माह सफाई कर्मियों पर करोड़ों रुपए खर्च, महाराजगंज विकासखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों की नालियां चोक, सार्वजनिक स्थल कूड़ेदान में तब्दील।
महराजगंज के बीडियो सफाई कर्मी से करवा रहे डाकिए का काम, सरकार का सपना स्वच्छ भारत मिशन को लगा रहे पलीता।
महराजगंज/रायबरेली: मकसद था गांव को स्वच्छ बनाने का। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने राजस्व ग्राम स्तर पर सफाई कर्मियों की तैनाती की है। हर माह वेतन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन गांव में सफाई तो दूर ग्राम प्रधान व ग्रामीण सफाई कर्मचारी का चेहरा तक नहीं पहचानते। यह हाल तब है, जबकि ग्राम पंचायत में प्रधान सचिव व ब्लॉक स्तर पर एडीओ पंचायत की तैनाती है। वेतन भुगतान के नाम पर पेरोल का अंगूठा खेल ब्लाकों पर खेला जाता है।
आपको बता दें कि, यूपी के रायबरेली में महराजगंज ब्लाक की ग्राम पंचायतों में लगभग 2 दर्जन से अधिक सफाई कर्मी जिनकी तैनाती गांव में है। जिनमें से विकासखंड क्षेत्र की लगभग एक दर्जन ग्राम पंचायत ऐसी हैं, जहां के ग्राम प्रधान और ग्रामीण अपने यहां तैनात सफाई कर्मी को पहचानते तक नहीं है। उसका कारण यह है कि, इन ग्राम सभाओं में तैनात सफाई कर्मी ब्लॉक मुख्यालय पर दफ्तरों में चहल कदमी करते हुए नजर आते हैं, और दिन भर अधिकारियों की हां हजूरी करने में बिता देते हैं। इनमें से कुछ एक सफाई कर्मी तो बीडियो के दफ्तर में तैनाती है, जो दिन भर इस दफ्तर से उस दफ्तर डाकिए का काम करते हैं। ऐसे में गांव की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।
सफाई के मामले में महराजगंज विकासखंड क्षेत्र की ग्राम सभा कैर का एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां ग्राम प्रधान और ग्रामीणों की शिकायत है कि, वह अपने ग्राम सभा में तैनात किए गए सफाई कर्मी को पहचाननते तक नहीं है। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान ने जब से प्रधानी का पद संभाला है। तबसे उन्होंने कैर ग्राम सभा में सफाई कर्मी को ड्यूटी करते हुए नहीं देखा। स्वच्छता के नाम पर इस ग्रामसभा का आलम यह है कि, नालियां चोक पड़ी हुई है। जगह जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है। सार्वजनिक स्थल तो कूड़ेदान में तब्दील हो चुके हैं। जिसकी दुर्गंध से गांव वालों का जीना मुश्किल हो गया है।
इस बाबत ग्रामीणों ने कई बार संबंधित उच्चाधिकारियों को लिखित रूप से जानकारी दी, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते विकासखंड क्षेत्र का कैर गांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन से कोसों दूर नजर आ रहा है।
ग्राम प्रधान मंसाराम पाल समेत ग्रामीणों पवन कुमार श्रीवास्तव, श्रीकांत अवस्थी, रामकुमार आदि का आरोप है कि, गांव में तैनात सफाई कर्मी काफी प्रयास करने के बावजूद लंबे समय से गांव नहीं आ रहा है। ग्राम प्रधान स्वयं ने भी कई बार खंड विकास अधिकारी से लेकर डीपीआरओ तक शिकायत की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वह खुद एक शिकायती पत्र अफसरों को दे चुके हैं, पर कुछ नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में कैर ग्राम सभा के ग्रामीण सफाई के मामले को लेकर विषम परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। और ग्रामीणों को डर है कि, गंदगी के चलते कहीं उनका गांव किसी संक्रमण की चपेट में ना आ जाए।
इस संबंध में जब कैर ग्राम सभा में तैनात सफाई कर्मी राजाराम से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, बीडियो ने उनकी ड्यूटी अपने कार्यालय में लगा रखी है। उन्होंने कई बार साहब! से कहा कि, उनकी ड्यूटी गांव में लगाई जाए, लेकिन साहब सुनने को तैयार नहीं है। राजाराम ने बताया कि, यहां तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उनसे पूरा दिन डाकिए का काम करवाया जाता है। कागजों को इस दफ्तर से उस तब तक ले जाने का काम वह दिन भर करते रहते हैं। अगर उन्हें यहां के कामों से मुक्ति मिल जाए, तभी तो वह ग्राम सभा में पहुंचकर वहां के साफ सफाई की व्यवस्था देखेंगे।
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